वित्‍त मंत्रालय

आर्थिक समीक्षा 2023-24 के अनुसार, सरकार के सामाजिक क्षेत्र में 2016 से लगातार वृद्धि हो रही है

वित्त वर्ष 2018-24 के बीच सामाजिक कल्याण खर्च सीएजीआर का 12.8 प्रतिशत रहा

स्वास्थ्य खर्च बढ़कर सीएजीआर का 15.8 प्रतिशत हुआ

सामाजिक सेवाओं का खर्च बढ़कर जीडीपी का 7.8 प्रतिशत हुआ; वित्त वर्ष 2024 में स्वास्थ्य खर्च बढ़कर 1.9 प्रतिशत रहा

Posted On: 22 JUL 2024 2:51PM by PIB Bhopal

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आर्थिक समीक्षा 2023-24 पेश करते हुए कहा कि हाल के वर्षों में भारत की उच्च और सतत आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ सामाजिक और संस्थागत प्रगति हो रही है, जो सशक्तिकरण के साथ सरकारी कार्यक्रमों के परिवर्तनकारी और प्रभावी कार्यान्वयन पर आधारित है।

सामाजिक सेवाओं पर सरकार के खर्च में वित्त वर्ष 2016 से लगातार वृद्धि हो रही है, जिसमें देश के नागरिकों के सामाजिक कल्याण के कई पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। वित्त वर्ष 2018 और वित्त वर्ष 2024 के बीच में, कल्याण व्यय कुल वार्षिक विकास दर (सीएजीआर) का 12.8 प्रतिशत रहा है, जबकि स्वास्थ्य में खर्च सीएजीआर का 15.8 प्रतिशत रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में सामाजिक सेवाओं पर कुल खर्च 23.5 लाख करोड़ रुपये हुआ है, जिसमें स्वास्थ्य पर खर्च बढ़कर 5.85 लाख करोड़ रुपये हुआ है। जबकि 2017-18 में सामाजिक सेवाओं पर कुल खर्च 11.39 लाख करोड़ रुपये और स्वास्थ्य पर खर्च 2.43 लाख करोड़ रुपये रहा था।

वर्तमान में, सामाजिक सेवाओं पर खर्च जीडीपी का 2017-18 में 6.7 प्रतिशत की तुलना में 2023-24 में बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गया है। इसी अवधि में स्वास्थ्य खर्च 1.4 प्रतिशत से बढ़कर 1.9 प्रतिशत हो गया है। समीक्षा में वर्तमान कुल खर्च को दर्शाया गया है, जिसमें सामाजिक सेवाओं पर खर्च में 2023-24 में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें स्वास्थ्य में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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एनबी/एमजी/एआर/हिंदी इकाई-4



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