पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने सित्‍तवे बंदरगाह पर पहले भारतीय मालवाहक जहाज की अगवानी की


सित्‍तवे बंदरगाह के विकास से कोलकाता और अगरतला तथा आइजोल के बीच सामानों की ढुलाई लागत एवं समय में 50 प्रतिशत की कमी आएगी

यह भारत और म्यांमार तथा व्यापक क्षेत्र में व्‍यापार कनेक्टिविटी तथा दोनों देशों की जनता के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध प्रोत्‍साहित करेगा और सरकार की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' के अंतर्गत पूर्वोत्तर क्षेत्र के आर्थिक विकास में सहायक होगा : श्री सर्बानंद सोनोवाल

Posted On: 09 MAY 2023 2:59PM by PIB Delhi

केन्द्रीय पत्‍तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल और म्यांमार संघ गणराज्य के उप-प्रधानमंत्री तथा परिवहन और संचार मंत्री एडमिरल टिन आंग सान ने संयुक्त रूप से आज म्यांमार के रखाइन राज्य में सित्‍तवे बंदरगाह का उद्घाटन किया। इस आयोजन के दौरान उन्‍होंने पहले भारतीय मालवाहक जहाज की अगवानी की, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता से झंडी दिखाकर रवाना किया गया था।

सित्‍तवे बंदरगाह के संचालन से द्विपक्षीय और क्षेत्रीय व्यापार में वृद्धि होगी और साथ-साथ यह म्यांमार के रखाइन राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान करेगा। बंदरगाह द्वारा दी गई बृहद कनेक्टिविटी से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र में विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी।

केन्द्रीय पत्‍तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री ने उद्घाटन समारोह में भारत और म्यांमार, विशेषकर म्यांमार के रखाइन राज्य, के बीच घनिष्ठ ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सित्‍तवे बंदरगाह जैसे विकास कार्यक्रमों से म्यांमार के लोगों के विकास और समृद्धि के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दोहराया।

इस परियोजना की परिकल्पना मिजोरम को हल्दिया/कोलकाता/म्‍यांमार में कलादान नदी के माध्यम से किसी भी भारतीय बंदरगाहों के साथ वैकल्पिक कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए की गई थी। इस परियोजना में राजमार्ग/मिजोरम से पलेटवा (म्यांमार) से सड़क परिवहन और उसके बाद पलेटवा से अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) द्वारा सित्‍तवे और सित्‍तवे से समुद्री नौवहन से भारत के किसी भी बंदरगाह तक की परिकल्पना की गई है। परियोजना में निम्नलिखित खंड शामिल हैं (इंडेक्स मैप भी संलग्न है):

क्र.सं.

कहां से कहां तक

माध्‍यम

दूरी

(क)

हल्दिया से म्यांमार में सित्‍तवे  बंदरगाह

नौवहन

539 किलोमीटर

(ख)

सित्‍तवे से पलेटवा (कलादान नदी)

आईडब्‍ल्‍यूटी

158 किलोमीटर

(ग)

पलेटवा से भारत-म्यांमार सीमा (म्यांमार में)

सड़क

110 किलोमीटर

(घ)

भारत-म्यांमार सीमा से राजमार्ग-54 (भारत में)

सड़क

100 किलोमीटर

 

सित्‍तवे बंदरगाह का विकास कलादान मल्टी-मोडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (केएमटीटीपी) के हिस्से के रूप में किया गया है। इसका वित्‍त पोषण भारत सरकार की सहायता अनुदान के अंतर्गत किया गया है। इसके पूरी तरह से चालू हो जाने पर एमटीटीपी के जलमार्ग और सड़क घटक भारत के पूर्वी तट को सित्‍तवे बंदरगाह के माध्यम से पूर्वोत्‍तर राज्यों से जोड़ेंगे।

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