प्रधानमंत्री कार्यालय

प्रधानमंत्री ने यूनेस्को के क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में कोझिकोड को ‘साहित्य की नगरी’ और ग्वालियर को ‘संगीत की नगरी’ के रूप में शामिल किए जाने की सराहना की

Posted On: 01 NOV 2023 4:56PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने यूनेस्को के क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में कोझिकोड को साहित्य की नगरी और ग्वालियर को संगीत की नगरी के रूप में शामिल किए जाने की सराहना की है। श्री मोदी ने कोझिकोड और ग्वालियर के लोगों को इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई दी।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि कोझिकोड की समृद्ध साहित्यिक विरासत से भारत की सांस्कृतिक जीवंतता वैश्विक मंच पर और भी अधिक चमक रही है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर ने जिस प्रतिबद्धता के साथ संगीत की विरासत को संजोया और समृद्ध किया है, उसकी गूंज दुनियाभर में सुनाई दे रही है। 

केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री जी किशन रेड्डी द्वारा एक्स पर की गई पोस्ट को उद्धृत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा

कोझिकोड की समृद्ध साहित्यिक विरासत से भारत की सांस्कृतिक जीवंतता वैश्विक मंच पर और भी अधिक चमक रही है और ग्वालियर की सुरीली विरासत अब प्रतिष्ठित यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क में शामिल हो गई है।

कोझिकोड और ग्वालियर के लोगों को इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई!

अब जबकि हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दी गई इस मान्यता का जश्न मना रहे हैं, हमारा राष्ट्र हमारी विविध सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित और बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

यह सराहना हर उस व्यक्ति के सामूहिक प्रयासों को भी दर्शाती है जो हमारी अनूठी सांस्कृतिक गाथाओं को प्रोत्साहित और साझा करने के लिए समर्पित है।

“യുനെസ്‌കോയുടെ 'സാഹിത്യ നഗരം' ബഹുമതി ലഭിച്ചതോടെ സാഹിത്യ കലയോടുള്ള കോഴിക്കോടിന്റെ അഭിനിവേശം ആഗോളതലത്തിൽ ഇടം നേടിയിരിക്കുന്നു. ഊർജ്ജസ്വലമായ സാഹിത്യ പാരമ്പര്യമുള്ള ഈ നഗരം പഠനത്തെയും കഥാകഥനത്തെയും പ്രതിനിധാനം ചെയ്യുന്നു. സാഹിത്യത്തോടുള്ള കോഴിക്കോടിന്റെ അഗാധമായ സ്നേഹം ലോകമെമ്പാടുമുള്ള എഴുത്തുകാരെയും വായനക്കാരെയും പ്രചോദിപ്പിക്കുന്നത് തുടരട്ടെ.”

“ग्वालियर और संगीत का बहुत खास रिश्ता है। UNESCO से इसे सबसे बड़ा सम्मान मिलना बहुत गर्व की बात है। ग्वालियर ने जिस प्रतिबद्धता के साथ संगीत की विरासत को संजोया और समृद्ध किया है, उसकी गूंज दुनियाभर में सुनाई दे रही है। मेरी कामना है कि इस शहर की संगीत परंपरा और उसे लेकर लोगों का उत्साह और बढ़े, ताकि आने वाली पीढ़ियों को इससे प्रेरणा मिलती रहे।”


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