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भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है, जिसमें आने वाले दशकों में 8 प्रतिशत की वृद्धि की संभावनाएं हैं: उपराष्ट्रपति


उपराष्ट्रपति ने कहा भारत वैश्विक स्तर पर संभावनाओं वाला स्थान बन गया है और उत्तर प्रदेश में भरपूर गतिविधियां हो रही हैं  

स्थानीय से वैश्विक: भारत के आर्थिक उत्थान को गति दे रहा है: श्री धनखड़

उपराष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश के 'उत्तम प्रदेश' में बदलने की सराहना की

प्रधानमंत्री मोदी के विजन और सीएम योगी के नेतृत्व के बीच तालमेल 2047 तक विकसित भारत की ओर भारत की यात्रा को गति दे रहा है: उपराष्ट्रपति धनखड़

उपराष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया

Posted On: 25 SEP 2024 3:53PM by PIB Delhi

भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि भारत अब दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और वैश्विक निवेश के लिए एक पसंदीदा स्थान है। ग्रेटर नोएडा में आयोजित उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शो 2024 के दूसरे संस्करण में उद्घाटन वक्तव्य देते हुए श्री धनखड़ ने कहा, "आज, भारत लगभग 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है, जिसमें आने वाले दशकों में 8 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है। भारत अब एक वैश्विक संभावनाओं वाला स्थान है और उत्तर प्रदेश में भरपूर गतिविधियां हो रही हैं।

देश के बुनियादी ढांचे के विकास की प्रशंसा करते हुए, श्री धनखड़ ने सालाना 8 नए हवाई अड्डों के जुड़ने, मेट्रो प्रणालियों के तेजी से विस्तार और प्रतिदिन 28 किलोमीटर राजमार्ग के निर्माण का हवाला दिया। श्री धनखड़ ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आकार ले रहे 12 नए औद्योगिक क्षेत्रों की ओर इशारा किया, जो विनिर्माण को बढ़ावा देंगे और भारत को एआई, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और सेमीकंडक्टर जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने की स्थिति में लाएंगे।

उपराष्ट्रपति ने भारत के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण प्रगति पर जोर देते हुए कहा, "अब हमारे पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है, और हवाई अड्डों वाले शहरों की संख्या 70 से बढ़कर दोगुनी 140 हो गई है। भारत 800 मिलियन से अधिक ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं के साथ वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा कनेक्टेड देश है।" उन्होंने डिजिटल प्रौद्योगिकियों के प्रभाव पर भी प्रकाश डाला, जिसने 170 मिलियन लोगों के लिए आवास, 60 मिलियन लोगों के लिए स्वास्थ्य कवरेज और 58 मिलियन छोटे व्यवसायों को सालाना ऋण उपलब्ध कराया है।

उन्होंने कहा, "डिजिटल वित्तीय लेन-देन के मामले विश्व में सबसे ज्यादा भारत में है, यहाँ हर महीने 13 बिलियन लेन-देन होते हैं। इसके अलावा, हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम का दावा करते हैं, जिसमें 117 यूनिकॉर्न और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी क्रय शक्ति शामिल है।"

श्री धनखड़ ने सेमीकंडक्टर उद्योग के महत्व को भी रेखांकित करते हुए कहा, “यह उद्योग, जो हमारे विकास के लिए महत्वपूर्ण है, 2026 तक इसके 55 बिलियन डॉलर को पार कर जाने का अनुमान है। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह सदी भारत की है”, उन्होंने कहा।

इसके अतिरिक्त, उपराष्ट्रपति ने भारत की "मेक इन इंडिया" से "संकल्पना, डिजाइन और मेक इन इंडिया" तक की उल्लेखनीय छलांग पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत अब अपनी स्वयं की अवधारणा के विकास में लगा हुआ है, जिसमें बहुराष्ट्रीय निगम और भारतीय कंपनियां दोनों ही एक तालमेलपूर्ण रुख अपना रही हैं।

 

श्री धनखड़ ने कहा कि यह आयोजन प्रधानमंत्री मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण के अनुरूप है और 'स्थानीय से वैश्विक' के आदर्श वाक्य को अपनाता है। उन्होंने कहा, पहले यह “वोकल फॉर लोकल” था और अब हम इसे “लोकल से ग्लोबल” के साथ अगले स्तर पर ले जा रहे हैं। भारत की प्रगति विभिन्न क्षेत्रों में स्पष्ट है और यह व्यापार मेला उस विकास को आगे बढ़ाने के लिए सही केंद्रबिन्दु का  काम करता है।"

श्री धनखड़ ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के क्रियान्वयन के बीच तालमेल के तहत उत्तर प्रदेश के उत्तम प्रदेश में तब्दील होने की सराहना की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यही तालमेल 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रहा है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस तरह चुनौतियों से घिरा उत्तर प्रदेश, प्रगति और विकास का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा, "निवेश के लिए कानून और व्यवस्था से बढ़कर कुछ भी नहीं है। कानून और व्यवस्था लोकतंत्र को परिभाषित करती है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून और व्यवस्था को परिभाषित करते हैं!"

उपराष्ट्रपति ने व्यापार शो में भागीदार देश के रूप में वियतनाम को  प्रदर्शित करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला, इसे एक स्वाभाविक साझेदारी के रूप में बताया जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा और साथ ही अंतर्राष्ट्रीय मामलों में ग्लोबल साउथ की बड़ी भूमिका के संकल्प को मजबूत करेगा। उपराष्ट्रपति ने कहा, "वियतनाम का जीडीपी 435 बिलियन डॉलर है और हम उनके असाधारण उत्पादों और अभिनव विनिर्माण प्रथाओं को देखने के लिए उत्सुक हैं।"

श्री धनखड़ ने कहा, "देश भर में इस अभूतपूर्व आर्थिक उछाल और अभूतपूर्व बुनियादी ढांचे के विकास में, सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जो कुछ साल पहले मौजूद परिदृश्य से अलग है।" उपराष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में, उत्तर प्रदेश 2027 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगा, जो भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

अपने विशाल संसाधनों, बढ़ती आबादी और रणनीतिक अवस्थिति के साथ, उत्तर प्रदेश भारत की आर्थिक प्रगति को गति देने वाले विकास इंजन के रूप में उभर रहा है। उपराष्ट्रपति ने कहा, "उत्तर प्रदेश अब एक सोई हुई महाशक्ति नहीं है; यह अब एक क्रियाशील राज्य है, जो उपजाऊ भूमि, युवा कार्यबल, धार्मिक पर्यटन और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र जैसी अपनी खूबियों का लाभ उठा रहा है।"

अतीत को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, "एक दशक पहले हमारी अर्थव्यवस्था डगमगा रही थी और राष्ट्र का मूड अस्थिर था। लेकिन पिछले दशक में अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं।"

अंत में उपराष्ट्रपति ने सामूहिक प्रयास का आह्वान करते हुए कहा, "देवियो और सज्जनो, जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, हम उत्तर प्रदेश के लिए एक नई सुबह देख रहे हैं - एक ऐसा भविष्य जहां हमारा देश व्यापार, नवाचार और सांस्कृतिक विरासत में एक वैश्विक नेता के रूप में ऊंचा स्थान प्राप्त करेगा।"

उपराष्ट्रपति ने परिसर में प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री जीतन राम मांझी, उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई, निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी', उत्तर प्रदेश सरकार के एमएसएमई, खादी और ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा और वस्त्र मंत्री श्री राकेश सचान और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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