स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर चौथा राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक जारी किया


उन्होंने शहरों एवं जिलों के लिए ईट राइट चैलेंज, खाद्य सुरक्षा एवं पोषण के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए ईट राइट अनुसंधान पुरस्कार तथा अनुदान और ईट स्मार्ट सिटीज चैलेंज के विजेताओं को सम्मानित किया

राष्ट्र और पोषण का गहरा संबंध है, सरकार देश के प्रत्येक नागरिक की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति समर्पित है – डॉ. मनसुख मंडाविया

उन्होंने नई पहल, संसाधनों और पुस्तकों के अलावा आयुष आहार के प्रतीक चिन्ह का अनावरण किया

Posted On: 07 JUN 2022 1:44PM by PIB Delhi

नागरिकों के लिए सुरक्षित भोजन सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने के लिए राज्यों / केन्द्र - शासित प्रदेशों को प्रेरित करने के एक प्रयास के तहत,  केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने खाद्य सुरक्षा के पांच मानकों पर राज्यों के प्रदर्शन को मापने के लिए भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के चौथे राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (एसएफएसआई) को जारी किया। एसएफएसआई की शुरुआत 2018-19 से देश में खाद्य सुरक्षा से जुड़े इकोसिस्टम में प्रतिस्पर्धी एवं सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से की गई थी। यह सूचकांक हमारे नागरिकों को सुरक्षित एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में मदद करेगा।  

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विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर बोलते हुए, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने सभी हितधारकों का धन्यवाद किया और कहा कि इस तरह के पुरस्कार लोगों द्वारा किए गए प्रयासों को पहचानने में मदद करते हैं। डॉ. मंडाविया ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्र और पोषण का गहरा संबंध है और एक समृद्ध भारत के लिए, हमें एक स्वस्थ भारत की जरूरत है और एक स्वस्थ भारत के लिए, हमें स्वस्थ नागरिक की जरूरत है। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों के दौरान देश में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी हुए समग्र विकास को रेखांकित किया।

डॉ. मंडाविया ने कहा कि सरकार देश के प्रत्येक नागरिक की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति समर्पित है और इसके लिए वह अपना ध्यान स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत जिला अस्पतालों को मजबूत करने जैसे पहल के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी देखभाल के प्राथमिक, माध्यमिक एवं तृतीयक मोर्चों पर केन्द्रित कर रही है। उन्होंने हमारे देश के नागरिकों के लिए स्वास्थ्यवर्द्धक एवं पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने में एफएसएसएआई की महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि खाद्य सुरक्षा और खानपान संबंधी स्वस्थ आदतों को सुनिश्चित करने में राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह समय की मांग है कि एक स्वस्थ राष्ट्र को सुनिश्चित करने के लिए हम सब एक साथ आयें।”

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वर्ष 2021-22 की रैंकिंग के आधार पर सभी मापदंडों पर प्रभावशाली प्रदर्शन करने वाले विजेता राज्यों/ केन्द्र - शासित प्रदेशों को सम्मानित किया। इस वर्ष, बड़े राज्यों में, तमिलनाडु शीर्ष रैंकिंग वाला राज्य रहा। उसके बाद, गुजरात और महाराष्ट्र का स्थान रहा। छोटे राज्यों में, गोवा पहले स्थान पर रहा। उसके बाद, मणिपुर और सिक्किम का स्थान रहा। केन्द्र - शासित प्रदेशों में, जम्मू एवं कश्मीर, दिल्ली और चंडीगढ़ ने क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। डॉ. मंडाविया ने राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक में उल्लेखनीय सुधार दिखाने वाले राज्यों को भी सम्मानित किया।

ईट राइट इंडिया से जुड़े विभिन्न पहलों को अपनाने के माध्यम से एक स्वस्थ, सुरक्षित और भरोसेमंद खाद्य वातावरण का समर्थन करने वाली योजना को विकसित एवं क्रियान्वित करने के लिए स्मार्ट शहरों को प्रेरित करने के उद्देश्य से, स्वास्थ्य मंत्री ने पिछले साल आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के तत्वावधान में स्मार्ट सिटीज मिशन के साथ मिलकर एफएसएसएआई द्वारा शुरू किए गए ईटस्मार्ट सिटीज चैलेंज के 11 विजेता स्मार्ट शहरों को भी सम्मानित किया।  उन्होंने शहरों और जिलों के लिए ईट राइट रिसर्च चैलेंज और ईट राइट अनुसंधान पुरस्कार एवं अनुदान के विजेताओं को भी सम्मानित किया।

डॉ. मंडाविया ने एफएसएसएआई के ईट राइट अनुसंधान पुरस्कार एवं अनुदान - फेज II सहित विभिन्न नवीन पहल का शुभारंभ किया। उन्होंने ईट राइट क्रिएटिविटी चैलेंज - चरण III, जोकि स्कूल स्तर की एक प्रतियोगिता है और आयुर्वेद आहार के प्रतीक चिन्ह, जिसमें प्रकृति के पांच तत्वों के प्रतीक 5 पत्तियों के साथ आयुर्वेद और अहारा के शुरुआती अक्षर शामिल हैं, की भी शुरुआत की। यह प्रतीक चिन्ह स्वास्थ्य एवं कल्याण में सुधार से संबंधित एक विशिष्ट पहचान, पहचान करने की आसान प्रक्रिया और आजमाए हुए लाभ को सुनिश्चित करने की दृष्टि से फायदेमंद साबित होगा।

इसके अलावा, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने तेल रहित खाना पकाने और चीनी रहित मिष्ठान्न की वकालत करने और उनका विवरण देने वाली विभिन्न ई-पुस्तकों का भी विमोचन किया। उन्होंने एफएसएसएआई के राजभाषा प्रभाग द्वारा प्रकाशित एक त्रैमासिक पत्रिका खाद्यांजलि सहित खाद्य जनित रोग के प्रकोप की जांच एवं सूक्ष्मजैविक प्रक्रिया नियंत्रण, मछली तथा मत्स्य उत्पादों के नमूने एवं उनके परीक्षण आदि से संबंधित मार्गदर्शक दस्तावेज सहित विभिन्न संदर्भ पुस्तकों का भी विमोचन किया।

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए और उन्हें बधाई देते हुए, केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने कहा कि खाद्य जनित बीमारियों से बोझ को रोकने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उद्योग जगत, सरकारी मशीनरी और नियामकों आदि को शामिल करते हुए एक बहुआयामी और बहु-हितधारक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है और समाज के प्रत्येक स्तर पर जागरूकता पैदा की जानी चाहिए। एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्री अरुण सिंघल ने कहा कि देश में खाद्य परीक्षण प्रतिमान में मिशन मोड में सुधार किया जा रहा है और राज्यों / केंद्र - शासित प्रदेशों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, ताकि उनके संबंधित इलाकों में खाद्य सुरक्षा कार्यान्वयन पर ध्यान दिया जा सके।

इस कार्यक्रम में श्री राजीव कुमार जैन, कार्यकारी निदेशक और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अन्य गणमान्य व्यक्ति; राज्य खाद्य सुरक्षा विभागों और नगर निगमों/स्मार्ट सिटी कार्यालयों के वरिष्ठ अधिकारी; खाद्य एवं पोषण से जुड़े पेशेवर, विकास एजेंसियां, खाद्य व्यवसाय से जुड़े प्रतिनिधि एवं अन्य हितधारक भी उपस्थित थे।  

 

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