उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
केंद्र ने मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में मरम्मत योग्यता सूचकांक सम्बंधी रूपरेखा तैयार करने के लिए समिति का गठन किया
समिति, तकनीकी उद्योग में नवीकरणीय कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने और उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए मरम्मत योग्यता सूचकांक के ढांचे को मजबूत करने सिफारिश करेगी
Posted On:
24 SEP 2024 3:14PM by PIB Delhi
सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग (डीओसीए) ने अपर सचिव श्री भरत खेड़ा की अध्यक्षता में मरम्मत योग्यता सूचकांक के लिए एक मजबूत ढांचे की सिफारिश करने और उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने तथा तकनीकी उद्योग में नवीकरणीय कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की है। मरम्मत योग्यता सूचकांक विकसित करके, डीओसीए उपभोक्ताओं के लिए उनके उत्पादों की मरम्मत सम्बंधी जानकारी में अधिक पारदर्शिता लाना चाहता है और अधिक अक्षय प्रौद्योगिकी उद्योग को बढ़ावा देना चाहता है।
उपभोक्ता अधिकारों और सतत क्षमता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में मरम्मत के अधिकार विषय पर 29 अगस्त, 2024 को आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में, उत्पाद डिजाइन में दीर्घजीवन को बढ़ावा देने और मरम्मत की जानकारी तक पहुंच के साथ-साथ उत्पादों के बंद होने के बाद भी स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता के बारे में मरम्मत सूचकांक के घटकों के मूल्यांकन के लिए रूपरेखा के संदर्भ में आम सहमति बनाने के लिए उद्योग के हितधारकों को एक साथ लाया गया।
ऐसा माना जाता है कि मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की मांग सबसे तेजी से बढ़ रही है और इनके उपयोग में लाये जाने की अवधि सबसे कम है। कार्यशाला में विचार-विमर्श के दौरान व्यापक रूप से माना गया कि मरम्मत योग्यता सूचकांक सम्बंधी रूपरेखा का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उत्पाद की मरम्मत के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान करना, साथ ही स्पेयर पार्ट्स तक निर्बाध पहुंच से ग्राहक को जानकारी पूर्ण निर्णय लेने में सक्षम बनाना है।
मरम्मत योग्यता सूचकांक, एक उपभोक्ता-केंद्रित सूचकांक होगा, जो उपभोक्ताओं को किसी उत्पाद से सम्बंधित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है, जो उसकी मरम्मत की जरूरत के आधार पर होती है। इसके अलावा यह मरम्मत की जरूरत का आकलन करने के तरीके को मानकीकृत कर सकता है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए मरम्मत योग्यता सूचकांक के आधार पर उत्पादों की तुलना करना आसान हो जाता है, जिससे मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों में सूचित विकल्पों का एक इको-सिस्टम बनता है।
सूचकांक, मरम्मत की योग्यता के आकलन को मानकीकृत करके एक ऐसा इको-सिस्टम तैयार करेगा जहां उपभोक्ता आसानी से उत्पादों की तुलना कर सकेंगे और ऐसे विकल्प चुन सकेंगे जो उत्पादों के विचारपूर्वक उपभोग और सतत क्षमता के सिद्धांतों के साथ श्रेणीबद्ध हों। इस प्रकार, मरम्मत को सक्षम करने से न केवल किफायती मरम्मत विकल्पों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी बल्कि उत्पादों की मरम्मत के लिए सूचना अंतराल को पाटकर उपभोक्ता संतुष्टि में भी सुधार होगा।
मरम्मत इको-सिस्टम के प्रमुख घटकों में शामिल हैं:
- व्यापक मरम्मत जानकारी: मरम्मत नियमावली/डीआईवाई, निदान, और आवश्यक उपकरणों और कलपूर्जों की सूची तक पहुंच।
- सुलभ स्पेयर पार्ट्स: आसानी से पहचान योग्य और समय पर स्पेयर पार्ट्स की डिलीवरी।
- किफायती उपकरण: उपभोक्ताओं के लिए सस्ते, व्यापक रूप से उपलब्ध और सुरक्षित उपकरण।
- मॉड्यूलर डिजाइन: स्वतंत्र पहुंच और मॉड्यूलरिटी के लिए डिज़ाइन किए गए प्रमुख घटक।
- आर्थिक व्यवहार्यता: यह सुनिश्चित करना कि मरम्मत के कल पूर्जो और श्रम की लागत का उपभोक्ता वहन कर सके।
उपर्युक्त आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए समिति से ऐसी नीतियों/नियमों/दिशानिर्देशों के लिए सक्षम ढांचे की सिफारिश करने की अपेक्षा की जाती है, जिसमें मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में मौजूदा नियामक, प्रावधानों के साथ मरम्मत और मरम्मत सूचकांक के एकीकरण का समर्थन करते हैं, ताकि उनके स्वामित्व वाले मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के पुन: उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाया जा सके।
समिति में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और एमएसएमई के वरिष्ठ प्रतिनिधि, डीओसीए के संयुक्त सचिव और श्री अनुपम मिश्रा,एनटीएच के महानिदेशक श्री डॉ. आलोक कुमार श्रीवास्तव, डीओसीए की निदेशक डॉ. एबीएस शालिनी, इंडियन सैलूलर इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, श्री पंकज मोहिंद्रू, और कंपनियों के हितधारक जैसे सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के वरिष्ठ निदेशक और समूह अग्रणी श्री राज शाउसरकारी मामले और प्लेटफ़ॉर्म तथा डिवाइस के लिए नीति प्रमुख, गूगल इंडिया, सुश्री अदिति चतुर्वेदी, एंटरप्राइज़ व्यवसाय (भारत क्षेत्र) एचएमडी मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड प्रमुख- श्री वासुदीप,उपभोक्ता कार्यकर्ता- सुश्री पुष्पा गिरिमाजी, और कंपनियों के अन्य प्रतिनिधि शामिल हैं।
यह समिति 15 नवंबर, 2024 तक भारतीय संदर्भ में मरम्मत योग्यता सूचकांक के लिए रूपरेखा सहित एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
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एमजी/एआर/वीके/एचबी
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