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मालदीव और बांग्लादेश के सिविल सेवकों के लिए दो सप्ताह का क्षमता निर्माण कार्यक्रम का नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) मसूरी में प्रारंभ; इन दो कार्यक्रमों में मालदीव के 27 सिविल सेवक तथा बांग्लादेश के 39 सिविल सेवक भाग ले रहे हैं


कार्यक्रम की संकल्पना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘वसुधैव कुटंबकम्’ के विजन तथा ‘पड़ोस प्रथम’ की नीति के अनुरूप की गई है

नागरिकों के लिए जीवन की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सिविल सेवकों को गुड गवर्नेंस व्यवहारों को अपनाना चाहिएः महानिदेशक एनसीजीजी श्री भरत लाल

भारत पड़ोसी देशों को शासन संचालन में उभरती चुनौतियों का सामना करने तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए आश्वस्त सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए उनके सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण में मदद कर रहा है

नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस ने अब तक 15 देशों के सिविल सेवकों को प्रशिक्षण दिया है एनसीजीजी और अधिक देशों के सिविल सेवकों की बड़ी संख्या को समाहित करने के लिए बढ़ती मांग के अनुसार अपनी क्षमता का विस्तार कर रहा है

Posted On: 13 DEC 2022 1:41PM by PIB Delhi

मालदीव और बांग्लादेश के सिविल सेवकों के लिए दो सप्ताह का क्षमता निर्माण कार्यक्रम नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) मसूरी में प्रारंभ हुआ। इन दो कार्यक्रमों में मालदीव के 27 सिविल सेवक और बांग्लादेश के 39 सिविल सेवक भाग ले रहे हैं।

कार्यक्रम की अवधारणा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के वसुधैव कुटंबकम् के विजन तथा पड़ोस प्रथम की नीति के अनुरूप है और भारत पड़ोसी देशों को शासन संचालन में उभरती चुनौतियों का सामना करने तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए आश्वस्त सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए उनके सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण में मदद कर रहा है।

यह क्षमता निर्माण कार्यक्रम सिविल सेवकों को नीतियों और उनके क्रियान्वयन के बीच की खाई को पाटने के लिए समर्पित प्रयास करने में सहायक होगा। वैज्ञानिक रूप से लोगों को मजबूत तथा बाधारहित सेवाएं देने के लिए उन्हें सुसज्जित करने के लिए तैयार किया गया है।

 

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क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गुड गवर्नेंस मंत्र के अनुरूप है, जो विकास रणनीति में नागरिक प्रथम को सबसे आगे रखकर जन हितैषी है। कार्यक्रम का उद्देश्य सूचना, ज्ञान के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना, संवेदनशीलता, उत्तरदायित्व बढ़ाने तथा कार्यक्रम में भाग लेने वाले देशों के सिविल सेवकों में दक्षता लाने के लिए नए विचारों तथा श्रेष्ठ व्यवहार को साझा करना है।

संयुक्त उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता एनसीजीजी के महानिदेशक श्री भरत लाल ने की। उन्होंने अधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रभावी सार्वजनिक सेवा वितरण प्रदान करने पर बल दिया तथा एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए सिविल सेवकों की भूमिका की विस्तार से चर्चा की, जहां प्रत्येक नागरिक के साथ समान व्यवहार किया जाता है और गुणवत्ता संपन्न सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच होती है। उन्होंने सिविल सेवकों से जीवन की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए गुड गवर्नेंस के व्यवहारों को अपनाने का आग्रह किया। महानिदेशक ने उज्ज्वला योजना जैसे भारत के गुड गवर्नेंस मॉडल का भी उदाहरण दिया जिसने 100 मिलियन से अधिक परिवारों को लाभान्वित किया है, जिनके पास स्वच्छ रसोई गैस कनेक्शन हैं, इसी प्रकार उन्हें जलाऊ लकड़ी एकत्रित करने और खाना पकाने के दौरान धुंए की सांस लेने की कठिन मेहनत से बचाया गया है। डब्ल्यूआरआई रिपोर्ट के उज्ज्वला योजना से हर वर्ष 1.5 लाख से अधिक लोगों, विशेषकर महिलाओं को फेफड़ों से संबंधित जटिलताओं से बचाया जाता है।

उन्होंने प्रत्येक ग्रामीण परिवार के लिए स्वच्छ नल का पानी सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन पर भी प्रकाश डाला। अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय के नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. क्रेमर के एक अन्य अध्ययन के अनुसार हर वर्ष 1.36 लाख से अधिक शिशुओं के जीवन को मृत्यु दर से बचाया जाता है, इस प्रकार उन्हें पूरा जीवन जीने तथा समाज में योगदान करने में सक्षम बनाया जाता है।

उन्होंने बताया कि सिविल सेवा एक सक्षम वातावरण बनाने तथा परिवर्तनकारी प्रभाव लाने के बारे में है, जहां किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाता है। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इस कार्यक्रम से मिली सीख का उपयोग करें और एक कार्य योजना या विचार विकसित करें, जिसे उनके देश में लागू करने पर विचार किया जा सके।

 

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2019 में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मालदीव यात्रा के दौरान नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) ने 2024 तक मालदीव के 1,000 सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण के लिए सिविल सेवा आयोग, मालदीव के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसी प्रकार 2024 तक 1,800 सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस की स्थापना 2014 में भारत सरकार द्वारा देश में एक शीर्ष संस्था के रूप में देश के साथ अन्य विकासशील देशों के सिविल सेवकों के सुशासन, नीतिगत सुधारों, प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण पर काम करने के अधिदेश के साथ की गई थी, यह एक थिंक टैंक के रूप में भी काम करता है। इसने विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में कई विकासशील देशों के सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण का कार्य शुरू किया है। केंद्र ने अब तक 15 देशों यानी बांग्लादेश, कीनिया, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, भूटान, म्यांमार तथा कम्बोडिया के सिविल सेवकों को प्रशिक्षण दिया है। इन प्रशिक्षणों को विभिन्न देशों के भाग लेने वाले अधिकारियों द्वारा काफी उपयोगी पाया गया। इन कार्यक्रमों की मांग बहुत है और एनसीजीजी अधिक देशों के सिविल सेवकों की अधिक संख्या को समायोजित करने के लिए अपनी क्षमता का विस्तार कर रहा है, क्योंकि मांग बढ़ रही है।

क्षमता निर्माण कार्यक्रम में लोक प्रशासन, कुल गुणवत्ता प्रबंधन, लिंग और विकास भारत में विकेन्द्रीकरण, सार्वजनिक नीति तथा क्रियान्वयन, नेतृत्व और संचार, स्वास्थ्य सेवा, जल और स्वच्छता, ई-गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में विस्तृत ज्ञान साझा करना शामिल है।

कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को स्मार्टसिटी, इंदिरा पर्यावरण भवनः शून्य ऊर्जा भवन, भारत की संसद, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद्, प्रधानमंत्री संग्रहालय आदि विभिन्न विकास कार्यों तथा संस्थानों को देखने के लिए एक्सपोजर विजिट के लिए ले जाया जाएगा।

उद्घाटन सत्र के दौरान कार्यक्रम डॉ. पूनम सिंह, डॉ. आशुतोष सिंह तथा डॉ. संजीव शर्मा कार्यक्रम के आयोजन में शामिल थे और उन्होंने एनसीजीजी द्वारा आयोजित गुड गवर्नेंस तथा क्षमता निर्माण कार्यक्रम पर अपने विचार रखे।

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