कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आर्थिक अपराधी अधिनियम लाए जाने के बाद से पिछले लगभग चार वर्षों में आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों से 1.8 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति बरामद की गई है, जबकि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) ने 2014 से अपराधियों की 12 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति कुर्क करने में मदद की है


हाल के वर्षों में, खासकर अक्टूबर 2022 में भारत द्वारा 90वीं इंटरपोल महासभा की मेजबानी के बाद अपराधियों और भगोड़ों के प्रत्यर्पण में भारी वृद्धि हुई है

डॉ. जितेंद्र सिंह ने दिल्ली में सीबीआई मुख्यालय में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग दिवस और अलंकरण समारोह का उद्घाटन किया

2005 से 2013 के बीच यूपीए अवधि के दौरान औसतन लगभग 4 अपराधी/भगोड़े भारत लौटे, जबकि 2014 में प्रधानमंत्री श्री मोदी के सत्ता में आने के बाद यह संख्या बढ़कर 10 हो गई

इस वर्ष अब तक 19 अपराधी/भगोड़े भारत लौटे हैं, 2022 में 27 और 2021 में 18 अपराधियों/भगोड़ों के भारत लौटने सहित पिछले वर्षों में औसतन लगभग 10 लौटकर आए हैं: डॉ. जितेंद्र सिंह

Posted On: 07 SEP 2023 4:18PM by PIB Delhi

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आर्थिक अपराधी अधिनियम लाए जाने के बाद से पिछले लगभग चार वर्षों में आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों से 1.8 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति बरामद की गई है, जबकि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) ने 2014 से अपराधियों की 12 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति कुर्क करने में मदद की है।

यह जानकारी आज केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीबीआई मुख्यालय में एक अलंकरण समारोह में विशिष्‍ट सीबीआई अधिकारियों को भारतीय पुलिस पदक प्रदान करने के बाद प्रथम "अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग दिवस" ​​पर अपने उद्घाटन भाषण में दी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हाल के वर्षों में, खासकर अक्टूबर 2022 में भारत द्वारा 90वीं इंटरपोल महासभा की मेजबानी के बाद अपराधियों और भगोड़ों के प्रत्यर्पण में भारी वृद्धि हुई  है।  

उन्होंने कहा कि यद्यपि इस वर्ष अब तक 19 अपराधी/भगोड़े भारत लौटे हैं, 2022 में 27 और 2021 में 18 अपराधियों/भगोड़ों के भारत लौटने सहित पिछले वर्षों में औसतन लगभग 10 अपराधी/भगोड़े लौटकर आए हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात को रेखांकित किया कि भारत में अपराधियों/भगोड़ों की वापसी में उल्लेखनीय वृद्धि अक्टूबर 2022 में दिल्ली में आयोजित 90वीं इंटरपोल महासभा के पश्‍चात  भारत और अन्य देशों की पुलिस के बीच सहयोग बढ़ने का परिणाम है। इस महासभा का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने किया था।

2018 में आर्थिक अपराधी अधिनियम के अधिनियमन का उल्‍लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार आर्थिक अपराधियों पर सशक्‍त कार्रवाई कर रही है। उन्‍होंने आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों तथा मनी लॉन्डरिंग करने वालों से बड़ी मात्रा में संपत्ति की वसूली और कुर्की के बारे में जानकारी दी।

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, यह अनोखा शुभ संयोग है कि जी20 शिखर सम्मेलन कल हो रहा है और कार्मिक मंत्रालय पहले ही गुरुग्राम, ऋषिकेश और कोलकाता में भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह की बैठकों में विचार-विमर्श कर चुका है और तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों-अर्थात्, सूचना साझा करने के माध्यम से कानून प्रवर्तन सहयोग, संपत्ति वसूली तंत्र को मजबूत करना, और भ्रष्टाचार विरोधी अधिकारियों की सत्‍यनिष्‍ठा और प्रभावशीलता को बढ़ाना में, उच्च-स्तरीय सिद्धांत जैसे कार्रवाई-उन्मुख क्षेत्रों में प्रगति हो रही है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद दिलाते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री श्री मोदी ही थे, जिन्होंने 2018 में जी20 शिखर सम्मेलन में भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और संपत्ति की वसूली के लिए नौ सूत्री एजेंडा पेश किया था और उन्‍होंने इस बात पर प्रसन्‍न्‍ता व्यक्त की कि कार्य समूह द्वारा निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह इस बात पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 16 दिसंबर, 2022 को 7 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग दिवस के रूप में नामित करने के एक ऐतिहासिक प्रस्ताव को अंगीकार किया, जिसे मनाने की शुरुआत 2023 से हो रही है। प्रस्‍ताव में ‘अंतरराष्ट्रीय अपराध, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध की रोकथाम और उससे मुकाबला करने तथा आतंकवाद की रोकथाम और उससे मुकाबला करने से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक, क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय स्तरों पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत बनाने की आवश्‍यकता पर बल दिया गया।’ उन्होंने कहा कि वार्षिक आयोजन के लिए 7 सितंबर की चयनित तारीख, उस तारीख के साथ मेल खाती है जब इंटरपोल की पूर्ववर्ती अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस आयोग (आईसीपीसी) की स्‍थापना 1923 में की गई थी।

डॉ. सिंह ने सूचित किया कि प्रथम अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग दिवस की विशेष थीम पुलिसिंग में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका की स्‍वीकारोक्ति है। इंटरपोल 2023 में अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है और 195 सदस्य देशों के साथ यह दुनिया का सबसे बड़ा पुलिस संगठन है।

इस प्रमुख जांच एजेंसी के संक्षिप्त इतिहास पर प्रकाश डालते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद किया कि 1941 में भारत सरकार के युद्ध और आपूर्ति विभाग से संबंधित लेनदेन में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने के लिए विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के रूप में सादगी से आरंभ होने वाले केंद्रीय जांच ब्यूरो की स्थापना 1963 में भारत के पूर्ण भ्रष्टाचार विरोधी निकाय के रूप में की गई थी।

डॉ. सिंह ने इस बात पर प्रसन्नता प्रकट की कि 2023 सीबीआई का हीरक जयंती वर्ष है और अपने 60 वर्ष के अस्तित्व में सीबीआई भारत की प्रमुख जांच और भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी के रूप में उभरी है तथा रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार से लेकर राज्यों और संवैधानिक न्यायालयों द्वारा सौंपे गए सनसनीखेज और जटिल मामलों, आर्थिक अपराधों और बैंकिंग धोखाधड़ी की जांच के लिए आंतरिक रूप से एक सक्षम संगठन के रूप में विकसित हुई है। अपनी व्यावसायिकता और सत्यनिष्ठा के कारण, इस ब्यूरो ने कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका और आम आदमी का विश्वास हासिल किया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि लोगों का विश्वास जीतना किसी भी संगठन के लिए अग्नि परीक्षा के समान होता है। उन्‍होंने कहा कि सीबीआई ने न केवल जनता का विश्वास हासिल किया है, बल्कि तेजी से बदलते सामाजिक-आर्थिक और तकनीकी परिवेश के साथ तालमेल कायम करते हुए ऑनलाइन बाल यौन उत्‍पीड़न और शोषण, मानव तस्करी, ड्रग्स, वन्य जीवन, सांस्कृतिक संपत्तियों और डिजिटल क्षेत्र में अपराधों से संबंधित जांच के लिए विशिष्ट जांच इकाइयां भी स्थापित की हैं।

उन्होंने कहा, यह कहना बेमानी होगा कि अपराध से लड़ने के बुनियादी सिद्धांत कभी नहीं बदलेंगे और प्रस्तावित ढांचे में मजबूत अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग यह सुनिश्चित करेगा कि दुनिया भर की पुलिस आपस में जुड़ी हुई है। उन्‍होंने कहा कि 21वीं सदी में अपराध और सुरक्षा चुनौतियों से निपटते समय इसे एक मार्गदर्शक सिद्धांत होना चाहिए।

बाद में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीबीआई अधिकारियों को पुलिस पदक प्रदान किए और पुरस्कार विजेताओं और उनके परिजनों को बधाई दी। उन्होंने सीबीआई और उसके अधिकारियों को शुभकामनाएं भी दीं।

<><><>

एमजी/एमएस/आरके/एसके


(Release ID: 1955466) Visitor Counter : 440