नीति आयोग

नीति आयोग कल ‘इलेक्ट्रॉनिक्स: वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भागीदारी को सशक्त बनाना’ विषय पर रिपोर्ट जारी करेगा


वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में शामिल होकर ‘मेक-इन-इंडिया’ को गति देने का लक्ष्य

विकसित भारत की यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा

Posted On: 17 JUL 2024 2:59PM by PIB Delhi

नीति आयोग कल 18 जुलाई, 2024 को “इलेक्ट्रॉनिक्स: वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भागीदारी को सशक्त बनाना” शीर्षक से अपनी रिपोर्ट जारी करेगा। यह रिपोर्ट भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के दायरे एवं चुनौतियों सहित उसके व्यापक विश्लेषण का परिणाम है। यह रिपोर्ट देश को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग केन्द्र बनने की रूपरेखा प्रस्तुत करती है।

वर्तमान परिदृश्य में, अंतरराष्ट्रीय व्यापार के 70 प्रतिशत हिस्से में ग्लोबल वैल्यू चेन (जीवीसी) से जुड़ी सामग्रियां शामिल हैं, जो भारत के लिए अपनी जीवीसी भागीदारी बढ़ाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर देता है। इस लक्ष्य को इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर, ऑटोमोबाइल, रसायन और फार्मास्यूटिकल जैसे क्षेत्रों, जो जीवीसी परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, को प्राथमिकता देकर हासिल किया जा सकता है। जीवीसी के भीतर, इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा जीवीसी के जरिए होता है।

वित्तीय वर्ष 2023 के दौरान, भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र ने एक उल्लेखनीय मूल्य का निर्यात किया और इसने भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में 5.32 प्रतिशत की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी का योगदान दिया। इस क्षेत्र का निर्यात संबंधी प्रदर्शन वैश्विक बाजार में इसकी प्रतिस्पर्धात्मकता और अंतरराष्ट्रीय मांग को भुनाने की क्षमता को दर्शाता है। इसने वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स परिदृश्य में भारत की स्थिति को भी बेहतर किया है। जीवीसी भागीदारी के मामले में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का स्थान काफी ऊंचा है। यह किसी विशेष देश या अर्थव्यवस्था तक ही सीमित नहीं है और कई भौगोलिक क्षेत्रों एवं फर्मों में फैला हुआ है।

वर्तमान में, भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक सामानों की अंतिम असेंबली शामिल है। अब जबकि ब्रांड और डिजाइन फर्मों ने भारत में इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग सेवा (ईएमएस) कंपनियों को असेंबली, परीक्षण और पैकेजिंग कार्यों को तेजी से आउटसोर्स करना शुरू कर दिया है, डिजाइन और कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग से संबंधित इकोसिस्टम अभी शुरुआती चरण में है।

विकसित भारत बनने की दिशा में भारत की यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस लक्ष्य को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में शामिल होकर तथा मेक-इन-इंडिया को गति देकर हासिल किया जा सकता है। इस परिप्रेक्ष्य में, नीति आयोग इस विषय पर एक व्यापक रिपोर्ट जारी करेगा जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में मैन्यूफैक्चरिंग पावरहाउस बनने के उद्देश्य से देश के लिए एक रूपरेखा प्रस्तुत की जायेगी।  

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