उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
केंद्र ने 1 जनवरी 2023 से शुरू की गई नई एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना का नाम "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई)" रखा
Posted On:
11 JAN 2023 2:24PM by PIB Delhi
प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 जनवरी, 2023 से अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) और प्राथमिक घरेलू (पीएचएच) लाभार्थियों को नि:शुल्क खाद्यान्न प्रदान करने के लिए नई एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना को मंजूरी दी। नई योजना का नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) रखा गया है। 80 करोड़ से अधिक गरीब और अत्यंत निर्धन लोगों को लाभानन्वित करने के लिए इस योजना का कार्यान्वयन 1 जनवरी, 2023 से शुरू हो चुका है।
लाभार्थियों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए और राज्यों में एकरूपता बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत पात्रता के अनुरूप पीएमजीकेएवाई के तहत सभी पीएचएच और एएवाई लाभार्थियों को साल 2023 के लिए नि:शुल्क खाद्यान्न प्रदान किया जाएगा। यह एकीकृत योजना गरीबों तक खाद्यान्न की पहुंच, वहनीयता और उपलब्धता के मामले में एनएफएसए- 2013 के प्रावधानों को सुदृढ़ करेगी।
एनएफएसए- 2013 के प्रभावी और एकसमान कार्यान्वयन के लिए पीएमजीकेएवाई खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग की दो सब्सिडी योजनाओं को शामिल करेगा। ये हैं- (1) एफसीआई को खाद्य सब्सिडी, और (2) एनएफएसए के तहत राज्यों को नि:शुल्क खाद्यान्न की खरीद, आवंटन और वितरण से निपटने वाले विकेंद्रीकृत खरीद राज्यों के लिए खाद्य सब्सिडी।
इस क्षेत्र में पीएमजीकेएवाई के सुचारू कार्यान्वयन के लिए पहले ही जरूरी कदम उठाए जा चुके हैं। इनमें एएवाई और पीएचएच लाभार्थियों के लिए खाद्यान्न की कीमत शून्य करने के लिए जरूरी अधिसूचना जारी करना, उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) पर तकनीकी मुद्दों का समाधान, उचित मूल्य दुकान के डीलरों को लाभ से संबंधित एडवाइजरी और लाभार्थियों को दी जाने वाली प्रिंट रसीदों में कीमतों को शून्य दर्ज करना शामिल हैं।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग व एफसीआई के अधिकारी नियमित रूप से क्षेत्र में इस नई योजना को सुचारू रूप से लागू करने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं।
केंद्र सरकार 2023 में एनएफएसए और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत खाद्य सब्सिडी के रूप में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक व्यय करेगी, जिससे गरीबों और अत्यंत निर्धनों के वित्तीय बोझ को दूर किया जा सके।
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