संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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भारत अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) परिषद के लिए फिर से चुनाव लड़ेगा


सुश्री एम. रेवती रेडियो विनियमन बोर्ड (आरआरबी) के सदस्य के लिए भारत की ओर से उम्मीदवार होंगी

दुनिया को एक जुड़े हुए समाज के रूप में महसूस करने और एसडीजी 2030 को पूरा करने में आईसीटी को सक्षम बनाने के लिए भारत आईटीयू की सोच/विज़न का प्रसार करता है: डब्ल्यूएसआईएस 2022 में श्री देवुसिंह चौहान

Posted On: 04 JUN 2022 10:06AM by PIB Delhi

विश्व सूचना समाज सम्मेलन (वर्ल्ड समिट ऑफ इंफॉर्मेशन सोसाइटी – डब्ल्यूएसआईएस) 2022 के दौरान केंद्रीय संचार राज्य मंत्री श्री देवुसिंह चौहान ने कहा कि "प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत वैश्विक डिजिटल परिवर्तन, विकास में उत्कृष्टता प्राप्त करने और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग में सबसे आगे रहा है।" श्री देवुसिंह चौहान ने स्विट्जरलैंड के जिनेवा में 31 मई से 3 जून 2022 तक आयोजित डब्ल्यूएसआईएस 2022 में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

डब्ल्यूएसआईएस को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू), संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (अंकटाड) द्वारा सभी डब्ल्यूएसआईएस एक्शन लाइन सह-/सुविधाकर्ता और संयुक्त राष्ट्र के अन्य संगठनों के निकट सहयोग से किया जाता है। विश्व समुदाय के लिए सूचना समाज के निर्माण में पहल करने के लिए 2003 में डब्ल्यूएसआईएस शिखर सम्मेलन के बाद से यह एक अनवरत प्रक्रिया है।

भारत आईटीयू परिषद के लिए 2023-2026 की अवधि के लिए फिर से चुनाव लड़ रहा है। भारत 1869 से आईटीयू का सदस्य रहा है और इसके कार्यों और गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेता रहा है और वैश्विक समुदाय के हक में दूरसंचार/आईसीटी की वृद्धि और विकास में यथासंभव योगदान देता रहा है।

भारत की रेडियो विनियमन बोर्ड (आरआरबी) उम्मीदवार और आईटीयू परिषद के लिए फिर से चुनाव लड़ने की भारत की उम्मीदवारी के स्वागत समारोह में अपने संबोधन में श्री देवुसिंह चौहान ने कहा कि भारत दुनिया को एक जुड़े समाज के रूप में महसूस करने और सतत विकास लक्ष्यों - 2030 को पूरा करने में आईसीटी को सक्षम करने के लिए आईटीयू की सोच और दृष्टि का प्रसार करता है।

सदस्य, आरआरबी के लिए भारत की उम्मीदवार के रूप में सुश्री एम. रेवती के नाम का प्रस्ताव करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि सुश्री रेवती के पास पेशेवर विशेषज्ञता, नेतृत्व क्षमता, समय पर किसी कार्य को संपन्न करने की प्रतिबद्धता, व्यवस्थित तौर पर समस्या का समाधान निकालने की क्षमता और समावेशी आईसीटी विकास के लिए विनियम तैयार करने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है।

श्री देवुसिंह चौहान ने आईटीयू के लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया और प्रतिभागियों से आईटीयू परिषद के लिए भारत की उम्मीदवारी और आरआरबी के लिए सुश्री रेवती की उम्मीदवारी का समर्थन करने की अपील की।

केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान "ब्रिजिंग द डिजिटल डिवाइड" पर उच्च स्तरीय नीति सत्र, कल्याण, समावेशन और लचीलापन के लिए आईसीटी पर मंत्रिस्तरीय गोलमेज बैठक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर उच्च स्तरीय वार्ता सहित कई सत्रों में भाग लिया। डिजिटल डिवाइड पर उच्च स्तरीय नीति वक्तव्य देते हुए उन्होंने भारत के सभी 6 लाख गांवों को कवर करने के लिए भारतनेट, सभी गांवों के लिए अम्ब्रेला मोबाइल कवरेज, सभी के लिए हाई स्पीड इंटरनेट एक्सेस और कई अन्य उपायों के बारे में भारत सरकार की पहल के बारे में वैश्विक मंच को अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि भारत को सफलतापूर्वक उचित मानकों की मंजूरी मिल गई है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में 5जी के प्रसार में मदद मिलेगी।

आईसीटी और एआई पर उच्च स्तरीय बैठकों के दौरान श्री देवुसिंह चौहान ने प्रतिभागियों को भरोसोमंद आईसीटी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भारत द्वारा की गई पहलों और एआई की क्षमता का पता लगाने के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एआई की विघटनकारी प्रकृति और अर्थव्यवस्थाओं को बदलने की इसकी क्षमता को देखते हुए, सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के नाते भारत के पास एआई क्रांति में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है।

डब्ल्यूएसआईएस 2022 के इतर, केंद्रीय संचार राज्य मंत्री श्री देवुसिंह चौहान ने कई द्विपक्षीय बैठकें कीं और आईटीयू के उप सचिव श्री मालकॉम जॉनसन, ईरान के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री इस्सा ज़ारेपोर, जापान के नीति समन्वय उप मंत्री श्री यूजी सासाकी, आईटीयू के महासचिव श्री हाओलिन झोउ जैसे कई गणमान्य व्यक्तियों और महानुभावों से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री ने उन्हें विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा द स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (श्री सरदार वल्लभभाई पटेल) का एक लघु स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।

आईटीयू के महासचिव श्री हाओलिन झोउ ने आईसीटी में भारत की पहल की सराहना की। डब्ल्यूआईएसएस के अध्यक्ष प्रोफेसर ईसा अली इब्राहिम ने भारत को एक सफल केस स्टडी के रूप में दर्ज किया।

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