संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

वर्षांत समीक्षा-2021: डाक विभाग


ग्रामीण क्षेत्रों के 98,454 डाकघरों सहित कुल 1.43 लाख डाकघरों में पोस्टमैन मोबाइल एप लागू

भारत निर्वाचन आयोग ने देश भर में स्पीड पोस्ट के माध्यम से मतदाता फोटो पहचान पत्र की डिलीवरी के लिए डाक विभाग के साथ समझौता किया

डाक विभाग ने देश भर में लगभग 1263 कार्यरत मेल मोटर सेवा (एमएमएस) वाहनों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाया

डाक वस्तुओं की तेजी से सीमा शुल्क निकासी के लिए 120 देशों के साथ बहुपक्षीय समझौते किए

डाक विभाग ने दूसरी कोविड लहर के दौरान विदेश से डाक के माध्यम से प्राप्त कोविड से संबंधित आपातकालीन पोत लदान की निकासी, प्रसंस्करण और वितरण की सुविधा प्रदान की

1.67 करोड़ नए खाते खोले गए, सीबीएस (कोर बैंकिंग सर्विस) डाकघरों में लगभग 8.19 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ

सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत से अक्टूबर, 2021 तक डाक विभाग द्वारा 2.26 करोड़ सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए, देश में कुल सुकन्या समृद्धि खातों का 86% केवल डाकघरों के माध्यम से खोले गए

डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्रों के माध्यम से जनवरी, 2021 से अक्टूबर, 2021 तक 12 लाख से अधिक आवेदन संसाधित किए गए

जनवरी, 2021 से अक्टूबर, 2021 तक 13,352 डाकघर आधार केंद्रों द्वारा आधार नामांकन / अद्यतन के लिए 1.49 करोड़ से अधिक अनुरोध संसाधित किए गए

देश में 90 चिन्हित वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिलों में 1789 शाखा डाकघर खोले गए, 3114 नए शाखा डाकघरों (बीओ) को मार्च, 2021 तक काम में आने लायक बनाया जाएगा

Posted On: 29 DEC 2021 11:33AM by PIB Delhi

डाक विभाग (डीओपी) 150 से अधिक वर्षों से देश के संचार का मजबूत स्तंभ रहा है और इसने देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह कई तरह से भारतीय नागरिकों के जीवन से जुड़ा है: जैसे डाक पहुंचाना, छोटी बचत योजनाओं के तहत जमा स्वीकार करना, डाक जीवन बीमा (पीएलआई) और ग्रामीण डाक जीवन बीमा (आरपीएलआई) के तहत जीवन बीमा कवर प्रदान करना और बिल जमा करने, फॉर्मों की बिक्री जैसी खुदरा सेवाएं प्रदान करना। डाक विभाग महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में मजदूरी वितरण और वृद्धावस्था पेंशन भुगतान जैसी अन्य सेवाओं के निर्वहन में भारत सरकार के लिए एक एजेंट के रूप में भी कार्य करता है। डाक विभाग के लिए वर्ष के अंत की समीक्षा वर्ष 2021 में विभाग की विभिन्न पहलों की उपलब्धियों और उनकी प्रगति पर प्रकाश डालती है।

 

1. आपूर्ति श्रृंखला और ई-कॉमर्स: मेल, एक्सप्रेस सेवाएं और पार्सल:

 

  • डिलीवरी के सही समय का अपडेशन: ग्रामीण क्षेत्रों में 98,454 डाकघरों सहित 1.43 लाख डाकघरों में पोस्टमैन मोबाइल ऐप लागू किया गया। पोस्टमैन मोबाइल ऐप के माध्यम से जनवरी से अक्टूबर, 2021 तक स्पीड पोस्ट से 47.5 करोड़ डाक की रीयल टाइम डिलीवरी की स्थिति और पंजीकृत लेख तैयार किया गया।

 

  • 98% लेटर बॉक्स विभागीय डाकघरों से जुड़े हुए हैं जिसे "नान्याथा" नामक मोबाइल ऐप के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरेंस के तहत कवर किया गया है।

 

  • डाक विभाग के एक प्रमुख उत्पाद "स्पीड पोस्ट" से जनवरी 2021 से अक्टूबर 2021 की अवधि के दौरान 34.97 करोड़ डाक की आवाजाही से 1413.34 करोड़ रुपये की कमाई हुई।

 

  • डाक विभाग विकल्प मिलने के बाद से यूआईडीएआई का एकमात्र वितरण भागीदार है। डाक विभाग जनवरी 2013 से नवंबर 2021 तक 166.73 करोड़ आधार कार्ड साधारण डाक से और 1.56 करोड़ आधार पीवीसी कार्ड स्पीड पोस्ट के माध्यम से वितरित कर चुका है।

 

  • डाक विभाग ने एलआईसी द्वारा जारी पॉलिसी बांडों की छपाई और वितरण के लिए इसे मुद्रित करने से लेकर डाक द्वारा इसे भेजने तक के संपूर्ण समाधान प्रदान करने के लिए भारत के एलआईसी के साथ एक समझौता किया है। इसके तहत 2 करोड़ से अधिक पॉलिसी बांडों को मुद्रित करने, स्पीड पोस्ट से इसे भेजने और सही जगह तक पहुंचाने का काम करना होता है जिससे डाक विभाग को प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई होती है।

 

  • डाक विभाग ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से चुनाव या फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) के वितरण के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के साथ समझौता किया है। प्रारंभिक चरण में, निर्वाचन आयोग स्पीड पोस्ट के माध्यम से डिलीवरी के लिए 6-7 करोड़ चुनाव या फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) प्रदान करेगा जिससे एक साल में लगभग 100 करोड़ रुपये की आमदनी होगी।

 

  • डाक विभाग ने देश भर में लगभग 1263 कार्यरत मेल मोटर सर्विसेज (एमएमएस) वाहनों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाया है और 24X7 नियंत्रण कक्ष वाले सभी पोस्टल सर्किलों में एमएमएस संचालित वाहनों के लिए पीएस आधारित ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम भी लागू किया है।

 

  • अंतर-राज्यीय संपर्क में सुधार के लिए जम्मू और कश्मीर पोस्टल सर्कल के लिए 17 अतिरिक्त नए एमएमएस वाहन खरीदे गए हैं।

 

  • चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान विभिन्न सर्किलों में खराब पड़े वाहनों की जगह 75 नए वाहन लाए गए हैं।

 

  • इलेक्ट्रॉनिक उन्नत डेटा (ईएडी) के आदान-प्रदान के लिए 120 से अधिक देशों के साथ एक बहुपक्षीय समझौता किया गया है। इस समझौते से अंतर्राष्ट्रीय डाक वस्तुओं के गंतव्य देश में उनके भौतिक रूप से आगमन से पहले ही इलेक्ट्रॉनिक सीमा शुल्क डेटा को पहुंचाने में मदद मिलेगी। यह डाक वस्तुओं की तेजी से सीमा शुल्क निकासी को भी संभव बनाएगा।

 

  • प्राइम यूनाइटेड स्टेट्स पोस्टल सर्विसेज (यूएसपीएस) ट्रैक्ड सर्विस समझौते पर भारतीय डाक और यूएसपीएस ने हस्ताक्षर किए हैं। इससे ग्राहकों की किफायती और ट्रैक करने में सक्षम सेवा की मांग पूरी हो सकेगी। इससे भारतीय डाक को मेल सर्विसेज बढ़ाने और इस तरह राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी।

 

  • अंतर्राष्ट्रीय वस्तुओं की सीमा शुल्क निकासी को सरल और आसान बनाने के लिए डाक विभाग स्वचालित पोस्टल बिल ऑफ एक्सपोर्ट (पीबीई) सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है। स्वचालित (पीबीई) सॉफ्टवेयर का पहला संस्करण विकसित कर लिया गया है और इसका उत्पादन शुरू होने वाला है। यह डिजिटल मोड में सीमा शुल्क निकासी को सक्षम करके डाक चैनल के माध्यम से वाणिज्यिक निर्यात की प्रक्रिया को आसान बनाएगा। इस सॉफ्टवेयर के लागू होने के बाद वाणिज्यिक निर्यात की बुकिंग अधिसूचित स्थानों तक ही सीमित नहीं रहेगी।

 

  • संचार राज्य मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केंद्र (आईबीसी) सूरत का उद्घाटन 03.11.21 को किया था। यह वाणिज्यिक निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र में एक बहुत ही आवश्यक मंच प्रदान करेगा और निर्यातकों की मांगों को पूरा करेगा।

 

  • कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान डाक विभाग ने सीमा शुल्क अधिकारियों के साथ मिलकर विदेश से डाक के माध्यम से प्राप्त कोविड से संबंधित आपातकालीन शिपमेंट जैसे ऑक्सीजन सांद्रक, उपकरण, दवाएं आदि की निकासी, प्रसंस्करण और वितरण की सुविधा प्रदान की। ऐसे शिपमेंट की निकासी और तेजी से वितरण की सुविधा के लिए डाक भवन और एक्सचेंज के सभी कार्यालयों में एक कोविड हेल्पडेस्क स्थापित किया गया था।

 

2. बैंकिंग सेवाएं और वित्तीय समावेशन:

 

  • बड़े पैमाने पर जनता का डिजिटल वित्तीय सशक्तिकरण: डाक विभाग देश भर में 1.56 लाख डाकघरों के माध्यम से 29.29 करोड़ से अधिक सक्रिय डाक घर बचत बैंक (पीओएसबी) खातों का संचालन करता है। डाकघर बचत बैंक (पीओएसबी) योजनाओं में 12,56,073 करोड़ रुपये का बकाया बैलेंस है। कुल मिलाकर, 1.67 करोड़ नए खाते खोले गए और इनमें 4.71 लाख करोड़ रुपये जमा कराए गए, लगभग 3.48 लाख करोड़ की निकासी की गई और इस प्रकार सीबीएस (कोर बैंकिंग सर्विस) डाकघरों में लगभग 8.19 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। नतीजतन, अप्रैल, 2021 से सीबीएस डाकघरों में 51.45 लाख नए खाते खुले और 1,22,851 करोड़ रुपये की शुद्ध राशि जमा की गई। डाकघर सीबीएस सिस्टम दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है, जिसमें 24,971 कार्यालय पहले से ही इस नेटवर्क में मौजूद हैं। इसके अलावा 1,29,219 शाखा डाकघरों को भी वास्तविक समय के आधार पर नेटवर्क तक पहुंचने में सक्षम बनाया गया है। सीबीएस ने डाक विभाग (डीओपी) को एटीएम, इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से चौबीसों घंटे सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाया है।

 

  • ग्रामीण आबादी का वित्तीय सशक्तिकरण: वित्त मंत्रालय की सभी 9 लघु बचत योजनाएं 1.56 लाख डाकघरों में उपलब्ध हैं। इनमें से 5 योजनाएं यथा मासिक आय योजना, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, सार्वजनिक भविष्य निधि, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और किसान विकास पत्र बीओएस (शाखा डाकघरों) में शुरू की गई हैं। गांवों में रहने वाले लोगों को डाकघर बचत बैंक (पीओएसबी) से लेनदेन करने के लिए शहरों में आने की आवश्यकता नहीं होगी। यह सुविधा उनके घर के पास स्थानीय शाखा डाकघरों के माध्यम से उपलब्ध होगा।

 

  • बालिका का आर्थिक सशक्तिकरण: सुकन्या समृद्धि खाता (एसएसए) योजना को बालिका समृद्धि योजना के रूप में भी जाना जाता है। इसकी शुरूआत 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा राज्य के पानीपत में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रऐ मोदी ने की थी। सुकन्या समृद्धि खाता योजना बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करती है। इस योजना ने उन्हें उचित शिक्षा, शादी के खर्च और उनके भविष्य को सुरक्षित करने में मदद की है। सुकन्या समृद्धि खाता किसी भी डाकघर में खोला जा सकता है। डाकघर विभाग द्वारा सुकन्या समृद्धि योजना की शुरूआत के बाद से अक्टूबर, 2021 तक कुल 2.26 करोड़ सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए हैं जिनमें 80,509.29 करोड़ रुपये जमा हैं। देश में कुल सुकन्या समृद्धि खातों का 86% केवल डाकघरों के माध्यम से खुले हैं।

 

  • उचित दरों पर जनता का बीमा और पेंशन कवरेज: प्रधानमंत्री ने मई 2015 में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) नाम से प्रधानमंत्री जन सुरक्षा योजनाएं शुरू की। डाक विभाग भारत सरकार की इन प्रमुख योजनाओं के तहत सक्रिय भूमिका निभा रहा है। डाक विभाग ने अब तक 3.47 लाख अटल पेंशन योजना (एपीवाई), 7.54 लाख प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) (वार्षिक ऑटो नवीनीकरण सहित) और 1.38 करोड़ प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) (वार्षिक ऑटो नवीनीकरण सहित) दिलवाई।

 

 

3. डाक जीवन बीमा (पीएलआई) / ग्रामीण डाक जीवन बीमा (आरपीएलआई):

 

  • दावेदार के लिए पीएलआई/आरपीएलआई में मृत्यु दावा मामलों की अस्वीकृति के खिलाफ अपील दायर करने के लिए एक प्रावधान पेश किया गया है।

 

  • "संकलन" एक ई-संग्रह जिसमें डाकघर जीवन बीमा नियम 2011, विभिन्न मानक संचालन प्रक्रियाएं, फॉर्म आदि शामिल हैं, को पीएलआई दिवस के अवसर पर अर्थात 01.02.2021 को जारी किया गया था। इसका उद्देश्य डाकघर के विभिन्न कार्यालयों में काम करने वाले अधिकारियों के कामकाज को आसान बनाने के साथ ही ग्राहकों द्वारा इसका उपयोग करने के लिए इसे उपलब्ध कराना है। यह वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

 

  • डाक घर जीवन बीमा नियम, 2011 के नियम 61 में संशोधन किया गया है, जिसमें आत्महत्या के कारण मृत्यु पर दावे के निपटान के लिए दो (2) वर्ष की सीमा को घटाकर एक (1) वर्ष कर दिया गया है।

 

  • पीएलआई और आरपीएलआई का व्यावसायिक प्रदर्शन: 31.10.2021 तक कुल 100.51 लाख सक्रिय पीएलआई और आरपीएलआई पॉलिसिया थीं, जिनकी कुल बीमा राशि 2.32 लाख करोड़ रुपये है।

 

  • पीएलआई और आरपीएलआई फंड के निवेश कार्य: पीएलआई/आरपीएलआई पॉलिसियों का कुल कोष 31.10.2021 तक 1.27 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

 

  • बीमा ग्राम योजना : जनवरी 2021 से अक्टूबर 2021 तक 6,657 गांवों को बीमा ग्राम योजना (बीजीवाई) के दायरे में लाया गया है। प्रत्येक बीमा ग्राम योजना गांव में कम से कम 100 परिवारों के पास एक आरपीएलवाई पॉलिसी है।

 

  • ग्राहक डाकघर जाए बिना डाक जीवन बीमा पॉलिसियां ​​ऑनलाइन खरीद सकते हैं। पीएलआई किस्त के भुगतान के कई विकल्प और परिपक्वता / समर्पण / बंद हुए पॉलिसी को चालू करने (सर्वाइवल) / मृत्यु / ऋण जैसे वितरण की सुविधा के लिए डाकघर बचत बैंक (पीओएसबी) के साथ गहन एकीकरण किया गया है, जिसमें पॉलिसी धारक स्थायी निर्देश (एसआई), पीओएसबी ई-बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग सुविधा का उपयोग कर सकते हैं और डाकघर एटीएम सुविधाओं का भी उपयोग कर सकते हैं। ऑनलाइन प्रीमियम भुगतान के लिए सिस्टम में मल्टीपल पेमेंट गेटवे भी शुरू किए गए हैं।

 

  • डिजिटल प्रारूप में पीएलआई / आरपीएलआई पॉलिसी बांड अब डिजिलॉकर के माध्यम से पॉलिसी धारकों के लिए उपलब्ध हैं।

 

4. नागरिक केंद्रित सेवाएं:

  • डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके): नागरिकों को पासपोर्ट की बढ़ती आवश्यकता के साथ विदेश मंत्रालय और डाक विभाग ने डाकघरों में डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) स्थापित करने के लिए पारस्परिक रूप से सहमति व्यक्त की है ताकि पासपोर्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए डाकघरों की पहुंच और उसकी अवसंरचना का इस्तेमाल हो सके। अब तक 428 डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) चालू किए जा चुके हैं, जिनमें से दो पीओपीएसके साल 2021 में खोले गए हैं, अर्थात् (i) डोंबिवली, महाराष्ट्र और (ii) एकमा, बिहार। जनवरी, 2021 से अक्टूबर, 2021 तक पीओपीएसके के माध्यम से पासपोर्ट के 12,01,360 आवेदनों पर काम किया गया है।

 

  • आधार नामांकन और अद्यतन केंद्र: इस सुविधा ने नागरिकों को नया आधार बनाने और किसी भी परिवर्तन / गलती सुधार के मामले में अपने आधार कार्ड को अद्यतन कराना आसान कर दिया है। आधार से जुड़े कार्य करने के लिए 42,000 से अधिक डाक अधिकारियों /एमटीएस /जीडीएस को प्रशिक्षित / प्रमाणित किया गया है। आधार नामांकन नि:शुल्क किया जाता है। देश भर में 13,352 डाकघर आधार केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों द्वारा जनवरी, 2021 से अक्टूबर, 2021 तक नामांकन / अद्यतन के लिए 1,49,50,803 अनुरोधों पर काम किया गया है।

 

  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी): जनवरी, 2021 से अक्टूबर, 2021 तक की अवधि के दौरान कुल 3607 करोड़ रुपये के 3.29 करोड़ से अधिक लेनदेन किए गए। विभिन्न मंत्रालयों की 275 से अधिक योजनाओं का लाभ दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों सहित कई लाभार्थियों को प्रदान किया गया।

 

  • डिजिटल समावेशन: 1,29,252 शाखा डाकघर सिम आधारित हैंडहेल्ड प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं।

 

  • नए भारत के लिए ग्रामीण डाकघरों का डिजिटल विकास (डीएआरपीएएन-दर्पण): देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 1,29,252 लाख शाखा डाकघरों के माध्यम से जनवरी, 2021 से अक्टूबर, 2021 तक की अवधि में कुल 19,402/- करोड़ रुपये के ऑनलाइन डाक और वित्तीय लेनदेन किए गए। डीएआरपीएएन-दर्पण उपकरणों के माध्यम से प्रति माह 1.95 करोड़ से अधिक लेनदेन हो रही हैं।

 

  • पीओ-सीएससी (डाकघर-सामान्य सेवा केंद्र): विभिन्न नागरिक केंद्रित सेवाओं के प्रभावी वितरण के लिए डाकघरों और सामान्य सेवा केंद्रों का मिलान डाक विभाग के पांच वर्षीय विजन दस्तावेज़ (2019-24) का एक हिस्सा है। तदनुसार, 91867 डाकघर अब सीएससी के डिजिटल सेवा पोर्टल के माध्यम से सीएससी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

 

11 सर्किलों से चुने गए 22 प्रायोगिक डाकघरों में 04.05.2020 को लॉन्च किया गया।

 

  • अक्टूबर 2021 तक 91867 कार्यालयों में विस्तारित।
  • 15.12.2020 को डाक विभाग और सीएससी-एसपीवी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए
  • 49669 से अधिक ऑपरेटरों को प्रशिक्षित किया गया
  • इन डाकघरों के माध्यम से 100+ सीएससी सेवाएं प्रदान की जाती हैं जिनमें जीटूसी और बीटूसी सेवाएं शामिल हैं।
  • इसकी शुरूआत के बाद से 31.10.2021 तक 91867 पीओ-सीएससी के माध्यम से 59.9 करोड़ रुपये के 7.37 लाख लेनदेन किए गए।

 

• सीएससी द्वारा प्रचारित सरकार की नागरिक योजनाओं में से कुछ हैं:

  • प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि योजना (पीएम स्वनिधि)
  • प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत)
  • प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना (पीएम-एसवाईएम)
  • प्रधानमंत्री लघु व्यपारी मान-धन योजना (पीएम-एलवीएम)
  • चुनाव कार्ड की छपाई
  • विभिन्न ई-जिला सेवाएं
  • पेश की गई कुछ बी2सी (बिजनेस टू सिटिजन्स) सेवाएं हैं
  • भारत बिल भुगतान प्रणाली बिल (बिजली, गैस, पानी के बिल आदि...)
  • जीवन बीमा पॉलिसियों और सामान्य बीमा जैसे मोटर वाहन, आदि के लिए नवीकरण प्रीमियम संग्रह
  • तीसरे पक्ष की सेवाएं जैसे वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न ऋणों के लिए ईएमआई संग्रह और ऋणों के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करना।
  • यात्रा सेवाएं जैसे उड़ान, ट्रेन और बस टिकट के लिए टिकट बुकिंग सेवा उपलब्ध है।

 

देश में 90 चिन्हित वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिलों में नई शाखा डाकघरों (बीओ) का उद्घाटन: गृह मंत्रालय (एमएचए) के कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) के एक फैसले का पालन करते हुए देश के 90 चिन्हित वामपंथी उग्रवाद वाले जिलों में 4903 नए शाखा डाकघरों (बीओ) को खोलने का काम किया जा रहा है। पहले चरण में अब तक 1789 शाखा डाकघर खोले जा चुके हैं। हाल ही में वित्त मंत्रालय (एमओएफ) ने 90 वामपंथी उग्रवाद वाले जिलों में शेष 3114 शाखा डाकघर खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस संदर्भ में, 3114 ग्रामीण डाक सेवक- शाखा पोस्टमास्टर और सहायक शाखा पोस्टमास्टर पदों को पहले ही सभी संबंधित सर्किलों- आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में शेष 3114 शाखा डाकघर खोलने के लिए स्वीकृत किया जा चुका है। सभी संबंधित सर्किलों को मार्च के अंत तक 3114 शाखा डाकघरों को चालू कर देने के लिए पहले ही सूचित कर दिया गया है।

 

5. जन शिकायतें:

     

केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस): केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) का सुधार शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए शाखा डाकघरों के स्तर तक 1.5 लाख से अधिक डाकघरों की मैपिंग करके किया गया था। डाक विभाग प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के सहयोग से सीपीजीआरएएमएस में सुधार करने वाला पहला विभाग था। यह संस्करण न केवल समाधान के समय को बचाता है बल्कि निष्फल स्तरों को दरकिनार कर मानवीय हस्तक्षेप को भी कम करता है। 2021 में 15.11.2021 तक निपटाई गई शिकायतों का विवरण निम्नानुसार है: -

 

साल

बी/एफ सहित इस अवधि के दौरान प्राप्त शिकायतें

अवधि के दौरान निपटाई गई शिकायतें

निपटान का प्रतिशत

औसत निपटान समय (दिन)

01.01.2021 से

15.11.2021

 

48637

46585

96

16

 

 

सोशल मीडिया सेल: सोशल मीडिया सेल एक स्वतंत्र इकाई है और यह डाक विभाग के ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम खातों को संभालता है। सोशल मीडिया टीम को मजबूत किया गया है और इसके काम के घंटे दिन के 8 घंटे से बढ़ाकर 16 घंटे प्रतिदिन कर दिए गए हैं। नतीजतन, पहली प्रतिक्रिया का समय पहले के 4 घंटे से अधिक के समय से घटकर अब 1 घंटा 35 मिनट तक आ गया है। वर्ष 2021 में 15.11.2021 तक निपटाई गई शिकायतों का विवरण निम्नानुसार है:-

 

वर्ष

अवधि के दौरान प्राप्त शिकायतें

 

अवधि के दौरान निपटाई गईं शिकायतें

 

निपटान का प्रतिशत

01.01.2021 से

15.11.2021

2,39,133

2,37,187

99.2%

 

इंडिया पोस्ट कॉल सेंटर (आईपीसीसी): डाक विभाग ने वाराणसी में 01.06.2018 को इंडिया पोस्ट कॉल सेंटर (आईपीसीसी) शुरू किया। आईपीसीसी में इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) की सुविधा ग्राहकों के लिए पूरे साल 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध है। वर्तमान में, आईपीसीसी ग्राहकों के भौगोलिक स्थानों के साथ मैप की गई ग्यारह भाषाओं में काम कर रहा है। आईपीसीसी की शुरूआत के बाद से अब तक 1.46 करोड़ कॉलों की सेवा दी जा चुकी है। डाक जीवन बीमा/ग्रामीण डाक जीवन बीमा और वित्तीय सेवा सुविधाओं को आईपीसीसी से जोड़ दिया गया है।

 

डाकघरों में डायनेमिक क्यू मैनेजमेंट सिस्टम (डीक्यूएमएस) का कार्यान्वयन: डायनेमिक क्यू मैनेजमेंट सिस्टम (डीक्यूएमएस) में वायर आधारित कॉलिंग टर्मिनल है जो काउंटरों पर उपलब्ध है और एक स्टैंड-अलोन सॉफ्टवेयर पर काम करता है। प्रवेश द्वार पर थर्मल प्रिंटर वाला एक डिस्पेंसर उपलब्ध है। डीक्यूएमएस को 325 प्रधान डाकघरों में स्थापित किया गया है जिनमें छह या छह से अधिक कार्यरत काउंटर हैं। इससे जनता को प्रतीक्षा समय को कम करने, काम निपटाने की क्षमता में वृद्धि करने, कर्मचारियों और ग्राहकों को आराम मुहैया कराने और ग्राहकों की आवाजाही की निगरानी करने में मदद मिली है।

 

2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2021 तक विचाराधीनता को कम करने के लिए विशेष अभियान: भारत सरकार के सभी मंत्रालयों / विभागों के बीच डाक विभाग ने भी विचाराधीनता को कम करने के लिए 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2021 तक विशेष अभियान में भाग लिया। विशेष अभियान के दौरान, विभाग ने लोक शिकायतों, सांसदों के निर्देशों, राज्य सरकारों और संसद आश्वासनों का महत्वपूर्ण निपटान सुनिश्चित किया। इसके अलावा, अभिलेख प्रबंधन, फाइलों की छंटाई और सरकारी कार्यालयों की समग्र सफाई में सुधार के लिए सभी प्रयास किए गए।

 

कोविड-19 स्थिति में विभाग द्वारा की गई पहल: सीपीजीआरएएमएस पोर्टल: महामारी की पृष्ठभूमि में जनता की डाक संबंधी जरूरतों के संबंध में जनता की शिकायतों को दूर करने और उनकी निगरानी करने के लिए सीपीजीआरएएमएस पर कोविड-19  शिकायतों के लिए एक अलग श्रेणी बनाई गई थी। 3 दिनों की निर्धारित समय सीमा के भीतर 879 शिकायतों का समाधान किया गया है।

 

6. डाक विभाग का विपणन और उपस्थिति:

 

डाक विभाग भी डाक उत्पादों और सेवाओं की मौजूदगी दिखाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रहा है। चालू वित्त वर्ष में विभाग ने अपने उत्पादों और सेवाओं की बिक्री बढ़ाने के लिए कई गतिविधियां / अभियान चलाए हैं जिनमें रेडियो, टीवी, होर्डिंग्स इत्यादि में विज्ञापन जारी करना शामिल है। सोशल मीडिया हैंडल का उपयोग अपने उत्पादों और सेवाओं के विपणन के लिए किया जा रहा है।

 

इसके अलावा, डाक विभाग भारत सरकार के वैसे कुछ पहले विभागों में से एक है जिसने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पहले शुरू की हैं। इसने विभाग को अपने ग्राहकों से सीधे जुड़ने में सक्षम बनाया। अब तक, डाक विभाग के फेसबुक पर 308.4 हजार, ट्विटर पर 323.8 हजार, इंस्टाग्राम पर 9.8 हजार और कू पर 204.9 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं। यू-ट्यूब पर डाक विभाग और इसकी विभिन्न योजनाओं से संबंधित वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं। विभाग द्वारा की जाने वाली गतिविधियों पर लगातार अपडेट किया जा रहा है और विभागीय उत्पादों का प्रचार दैनिक आधार पर किया जा रहा है।

डाक विभाग का अपना वेब पोर्टल (https://www.indiapost.gov.in) भी है, जिसमें विभाग की गतिविधियों, उत्पादों और सेवाओं के बारे में व्यापक जागरूकता बढ़ाने और मौजूदगी दिखाने के लिए नियमित रूप से जानकारी अपलोड और अपडेट की जाती है।

डाक विभाग के सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से नागरिकों को सरकार की पहल, विभाग द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं और की जाने वाली गतिविधियों के बारे में अपडेट किया जा रहा है।

मार्च 2021 के महीने में पूरे देश में एआईआर एफएम और स्थानीय एफएम चैनलों पर रेडियो जिंगल के माध्यम से डाक जीवन बीमा और ग्रामीण डाक जीवन बीमा के प्रचार और प्रसार के लिए विज्ञापन जारी करना।

भारत सरकार की पहल के तहत सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने डाकघरों के माध्यम से "प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना" पीएम-जीकेएवाई खाद्यान्न के प्रचार और प्रसार के लिए रचनात्मक साझेदारी की। यह विशेष योजना शुरू में 2 महीने (मई और जून) के लिए उपलब्ध थी जिसे नवंबर 2021 तक बढ़ा दिया गया था। पीएम-जीकेएवाई पर रचनात्मक प्रचार देश भर के सभी डाकघरों में प्रदर्शित किया गया था।

 

भारत सरकार की पहल के तहत सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने जन आंदोलन अभियान 2021 की रचनात्मकता को 'दवाई भी, कड़ाई भी' पर नए सिरे से जोर देने के साथ साझा किया, जिसमें परीक्षण, ट्रेसिंग, उपचार, कोविड उपयुक्त व्यवहार और टीकाकरण जैसे पांच गुना रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसे 8 अप्रैल, 2021 को सभी सर्किलों में साझा किया गया था। इसे सभी डाकघरों और डाक विभाग के सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से भी प्रदर्शित किया गया था।

 

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने जून 2021 के महीने में सभी डाकघरों में भारत सरकार की एक पहल, "सभी के लिए टीके, मुफ्त में टीके" अभियान पर रचनात्मक साझा किए। इस अभियान को भी डाक विभाग के सोशल मीडिया हैंडल पर डाला गया था ।

 

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने "100 करोड़ टीकाकरण मार्क" की भारत की उपलब्धि पर रचनात्मक साझा किए, जिसे पूरे भारत के सभी डाकघरों में प्रदर्शित किया गया था। इसे डाक विभाग के सोशल मीडिया हैंडल में भी प्रदर्शित किया गया था।

 

संस्कृति मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहे आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए ऑनलाइन अभियान में भारत के राष्ट्रगान (राष्ट्रगान) के प्रतिपादन से संबंधित एक प्रमुख कार्यक्रम https://rashtragaan.in/ लिंक के माध्यम से किया गया था, जो विभाग के सभी निदेशालयों /मंडलों /अनुभागों और सर्किलों को भी साझा किया गया। ऑनलाइन अभियान में विभाग के कुल 2,11,608 लोगों ने भाग लिया।

 

आज़ादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में डाक विभाग के सोशल मीडिया हैंडल पर एक ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। विभाग के चार सोशल मीडिया हैंडल से चार विजेताओं का चयन किया गया था, जिसकी 15 अगस्त 2021 को घोषिणा हुई और विजेताओं को गुड्डी बैग से पुरस्कृत किया गया।

 

कानूनी सहायता के संवैधानिक अधिकार और मुफ्त कानूनी सहायता सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जानकारी के प्रसार के संबंध में एनएएलएसए (नालसा) ने डाक विभाग के साथ एक सहयोगी परियोजना के लिए समझौता किया। इस सहयोगी परियोजना में देश भर में सभी डाकघरों के माध्यम से उनके सुस्थापित नेटवर्क के कारण राष्ट्रव्यापी जागरूकता फैलाया जाता है। नालसा की सूचना का यह प्रसार डाक विभाग द्वारा सामाजिक दायित्व के रूप में नि:शुल्क प्रदान किया जा रहा है।

 

11 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 2021 को इंडिया पोस्ट-आजादी का अमृत महोत्सव प्रतिष्ठित सप्ताह के रूप में मनाया गया, जिसके दौरान विभिन्न गतिविधियों, कार्यक्रमों, वेबिनारों का आयोजन किया गया और पीआईबी और माईगॉव के सहयोग से सोशल मीडिया पर प्रचारित भी किया गया। संक्षेप में नीचे वर्णित है:

 

  • आकर्षक गतिविधियों के रूप में माईगॉव के सहयोग से दर्शकों के लिए एक सप्ताह तक चलने वाली गतिविधि का आयोजन किया गया था, जहां दर्शकों को अपने संरक्षित पत्रों / पोस्टकार्डों के स्नैप / फोटो के साथ-साथ इसके बारे में संक्षिप्त मार्मिक कहानी माईगॉव प्लेटफॉर्म पर साझा करने के लिए कहा गया था। इसके अलावा, डाक टिकट संग्रह के दिन दर्शकों से अनुरोध किया गया था कि वे एकत्र किए गए अपने पहले डाक टिकट को साझा करें और साथ में इसके पीछे की कहानी भी बताएं।

 

  • "भारतीय डाक ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन की दिशा में कैसे योगदान दे रहा है", "डाक जीवन बीमा – जीवन को बीमित करता और खुशी का आश्वासन देता" और "एमएसएमई, लघु व्यवसाय, कारीगरों के लिए आत्मनिर्भर भारत लॉजिस्टिक के लिए भारतीय डाक" विषयों पर वेबिनार विभाग के सोशल मीडिया हैंडल पर लाइव चलाया गया।

 

  • जमीनी गतिविधियों के संबंध में, सुकन्या समृद्धि योजना, पीएलआई/आरपीएलआई पर विशेष ध्यान देने के साथ देश भर में विभिन्न वित्तीय समावेशन मेलों का आयोजन किया गया। मेलों का कवरेज डाक विभाग के सोशल मीडिया हैंडल पर किया गया।

 

  • संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रदान किए गए भारत@75 (आज़ादी का अमृत महोत्सव) पर वृत्तचित्र को इस बारे में  जागरूकता लाने के लिए मेलों में प्रदर्शित किया गया और संस्कृति मंत्रालय की अनुमति से भारत@75 स्पेशल कवर जारी किया गया जिसे विभाग के सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से भी प्रदर्शित किया गया था।

 

  • पूरे सप्ताह सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए।  बीमित/कवर लोगों की कुल संख्या को विभाग के सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से साझा किया गया।

 

  • 14 अक्टूबर को 'व्यावसायिक विकास दिवस' पर देश भर के 1641 शिविरों / मेलों में कुल 1.16 लाख आधार लेनदेन (नामांकन/अपडेशन) किए गए और इसे विभाग के सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से भी साझा किया गया।

 

  • डाक टिकट दिवस के अवसर पर संस्कृति मंत्रालय के परामर्श से संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश क्षेत्र के गुमनाम नायकों पर विशेष कवर जारी किए गए। इसे विभाग के सोशल मीडिया हैंडल पर भी साझा किया गया।

 

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