मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री ने प्रोजेक्ट अर्थ और इनेक्टस आईआईटी दिल्ली के छात्रों को “गो काश्त” मशीन सौंपी

Posted On: 06 MAY 2022 12:28PM by PIB Delhi

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने आज प्रोजेक्ट अर्थ और इनेक्टस आईआईटी दिल्ली के छात्रों को सूखे गोबर से लट्ठे (लॉग) बनाने वाली एक गो काश्त”  मशीन सौंपी।

गोबर से लट्ठे तैयार करने वाली इस मशीन का इस्तेमाल ईंधन के तौर पर जलाने के लिए लट्ठे के आकार का गोबर का जलावन बनाने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए गोबर और धान के बुरादे को मशीन में डाला जाता है, मशीन इस बुरादे का चूरा
और इसका मिश्रण बनाकर इसे लट्ठे के आकार में ढालती है। इसके बाद इन लट्ठों को धूप में सुखाया जाता है और बाद में अलग-अलग कार्य के लिए ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

यह मशीन प्रति दिन 3000 किलो गोबर का इस्तेमाल कर 1500 किलो गोबर के लट्ठे का उत्पादन कर सकती है, जिनका इस्तेमाल 5 से 7 शवों का दाह-संस्कार करने के लिए लकड़ी के लट्ठों के स्थान पर किया जा सकता है और इस तरह हर दाह-संस्कार में जलाए जाने वाले करीब दो पेड़ों को बचाया जा सकता है। इसका एक और अर्थ यह है कि इससे गौशालाओं को हर महीने 150 हजार से लेकर 170 हजार किलो गोबर का निपटान करने में मदद मिलेगी। गोबर आधारित लट्ठे बनाने वाली यह मशीन गौशालाओं को अपने कचरे के निपटान की समस्या को दूर करने में सहायक होगी और जिस स्थान पर इस मशीन को लगाया जाएगा, वहां रहने वाले और आसपास के गांव के निवासियों के लिए यह रोजगार का एक अतिरिक्त स्रोत बनेगी। इसके साथ ही यह वनों की कटाई को कम करने में भी मदद करेगी।

इस तरह की मशीनों से दूध देना बंद कर चुकी गायों को भी आर्थिक गतिविधि में शामिल किया जा सकेगा और इस तरह गौशाला में रहने वाली सभी गायों की देखभाल के लिए धन पैदा किया जा सकेगा।

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