ग्रामीण विकास मंत्रालय
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को 2004-14 के यूपीए शासन और नरेन्द्र मोदी सरकार के 9 वर्षों के दौरान मनरेगा के लिए धन आवंटन व परिसंपत्ति निर्माण पर बहस की चुनौती दी
उत्तर प्रदेश के नोएडा में सरस मेले के दौरान, मंत्री ने मनरेगा बजट में कटौती का आरोप लगाने वाले राहुल गांधी के फेसबुक पोस्ट पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की
श्री गिरिराज सिंह ने जोर देकर कहा, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए के 10 साल के शासन के दौरान, मनरेगा का बीई (बजट अनुमान) कभी भी 33,000 करोड़ रुपये से अधिक नहीं हुआ, जबकि मई, 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के पदभार संभालने पर, हर साल संशोधित अनुमान में बजट अनुमान अधिक हो गया
श्री गिरिराज सिंह ने बताया कि 2020-21 में 61,500 करोड़ रुपये का बजट अनुमान बढ़कर 1.11,500 करोड़ रुपये हो गया, जो प्रारंभिक आवंटन के दोगुने से थोड़ा कम है
यूपीए के 10 साल के शासन के दौरान, परिसंपत्ति निर्माण केवल 17 प्रतिशत था, जबकि मोदी शासन के पिछले 9 वर्षों में, परिसंपत्ति निर्माण 60 प्रतिशत को पार कर गया है: श्री गिरिराज सिंह
Posted On:
18 FEB 2023 5:39PM by PIB Delhi
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को 2004-14 के यूपीए शासन और नरेन्द्र मोदी सरकार के 9 वर्षों के दौरान मनरेगा के लिए धन आवंटन और परिसंपत्ति निर्माण दोनों मामलों पर बहस करने की चुनौती दी।
उत्तर प्रदेश के नोएडा में सरस मेले के दौरान बोलते हुए, श्री गिरिराज सिंह ने मनरेगा के बजट को कम करने के लिए एक समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए हिंदी में राहुल गांधी के फेसबुक पोस्ट पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की और कहा कि कांग्रेस नेता को इस तरह के बेतुके आरोप लगाने से पहले तथ्यों और आंकड़ों को प्राप्त करना चाहिए।
श्री गिरिराज सिंह ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए के 10 साल के शासन के दौरान, मनरेगा का बीई (बजट अनुमान) कभी भी 33,000 करोड़ रुपये से अधिक नहीं हुआ और अधिकांश वित्तीय वर्षों में, ग्रामीण रोजगार योजनाओं के खराब कार्यान्वयन के कारण आवंटित धन लौटा दिया गया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दूसरी ओर मई, 2014 में प्रधानमंत्री श्री मोदी के पदभार संभालने के बाद से हर साल आरई (संशोधित अनुमान) में बीई अधिक हो गया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी 73,000 करोड़ रुपये का बजट अनुमान पहले ही 89,400 करोड़ रुपये के आरई (संशोधित अनुमान) के आंकड़े को छू चुका है, क्योंकि ग्रामीण विकास मंत्रालय को 25,000 करोड़ रुपये में से 16,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जो राज्यों के बकाये के संचय के कारण मांगे गए थे।
उल्लेखनीय है कि 2019-20 में बजट अनुमान 60,000 करोड़ रुपये और संशोधित अनुमान 71,000 करोड़ रुपये हो गया था, जबकि 2020-21 में 61,500 करोड़ रुपये का बजट अनुमान कोविड महामारी की पृष्ठभूमि में ग्रामीण आबादी के शहरों से गांवों की ओर उलट प्रवासन (रिवर्स माइग्रेशन) और काम की बढ़ती मांग के कारण संशोधित अनुमान एक लाख 11 हजार 500 करोड़ रुपये हो गया था, जोकि प्रारंभिक आवंटन के दोगुने से थोड़ा कम था। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 73,000 करोड़ रुपये का बजट अनुमान 99,117 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
श्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी को यूपीए शासन के दौरान ग्रामीण रोजगार योजना के तहत हुए परिसंपत्ति निर्माण की जांच करने की चुनौती भी दी, जो केवल 17 प्रतिशत थी, जबकि मोदी शासन के पिछले 9 वर्षों में, परिसंपत्ति-निर्माण पहले ही 60 प्रतिशत को पार कर चुका है। उन्होंने मनरेगा तथा केवल खुदाई और भराई करने संबंधी इसके कार्यादेश को पुनर्जीवित करने का पूरा श्रेय नरेन्द्र मोदी को दिया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कल बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर मनरेगा के बजट को कम करने का आरोप लगाया था और कहा था कि ग्रामीण रोजगार योजना, जो भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की आधारशिला थी, केंद्र की दमनकारी नीतियों का शिकार हो रही है।
राहुल गांधी द्वारा यह आरोप लगाए जाने पर कि सरकार आधार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत चल रही योजना से जोड़कर समाज के गरीब वर्गों के खिलाफ इसका दुरुपयोग कर रही है, श्री गिरिराज सिंह ने कहा, मोदी सरकार का उद्देश्य योजना के क्रियान्वयन में पूरी पारदर्शिता लाना है।
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