उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

उपभोक्ता कार्य विभाग की वर्षांत समीक्षा- 2023


उपभोक्ता कार्य विभाग ने 2023 के दौरान 140 नए मूल्य रिपोर्टिंग केंद्र खोले, कुल संख्या बढ़कर 550 हुई

केंद्र ने 60 रुपये प्रति किलोग्राम पैक और 55 रुपये प्रति किलोग्राम भाव पर 30 किलोग्राम के पैक में चना दाल की खुदरा बिक्री 'भारत दाल' के रूप में शुरू की

साल 2023 में 8 नियम/ विनियम/ दिशानिर्देश अधिसूचित

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन को नया रूप दिया गया

अप्रैल 2023 से नवंबर 2023 तक 1,320 मानक (455 नए और 865 संशोधित) तैयार किए गए और 2,118 मानकों की समीक्षा की गई

Posted On: 20 DEC 2023 5:03PM by PIB Delhi

उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत उपभोक्ता मामलों के विभाग ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि पर नियंत्रण रखने से लेकर मूल्य निगरानी को मजबूत करने और लोगों को उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरूक करने तक के लिए पूरे वर्ष ठोस प्रयास किए।

वर्ष 2023 में विभाग की प्रमुख पहल एवं उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

मूल्य निगरानी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में प्रयास

मूल्य निगरानी प्रकोष्‍ठ देश के उत्तर, पश्चिम, पूर्व, दक्षिण और पूर्वोत्‍तर क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले देश भर के 550 बाजार केंद्रों से एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर 22 आवश्यक वस्तुओं (चावल, गेहूं, आटा, चना दाल, तुअर यानी अरहर दाल, उड़द दाल, मूंग दाल, मसूर दाल, चीनी, गुड़, मूंगफली तेल, सरसों तेल, वनस्पति, सूरजमुखी तेल, सोया तेल, पाम ऑयल, चाय, दूध, आलू, प्याज, टमाटर और नमक) के थोक एवं खुदरा मूल्यों पर नजर रखता है। ये मूल्‍य मोबाइल ऐप के जरिये जुटाए जाते हैं। इसके अलावा, निम्नलिखित उपलब्धियां हासिल की गई हैं:

  1. वर्ष के दौरान 140 नए मूल्य रिपोर्टिंग केंद्र खोले गए। मूल्य रिपोर्टिंग केंद्रों की संख्या 1 जनवरी, 2023 को 410 थी जो बढ़कर अब 550 हो चुकी है।
  2. मूल्य निगरानी प्रकोष्‍ठ को मजबूत करने के लिए योजना के परिचालन दिशानिर्देश 19 अगस्‍त, 2021 को जारी किए गए थे।
  3. मूल्य निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को वर्ष के दौरान 6,23,68,711 रुपये प्रदान किए गए।
  4. रिपोर्टिंग के लिए मोबाइल ऐप 1 जनवरी, 2021 से चालू हो चुका है। सभी मूल्य संग्रह केंद्र मोबाइल ऐप के जरिये दैनिक मूल्य रिपोर्टिंग में स्थानांतरित हो गए हैं।
  5. मूल्य पूर्वानुमान मॉडल विकसित किया गया है।

 

मूल्य में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष

प्याज, आलू, दालों आदि कुछ वस्‍तुओं की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव दिखता है। फसल कटाई के समय और उसके तुरंत बाद इन वस्‍तुओं की थोक एवं खुदरा कीमतों में आम तौर पर भारी गिरावट देखी जाती है। मगर भंडारित स्टॉक खत्म होने के साथ ही कीमतें बढ़ने लगती हैं। प्याज, आलू और दलहन के मामले में इसे स्पष्ट तौर पर देखा जाता है। कीमतों में इस प्रकार का उतार-चढ़ाव उपभोक्ताओं को व्‍यापक तौर पर प्रभावित करता है। इन वस्तुओं की कीमतों में असामान्य वृद्धि होने से उपभोक्‍ताओं का खाद्य उपभोग बजट बढ़ जाता है। कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव से सट्टेबाजी भी होने लगती है जो खुदरा बाजार में कीमतों को और प्रभावित करती है।

भारत दाल का शुभांरभ

उपभोक्ताओं को कम कीमत पर दाल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार के पास उपलब्‍ध चना स्‍टॉक को चना दाल में बदलकर खुदरा निपटान के लिए जुलाई 2023 में भारत दाल को जारी किया गया। भारत दाल सेना, सीएपीएफ, राज्य सरकारों और उपभोक्ताओं को 60 रुपये प्रति किलोग्राम मूल्‍य पर 1 किलोग्राम का पैक और 55 रुपये प्रति किलोग्राम भाव पर 30 किलोग्राम का पैक की रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जा रही है। भारत दाल की खुदरा बिक्री देश भर में 3,836 खुदरा आउटलेट- स्टेशनरी एवं मोबाइल आउटलेट- के जरिये की जा रही है। इसी प्रकार, सरकार ने उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर खुदरा बिक्री के लिए बफर स्‍टॉक से मूंग को मूंग दाल और मूंग साबुत में बदलने का निर्णय लिया है। सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए सस्‍ती दरों पर आटा उपलब्‍ध कराने के लिए 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती कीमत पर भारत आटा को भी बाजार में उतारा है।

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का आयोजन

नई दिल्‍ली के वाणि‍ज्‍य भवन में 15 मार्च, 2023 को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का विषय था- 'स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के जरिये उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना।' केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और  वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इसके अलावा, विभाग ने पूरे उद्योग में कई सम्मेलनों का आयोजन किया। मार्च में उपभोक्ता और बीमा क्षेत्र पर एक राउंड टेबल सम्मेलन के अलावा विभाग ने चंडीगढ़ में 'उत्तरी राज्यों में उपभोक्ता संरक्षण' विषय पर एक कार्यशाला, मुंबई में 'रियल एस्टेट क्षेत्र से संबंधित शिकायतों का प्रभावी ढंग से निवारण कैसे करें' विषय पर राउंड टेबल सम्मेलन, मुंबई में ही 'डार्क पैटर्न' पर हितधारकों के साथ विचार-विमर्श, विशाखापत्‍तनम में उपभोक्‍ता संरक्षण पर केंद्रित कार्यशाला आदि का भी आयोजन किया।

2023 में अधिसूचित नियम/ विनियम/ दिशानिर्देश

वर्ष 2023 के दौरान उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत निम्नलिखित नियम/ विनियम/ दिशानिर्देश अधिसूचित किए गए हैं:

  1. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (समूह 'बी' पद) भर्ती नियम, 2023
  2. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (समूह '' पद) भर्ती नियम, 2023
  3. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (रजिस्ट्रार) भर्ती नियम, 2023
  4. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवा के अन्य नियम एवं शर्तें) नियम, 2023
  5. उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) (संशोधन) नियम, 2023
  6. उपभोक्ता संरक्षण (उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग) (संशोधन) नियम, 2023
  7. उपभोक्ता संरक्षण (नियुक्ति के लिए योग्यता, विधि, प्रक्रिया, पद की अवधि, राज्य आयोग एवं जिला आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का इस्तीफा और निष्कासन) (संशोधन) नियम, 2023
  8. डार्क पैटर्न की रोकथाम एवं विनियमन के लिए दिशानिर्देश, 2023

 

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने डार्क पैटर्न की रोकथाम एवं विनियमन, 2023 के लिए दिशानिर्देश जारी किए

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने डार्क पैटर्न की रोकथाम एवं विनियमन के लिए दिशानिर्देश जारी किए। सीसीपए ने डार्क पैटर्न को विनियमित करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 18(2)(1) के तहत दिशानिर्देश जारी किए, जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(28) और 2(47) के तहत परिभाषित 'भ्रामक विज्ञापन' अथवा 'अनुचित व्यापार प्रथा' की प्रकृति के समान भ्रामक प्रथाएं हैं। इन दिशानिर्देशों के तहत 13 प्रकार के डार्क पैटर्न बताए गए हैं जिनमें फॉल्‍स अर्जेंसी, बास्केट स्नीकिंग, कन्फर्म शेमिंग, फोर्स्ड एक्शन, सब्सक्रिप्शन ट्रैप, इंटरफेस इंटरफेरेंस, बैट एंड स्विच, ड्रिप प्राइसिंग, डिस्‍गाइज्‍ड एडवरटीजमेंट्स एंड नेगिंग, ट्रिक वर्डिंग, सास बिलिंग और रॉग मालवेयर शामिल हैं। इन दिशानिर्देशों को उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और विशेष तौर पर तेजी उभर रहे डिजिटल क्षेत्र में एक निष्पक्ष एवं पारदर्शी बाजार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अधिसूचित किया गया है।

ई-फाइलिंग की दिशा में प्रयास

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के तहत, उपभोक्ताओं/वकीलों को ई-दाखिल पोर्टल के जरिये अपने घर से या कहीं भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा प्रदान करने के लिए edaakhil.nic.in नाम से एक उपभोक्ता आयोग ऑनलाइन आवेदन पोर्टल विकसित किया गया है। इस ई-दाखिल पोर्टल पर शिकायत शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करने की सुविधा दी गई है। साथ ही ऑफलाइन भुगतान किए जाने पर शुल्क के भुगतान का प्रमाण अपलोड करने का भी विकल्प प्रदान किया गया है। अब अपील भी ई-दाखिल पर दायर की जा सकती है।

ई-दाखिल पोर्टल को फिलहाल एनसीडीआरसी और लद्दाख को छोड़कर 35 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में ऐक्सेस किया जा सकता है।

मामलों का निपटान

उपभोक्ता कार्य विभाग द्वारा की गई विभिन्न पहल, जैसे तमाम क्षेत्रीय कार्यशालाओं, खास राज्यों के लिए बैठककों और विभिन्न क्षेत्रों के लिए खास सम्मेलनों का आयोजन, के परिणामस्वरूप जुलाई 2022 से मामलों के त्वरित एवं कुशलतापूर्वक निपटान की दिशा में एक महत्वपूर्ण सकारात्मक बदलाव आया है। कई राज्यों और जिला आयोगों में निपटान दर 100 प्रतिशत से अधिक है। विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए काफी तत्‍परता से कदम उठा रहा है कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 का उद्देश्य यानी मामलों का त्वरित, प्रभावी एवं समय पर निपटान को हासिल किया जा सके।

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन में सुधार

विभाग ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) में सुधार करते हुए उस एक नया रूप दिया है। यह मुकदमेबाजी से पहले के चरण में शिकायतों को निपटाने के लिए देश भर के उपभोक्‍ताओं तक पहुंचने के लिए एक प्रमुख माध्‍यम के तौर पर उभरा है। उपभोक्ता टोल-फ्री नंबर 1915 के जरिये देश भर में कहीं से भी 17 भाषाओं में अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। इन शिकायतों को अपनी सुविधा के अुनसार व्‍हाट्सऐप, एसएमएस, मेल, एनसीएच ऐप, वेब पोर्टल, उमंग ऐप आदि विभिन्न चैनलों के जरिये एकीकृत शिकायत निपटान तंत्र (आईएनजीआरएएम) पर दर्ज किया जा सकता है तो एक ओमनी चैनल आईटी सक्षम केंद्रीय पोर्टल है।

कॉन्‍फोनेट

वर्ष 2007 में लॉन्च किए गए कॉन्‍फोनेट ऐप्लिकेशन को प्रौद्योगिकी, सुरक्षा एवं उपयोगिता में उन्नयन के साथ आधुनिक बनाया गया है। यह उन्नयन एवं आधुनिकीकरण विभिन्न हितधारकों से मिले फीडबैक के आधार पर किया गया है। ई-जागृति नामक उन्नत एवं अत्याधुनिक नए केंद्रीय सॉफ्टवेयर ऐप्लिकेशन से उपभोक्ता मामलों की प्रबंधन प्रक्रिया में उल्लेखनीय सुधार होगा। इस नए ऐप्लिकेशन ने सीएमएस, ओसीएमएस, ई-दाखिल और एनसीडीआरसी मॉड्यूल को एक ही प्‍लेटफॉर्म पर एकीकृत कर दिया है।

उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए और न्‍याय को उनके दरवाजे तक पहुंचाने के उद्देश्य से एनसीडीआरसी के 10 पीठों और एससीडीआरसी के 35 पीठों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं। यह नई सेवा उपभोक्ता आयोगों को हाइब्रिड सुनवाई के जरिये मामलों की सुनवाई करने में मदद करेगी। इससे याचिकाकर्ताओं, वकीलों और संगठनों को दूर से ही सुनवाई के दौरान मौजूद रहने में मदद मिलेगी। साथ ही यह बड़ी तादाद में मामलों को निपटाने और तेजी से सुनवाई करने में भी सहायता करेगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं की खरीदारी का आदेश दे दिया गया है और उपभोक्ताओं के लिए ये सेवाएं 2024 के आरंभ से उपलब्ध होंगी।

मानक तैयार करना

अप्रैल 2023 से 25 नवंबर 2023 के दौरान 1,320 मानक (455 नए और 865 संशोधित) तैयार किए गए और 2,118 मानकों की समीक्षा की गई। 25 नवंबर 2023 तक लागू मानकों की कुल संख्या 22,320 है। साथ ही 8,500 भारतीय मानकों को आईएसओ/ आईईसी मानकों के साथ सुसंगत बनाया गया है।

मानकों के विकास में नई पहल: मानकों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एसएनएपी) 2022-27

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय (एनएसबी) के रूप में अपनी जिम्मेदारी प्रभावी तौर पर निभाने के लिए मानकों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एसएनएपी) 2022-27 तैयार की है। इसे केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा 06 जनवरी 2023 को औपचारिक तौर पर जारी किया गया।

बीआईएस ने यह कार्य योजना तैयार करने के लिए विभिन्‍न हितधारकों के साथ व्‍यापक विचार-विमर्श किया है। इसमें सरकारी नीतियों एवं प्राथमिकताओं पर उचित ध्यान दिया गया है। मानकों के विकास के लिए चिन्हित विषयों पर मानकीकरण संबंधी कार्यों को प्राथमिकता देने के लिए उपलब्ध आईएसओ दिशानिर्देशों के तहत द्वितियक अनुसंधान प्रक्रिया के जरिये राष्ट्रीय सामाजिक-आर्थिक जरूरतों का आकलन किया गया। एसएनएपी 2022-27 में कुल 34 सेक्टर, 138 फील्ड और 533 विषय क्षेत्रों की पहचान की गई है।

हॉलमार्किंग की दिशा में प्रयास

1 अप्रैल, 2023 से 25 नवंबर, 2023 की अवधि में हॉलमार्किंग पंजीकरण की संख्या 1,60,866 से बढ़कर 1,84,296 हो चुकी है। इसी प्रकार, बीआईएस से मान्यता प्राप्त जांच एवं हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या 1,403 से बढ़कर 1,499 हो गई है। इस दौरान 26 ऑफ-साइट केंद्रों को भी मान्यता दी गई। इस अवधि में सोने और चांदी के आभूषणों/ कलाकृतियों की 10.39 करोड़ वस्तुओं को हॉलमार्क किया गया।

सोने के आभूषणों/ कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के लिए भारत सरकार की ओर से 6 सितंबर 2023 को गुणवत्ता नियंत्रण आदेश में संशोधन जारी किया गया। इससे देश में अनिवार्य हॉलमार्किंग के दायरे में आने वाले जिलों की संख्या 288 जिलों से बढ़कर 343 जिले हो गई, जहां 1 जून 2022 से कम से कम एक जांच एवं हॉलमार्किंग केंद्र मौजूद है।

अनिवार्य हॉलमार्किंग आदेश के कार्यान्वयन के लिए एएचसी में जांच एवं हॉलमार्किंग गतिविधियों के स्वचालन के लिए छह अंकों वाले एचयूआईडी (हॉलमार्किंग यूनिक आईडी) के नए हॉलमार्क के साथ एक नई ऑनलाइन प्रणाली को 1 जुलाई 2021 से चालू किया गया। हॉलमार्किंग के लिए एचयूआईडी आधारित प्रणाली के शुरू होने के बाद 25 नवंबर 2023 तक सोने के आभूषणों/ कलाकृतियों की 30.54 करोड़ वस्तुओं को हॉलमार्क किया जा चुका है।

आईएस 1417:2016 के अनुसार 999 और 995 की शुद्धता में सोने सिक्‍कों की हॉलमार्किंग अक्टूबर 2015 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत अब तक यानी 25 नवंबर 2023 तक 50 लाइसेंस सोने के सिक्कों/ईंटों की रिफाइनरियों/भारत सरकार के टकसालों को दिए गए हैं।

भारत सरकार ने 5 नवंबर 2015 को स्वर्ण मुद्रीकरण योजना शुरू की थी। अब तक 48 एएंडएच केंद्र और एक ज्‍वैलर संग्रह एवं शुद्धता परीक्षण केंद्र (सीपीटीसी) के तौर पर काम करने के लिए पात्र हुए हैं। इस दौरान उपयुक्‍त स्‍थानों पर केंद्र स्थापित करने के लिए 3 एएंडएच केंद्रों को हॉलमार्किंग योजना के तहत केंद्रीय सहायता प्रदान की गई। क्षमता निर्माण के लिए बीआईएस अधिकारियों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।

नई दिल्‍ली में 2-3 नवंबर 2023 को जी-20 मानक संवाद 2023

भारत की जी-20 अध्यक्षता ढांचे के तहत बीआईएस ने नई दिल्‍ली के आईटीपीओ के भारत मंडपम में 2 से 3 नवंबर 2023 को जी-20 मानक संवाद 2023 का आयोजन किया। संवाद में 'जीरो डिफेक्‍ट, जीरो इफेक्‍ट' हासिल करने के लिए समावेशी मानकीकरण एवं अच्छी नियामकीय प्रथाओं के जरिये सस्‍टेनेबिलिटी हासिल करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया। यह कार्यक्रम भारत सरकार के उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सहयोग और मार्गदर्शन से आयोजित किया गया। संवाद में इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर स्‍टैंडराइजेशन (आईएसओ), इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (आईईसी) और इंटरनेशनल टेलीकम्‍युनिकेशन यूनियन (आईटीयू), जी-20 सदस्य देशों के राष्ट्रीय मानक निकायों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों और आमंत्रित देशों एवं मिशनों, मंत्रालयों, नियामकों, प्रत्‍यायन निकायों, उद्योगों, उद्योग संगठनों, प्रयोगशालाओं, शिक्षाविदों और भारत के उपभोक्‍ता संगठनों की उत्साहजनक प्रतिक्रिया और भागीदारी देखी गई। संवाद में लगभग 750 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जी-20 मानक संवाद के तहत उद्घाटन समारोह के अलावा तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। उसके बाद समापन सत्र में कार्यक्रम के विषय 'जीरो डिफेक्‍ट, जीरो इफेक्‍ट' पर जी-20 सदस्यों एवं आमंत्रित प्रतिनिधियों ने वक्‍तव्‍य दिया।

लीगल मेट्रोलॉजी की ओर कदम

लीगल मेट्रोलॉजी द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए ऑनलाइन पोर्टल:

लीगल मेट्रोलॉजी यानी विधिक माप विज्ञान के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली सभी सेवाएं विभिन्‍न पोर्टल के जरिये ऑनलाइन हो चुकी हैं। ये पोर्टल कारोबारी सुगमता सुनिश्चित करने और अनुपालन बोझ को कम करने के लिए हैं। प्रमाणीकरण का कार्य काफी तेज हो चुका है और आवेदन आदि जमा करने में लगने वाला समय कम हो गया है।

एनएसडब्ल्यूएस पोर्टल: लीगल मेट्रोलॉजी द्वारा प्रदान की जाने वाली निम्नलिखित दो सेवाएं www.nsws.gov.in पोर्टल पर उपलब्‍ध हैं

(क) बाट और माप के मॉडल का अनुमोदन

(ख) पैकेटबंद वस्तुओं के निर्माताओं/ पैकिंग करने वालों/ आयातकों का पंजीकरण

उपभोक्ता कार्य विभाग द्वारा विकसित पोर्टल www.lm.doca.gov.in का उपयोग निम्नलिखित के लिए आवेदन जमा करने/ प्रमाण पत्र जारी करने के लिए किया जाता है:

(क) किसी कंपनी के निदेशक का नामांकन

(ख) अधिनियम की धारा 19 के तहत वजन एवं माप उपकरण के आयात का पंजीकरण

 

कारोबारी सुगमता के लिए नियमों में निम्नलिखित संशोधन किए गए हैं:

लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट, 2009 की धारा 49 कंपनियों को अपने किसी निदेशक को कंपनी के कारोबार के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में नामित करने की अनुमति देती है। विभिन्न उद्योगों से ऐसे व्यक्ति को नामांकित करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था जिसके पास वास्तव में कारोबार या किसी शाखा का अधिकार और जिम्मेदारी है। अनुपालन बोझ को कम करने के लिए लीगल मेट्रोलॉजी (सामान्य) नियम, 2011 में संशोधन किया गया है। इसके तहत विभिन्न संस्‍थानों अथवा शाखाओं या विभिन्न इकाइयों वाली कंपनियों को एक ऐसे अधिकारी को नामित करने की अनुमति दी गई है जिसके पास विभिन्‍न शाखाओं अथवा इकाइयों की गतिविधियों के लिए योजना बनाने, निर्देश देने और नियंत्रण संबंधी अधिकार एवं जिम्मेदारी है।

इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद उद्योग में अगर घोषनाएं पैकेज में न किया जा सके तो उसे क्यूआर कोड के जरिये डिजिटल तौर पर कुछ अनिवार्य घोषणाएं करने की अनुमति देने के लिए लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम, 2011 में संशोधन किया गया था। मौजूदा डिजिटल दौर में प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए क्यूआर कोड के जरिये अनिवार्य घोषणाएं करने की अनुमति दी गई है। इसके तहत की गई घोषणाओं को देखने के लिए क्‍यूआर कोड को स्कैन किया जा सकता है।

पहले से पैकेटबंद वस्तुओं पर विनिर्माण वर्ष एवं माह की घोषणा करने और ई-कॉमर्स के जरिये मंगाई जाने वाली खुली वस्तुओं के लिए उपभोक्ताओं के हितों में कुछ घोषणाएं करने के लिए लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम, 2011 में संशोधन किया गया है।

जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2023 को 2023 के अधिनियम संख्या 18 के रूप में प्रकाशित किया गया है। इस विधेयक के तहत लीगल मेट्रोलॉजी एक्‍ट, 2009 सहित 19 मंत्रालयों/ विभागों के 42 अधिनियमों में संशोधन किया गया है। उक्त अधिनियम के जरिये लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट, 2009 की 7 धाराओं को फौजदारी अपराध से मुक्त कर दिया गया है।

जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) अधिनियम 2023 की धारा 1 की उपधारा (2) के अनुसार, संबंधित मंत्रालय/ विभाग ऐसी अधिसूचनाएं जारी कर सकते हैं जिनमें संशोधनों को लागू करने के लिए तारीख की घोषणा संबंधित मंत्रालयों/ विभागों द्वारा की जा सकती है। यह अधिसूचना जारी कर दी गई है और ये संशोधन 1 अक्‍टूबर 2023 से लागू हो चुके हैं।

ओआईएमएल 1955 में स्‍थापित एक अंतरसरकारी संगठन है

भारत 1956 में इसका सदस्य बना। इसमें 63 सदस्य देश और 64 संबंधित सदस्य हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में वजन या माप की बिक्री के लिए ओआईएमएल पैटर्न अनुमोदन प्रमाण पत्र अनिवार्य है। भारत अब दुनिया में कहीं भी बाट एवं माप उपकरणों की बिक्री के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत ओआईएमएल प्रमाण पत्र जारी करने वाला प्राधिकरण बन गया है।

घरेलू विनिर्माता अब बिना किसी अतिरिक्त परीक्षण शुल्क के अपने वजन एवं माप उपकरणों को दुनिया भर में निर्यात कर सकते हैं। इससे उनकी लागत में उल्‍लेखनीय बचत होगी। भारत हमारे प्रमाणित आरआरएसएल से ओआईएमएल पैटर्न अनुमोदन प्रमाण पत्र जारी करके विदेशी विनिर्माताओं की भी मदद कर सकता है। विदेशी विनिर्माताओं को वजन एवं माप उपकरणों के लिए ओआईएमएल अनुमोदन प्रमाण पत्र जारी करके भारत शुल्क आदि के जरिये विदेशी मुद्रा भी अर्जित कर सकेगा।

भारत अब ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, चीन, चेक गणराज्य, जर्मनी, डेनमार्क, फ्रांस, ब्रिटेन, जापान, नीदरलैंड, स्वीडन और स्लोवाकिया सहित उन देशों के खास समूह में शामिल हो गया है, जो ओआईएमएल अनुमोदन प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत है। भारत इस समूह में शामिल होने वाला 13वां देश है।

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म सहित सभी वस्तुओं के लिए मूल देश संबंधी प्रावधान का अनुपालन

  1. उपभोक्ताओं के हितों में ई-कॉमर्स कंपनियों सहित सभी आयातकों के लिए आयातित उत्पादों के मूल देश की घोषणा करना आवश्यक है।
  2. डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य जानकारी घोषित करने संबंधी नियमों के प्रावधानों का अनुपालन न करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों को विभिन्न नोटिस जारी किए गए हैं।
  3. बार-बार उल्‍लंघन करने वालों के खिलाफ मामले अदालत में दायर किए जा रहे हैं।

 

विभिन्‍न प्रकार की एडवाइजरी जारी की गई:

  1. उपभोक्ताओं/ उपयोगकर्ताओं के हितों को ध्‍यान में रखते हुए वेल्डिंग इलेक्ट्रोड को वेल्डिंग रॉड के व्यास के अनुसार वजन (आवश्यक मानक के अनुरूप) में पैक करने और बेचने के लिए विनिर्माताओं/ आयातकों/ पैकिंग करने वालों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के लीगल मेट्रोलॉजी नियंत्रकों को एडवाइजरी जारी की गई है।
  2. सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के लीगल मेट्रोलॉजी नियंत्रकों को एक अन्‍य एडवाइजरी/ निर्देश जारी किया है। इसमें फील्ड अधिकारियों को खुदरा बिक्री के लिए सर्जिकल एवं औद्योगिक दस्ताने के मामले में लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम, 2011 के तहत निर्धारित प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उचित निर्देश देने के लिए कहा गया है। यह संज्ञान में आया था कि लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम, 2011 के तहत आवश्यक अनिवार्य घोषणाओं का अनुपालन न करते हुए बाजार में कम गुणवत्‍ता वाले सर्जिकल एवं औद्योगिक दस्तानों का आयात और देश भर में बिक्री की जा रही है।
  3. सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के लीगल मेट्रोलॉजी नियंत्रकों को एक एडवाइजरी/ निर्देश जारी किया गया है, जिसमें फील्ड अधिकारियों को लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम, 2011 के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश देने के लिए कहा गया है। साथ ही यह भी अनुरोध किया गया है कि अगर सरकार सरकार/ एनपीपीए/ किसी अन्य वैधानिक निकाय द्वारा कीमतों में संशोधित करने की अनुमति दी गई है, तो उद्योग को सरकार/ एनपीपीए/ किसी अन्य वैधानिक निकाय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार कीमतों में संशोधन करने की अनुमति दी जा सकती है।
  4. पेट्रोलियम उद्योग की कठिनाइयों को समझने और कारोबारी सुगमता सुनिश्चित करने के लिए 9 जून 2023 को नई दिल्‍ली के विज्ञान भवन में एक राउंड टेबल कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के बाद उपभोक्ताओं और खुदरा डीलरों के हित में राज्य सरकारों और तेल विपणन कंपनियों को विभिन्न एडवाइजरी/ निर्देश जारी किए गए।

 

उपभोक्ताओं की जागरूकता के लिए पहल

  • उपभोक्ता कार्य विभाग आम जनता और उपभोक्ताओं के फायदे के लिए नीतियों को व्‍यापक तौर पर लागू करता है। वह इस प्रक्रिया में उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करते हुए जागरूकता पैदा करता है। विभाग ने उपभोक्ता अधिकारों और सूचना संबंधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य की दिशा में विभिन्न पहल की है। इन पहलों के जरिये विशेष तौर पर ग्रामीण एवं पिछड़े इलाकों में उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता पैदा करना आवश्यक है ताकि उपभोक्ताओं को उसका फायदा हो और उन्हें अपनी पसंद के बारे में बेहतर जानकारी मिल सके।
  • उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने के महत्व को पहचानते हुए उपभोक्ता कार्य विभाग देश भर में 'जागो ग्राहक जागो' नाम से मल्टीमीडिया जागरूकता अभियान चला रहा है। सरल संदेशों के जरिये उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी वाली प्रथाओं एवं समस्याओं के प्रति जागरूक किया जा रहा है और उन्‍हें निवारण की जानकारी दी जा रही है।
  • अभियान को मजबूती देने और बेहतरीन जागरूकता के लिए विभाग ने एक नया शुभंकर 'जागृति' को लॉन्च किया जो सभी उपभोक्ताओं के साथ भलीभांति तालमेल बिठाता है। विभाग अपने सभी मीडिया अभियान में 'जागृति' शुभंकर और 'जागो ग्राहक जागो' टैगलाइन का उपयोग कर रहा है ताकि उपभोक्‍ता जागरूकता टैगलाइन के साथ ब्रांडों का बेहतर तालमेल सुनिश्चित हो सके।
  • उपभोक्ता जागरूकता पैदा करने के लिए ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) के जरिये विभिन्न विषयों पर ऑडियो स्पॉट (आरजे द्वारा लाइव संदेश) चलाए गए। विभाग ने एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट, 2023 और आईसीसी क्रिकेट विश्व कप, 2023 के दौरान उपभोक्ता जागरूकता संबंधी जिंगल प्रसारित किए।
  • उपभोक्ता जागरूकता पैदा करने के लिए डीडी नेशनल और दूरदर्शन नेटवर्क के क्षेत्रीय चैनलों पर वीडियो स्पॉट प्रसारित किए।
  • विभाग उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाने के लिए छोटे और मझोले शहरों में वीडियो स्‍पॉट चलाने के लिए सिनेमा घरों का उपयोग कर रहा है।
  • बढ़ते डिजिटलीकरण के कारण सोशल मीडिया का प्रभाव जबरदस्‍त है और वह समाज अथवा लोगों को संवेदनशील बनाने में मदद करता है। विभाग के सोशल मीडिया हैंडल https://twitter.com/jagograhakjago, https://www.facebook com/ConsumerAdvocacy/  https://www.instagram.com/consumeraffairs_goi/ Koo एवं अन्‍य सार्वजनिक ऐप प्‍लेटफॉर्म पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 और विभाग की अन्य पहलों पर क्रिएटिव एवं ऑडियो/ विजुअल पोस्ट नियमित तौर पर अपलोड किए जा रहे हैं ताकि उपभोक्ताओं को शिक्षित और सशक्त बनाया जा सके। ये ट्वीट उपभोक्ताओं को निवारण ढांचा सहित अन्‍य महत्‍वपूर्ण जानकारी हासिल करने में मददगार हैं।
  • विशेष तौर पर देश के पिछड़े इलाकों में रहने वाले लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए विभाग विभिन्न मेलों/ त्योहारों/ कार्यक्रमों में भाग लेता है। विभाग ने नई दिल्ली में आयोजित भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) 2023 में भाग लिया और मेला अवधि के दौरान टिकटों एवं होर्डिंग्स के जरिये प्रचार किया।
  • इस आंदोलन को ग्रामीण इलाकों और दूरदराज के पिछड़े क्षेत्रों में फैलाने के लिए इस जागरूकता अभियान में राज्य सरकारों की सक्रिय भागीदारी काफी महत्वपूर्ण है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश की सरकारें उपभोक्ता जागरूकता का दायरा बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। विभाग ने नागालैंड हॉर्नबिल महोत्सव, 2023 में नागालैंड राज्य के जरिये भाग लिया है।

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