मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने उत्तरी-पूर्वी राज्यों के पशुपालन और डेयरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव/निदेशकों और योजना अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की
Posted On:
14 FEB 2024 5:07PM by PIB Delhi
नई दिल्ली में आज पशुपालन और डेयरी विभाग की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के लिए आयोजित क्षेत्रीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव के साथ-साथ उत्तरी-पूर्वी राज्यों, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के पशुपालन और डेयरी विभाग के संबंधित निदेशक के साथ विभाग के कार्यक्रमों/योजनाओं के कार्यान्वयन की प्रगति पर चर्चा की। समीक्षा बैठक में भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अतिरिक्त सचिव, संयुक्त सचिव, मुख्य लेखा नियंत्रक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने उत्तरी-पूर्वी राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम), राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) के तहत उद्यमिता विकास, राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी), डेयरी प्रसंस्करण और बुनियादी ढांचा विकास निधि (डीआईडीएफ), राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) जैसी सभी पशुपालन और डेयरी योजनाओं की वास्तविक और वित्तीय प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने योजनाओं के तहत उत्तरी-पूर्वी राज्यों के पास पड़ी शेष राशि जो खर्च नहीं हुई है उसके उपयोग और निस्तारण की आवश्यकता पर जोर दिया और राज्यों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपनी वार्षिक कार्य योजनाओं एवं मांगों को तुरंत अंतिम रूप देकर केंद्र सरकार को भेजने का निर्देश दिया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्यों को चारा टास्क फोर्स के निर्माण, पशुधन बीमा, आईवीएफ लैब्स की स्थापना को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य पशुपालन एवं डेयरी विभाग को प्रदेश के भीतर बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए एनएडीसीपी योजना के संबंध में राज्यों को फीडबैक देने का निर्देश दिया। उन्होंने डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण के रूप में डेयरी सहकारी समितियों के साथ-साथ दुग्ध उत्पादक कंपनियों की स्थापना पर बल दिया।
पुनः संगठित पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (रीअलाइन्ड एनिमल हसबेंडरी इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट फंड )(एएचआईडीएफ) पोर्टल शुरू करने के साथ ही उन्होंने राज्यों को लाभार्थियों के बीच इस योजना को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि वे अधिक से अधिक लाभ अर्जित कर सकें और उद्यमिता को बढ़ावा दे सकें।
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