विधि एवं न्‍याय मंत्रालय

पोक्सो के लिए फास्ट ट्रैक विशेष अदालत

Posted On: 09 AUG 2024 12:38PM by PIB Bhopal

आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 2018 के अनुसरण में, केंद्र सरकार बलात्कार और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम से संबंधित लंबित मामलों के शीघ्र परीक्षण और समयबद्ध तरीके से निपटान के लिए अक्टूबर, 2019 से विशेष पोक्सो अदालतों सहित फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (एफटीएससी) की स्थापना के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना को लागू कर रही है।

इस योजना को प्रारंभ में एक वर्ष के लिए लागू किया गया था, जिसे मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया था। अब इस योजना को 1952.23 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 31.03.2026 तक बढ़ा दिया गया है, जिसमें 1207.24 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा निर्भया फंड से खर्च किया जाएगा। यह धन राशि 1 न्यायिक अधिकारी और 7 सहायक कर्मचारियों के वेतन और दिन-प्रतिदिन के खर्चों को पूरा करने के लिए फ्लेक्सी अनुदान को कवर करने के लिए सीएसएस पैटर्न (60:40, 90:10) पर जारी की जाएगी। एफटीएससी योजना के तहत, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को प्रतिपूर्ति के आधार पर धनराशि जारी की जाती है, जिसका निर्धारण संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में कार्यरत अदालतों की संख्या के आधार पर किया जाता है। योजना की शुरुआत से लेकर अब तक, एफटीएससी योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा आवंटित और जारी की गई वर्षवार धनराशि इस प्रकार है:

(करोड़ रुपए में)

वित्तीय वर्ष

आवंटित बजट

जारी की गई धनराशि में केंद्र का भाग

2019-20

140.00

140.00

2020-21

160.00

160.00

2021-22

180.00

134.55*

2022-23

200.00

200.00

2023-24

200.00

200.00

2024-25

200.00

82.78 (अभी तक)

कुल

1080.00

917.33

*कोविड और राज्यों द्वारा नई पीएफएमएस प्रणाली को लागू करने में समय लगने के कारण वर्ष 2021-22 में आवंटित बजट के मुकाबले कम धनराशि जारी की गई।

 

मई, 2024 तक उच्च न्यायालयों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, देश भर के 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 410 विशेष यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण - पोक्सो (ई-पोक्सो) न्यायालयों सहित 755 एफटीएससी कार्यरत हैं, जिन्होंने 2,53,000 से अधिक मामलों का निपटारा किया है। 31.05.2024 तक निपटाए गए मामलों की संख्या के साथ-साथ कार्यरत फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों की संख्या का राज्यवार विवरण अनुलग्नक में है।

अनुलग्नक के लिए यहां क्लिक करें।

यह जानकारी विधि एवं न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/एआर/पीकेए/एनजे

 


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