पंचायती राज मंत्रालय

केन्‍द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री, श्री गिरिराज सिंह ने पंचायती राज संस्थानों के माध्यम से ‘सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का स्थानीयकरण’ पर रिपोर्ट जारी की


श्री गिरिराज सिंह ने जीपीडीपी और प्रशिक्षण प्रबंधन पोर्टल की प्रगति की निगरानी करने के लिए जीपीडीपी मॉनिटरिंग डैशबोर्ड लॉन्च किया

श्री गिरिराज सिंह ने पंचायती राज संस्थाओं के 32 लाख निर्वाचित प्रतिनिधियों का एसडीजी को एक चुनौती के रूप में अर्जित करने के बारे में विचार करने और जमीनी स्‍तर एक केन्द्रित और ठोस तरीके से काम शुरू करने का आह्वान किया

श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि सुनियोजित और समन्वित तरीके से मनरेगा कार्यों के साथ प्रभावी तालमेल के माध्यम से बहुत कुछ अर्जित किया जा सकता है

Posted On: 08 DEC 2021 12:19PM by PIB Delhi

केन्‍द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने पंचायती राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल की उपस्थिति में 07-12-2021 को ‘‘पंचायती राज संस्थानों के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का स्थानीयकरण’’ पर एक रिपोर्ट जारी की।

इस अवसर पर, दो समर्पित डैशबोर्ड अर्थात् (i) जीपीडीपी की प्रगति की मॉनिटरिंग पर ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) मॉनिटरिंग डैशबोर्ड और (ii) पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों की क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण पर प्रशिक्षण प्रबंधन पोर्टल लॉन्च किए गए। प्रशिक्षण प्रबंधन पोर्टल पर एक हैंड बुक का विमोचन किया गया।

श्री गिरिराज सिंह ने इस सूचनात्मक रिपोर्ट को तैयार करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के प्रयासों की सराहना की। यह रिपोर्ट एसडीजी को प्राप्त करने की दिशा में एक कार्य योजना के रूप में काम करेगी। वर्ष 2030 तक एसडीजी अर्जित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए उन्‍होंने पंचायती राज संस्थानों के 32 लाख निर्वाचित प्रतिनिधियों से एसडीजी को एक चुनौती के रूप में अर्जित करने और जमीनी स्तर पर केन्द्रित और ठोस तरीके से काम शुरू करने का आह्वान किया। केन्‍द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री ने पंचायती राज संस्थानों से गुणवत्तापूर्ण वृक्षारोपण, कुपोषण के सभी रूपों की समस्या से निपटने, स्वास्थ्य, शिक्षा, इज ऑफ लिविंग और आजीविका के अवसरों जैसे मुद्दों को उठाने का आह्वान किया, ताकि सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके। पंचायतों को ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों के लिए स्वास्थ्य एवं आरोग्य केन्द्रों, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता जैसे सेवाएं सुनिश्चित करने के बारे में भी ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

समावेश की जरूरत पर जोर देते हुए श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि सुनियोजित और समन्वित तरीके से मनरेगा कार्यों के साथ प्रभावी तालमेल के माध्‍यम से बहुत कुछ अर्जित किया जा सकता है।

श्री गिरिराज सिंह ने सभी स्तरों के अधिकारियों और पंचायती राज संस्थानों के पदाधिकारियों से जमीनी स्तर पर तेजी से परिवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री के विजन को मूर्त रूप देने के लिए भावनाओं और समर्पण के साथ काम करने का आह्वान किया।

उन्‍होंने कर्नाटक राज्य में विभिन्न ग्राम पंचायतों के पंचायत पुस्तकालयों में ई-लर्निंग और डिजिटल पुस्तकालयों के माध्यम से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों को उपलब्‍ध कराए जा रहे लाभों का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्‍होंने विश्वास व्यक्त किया कि यदि पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधि और पदाधिकारी सभी पंचायतों में डिजिटल पुस्तकालयों को स्थापित करने का संकल्प लेते हैं, तो यह कार्य वास्तविकता बन सकता है और इसके लिए केवल दृढ़ संकल्प की ही जरूरत है।

तमिलनाडु में कोयंबटूर जिले में ओदंथुरई ग्राम पंचायत की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए श्री गिरिराज सिंह ने यह उम्‍मीद जाहिर की कि अगर अन्‍य ग्राम पंचायतें निश्‍चय कर लें तो वे भी ऊर्जा उत्पादन और अन्य क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बन सकती हैं। ओदंथुरई ग्राम पंचायत एक रोलमॉडल ग्राम पंचायत है जिसने विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने पर प्रसिद्ध और व्यापक रूप से प्रशंसा अर्जित की है।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने आजीविका की संभावनाओं तक पहुंच बढ़ाने और पंचायत स्तर पर अधिक और बेहतर रोजगार अवसर सृजित करने के लिए उद्यमशीलता की पहलों का आह्वान किया। इस रिपोर्ट की प्रशंसा करते हुए श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने यह उम्‍मीद जताई कि ‘‘पंचायती राज संस्थानों के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का स्थानीयकरण’’ के बारे में यह रिपोर्ट समाज के आखिरी व्यक्ति तक विकास लाभों को ले जाने के लिए एक रोडमैप के रूप में कार्य करेगी। प्रधानमंत्री के विजन के आधार पर पंचायतों को प्रधानमंत्री के विजन से उपजे विश्वास और आत्‍मविश्‍वास के साथ विकास कार्य करने चाहिए। उन्‍होंने ज्ञान के बढ़ते हुए स्तर और उचित योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र प्रगति और गरीबी उन्‍मूलन का मार्ग प्रशस्‍त होगा।

पंचायती राज संस्थानों के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के स्थानीयकरण' के बारे में रिपोर्ट को समग्र विकास की दिशा में एक ठोस कदम बताते हुए, पंचायती राज मंत्रालय में सचिव श्री सुनील कुमार ने कहा कि यह रिपोर्ट आने वाले वर्षों में परिवर्तनकारी सिद्ध होगी। सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए, सभी संबंधित विभागों को ठोस प्रयास करने और व्यापक मुद्दों और रणनीतियों पर काम शुरू करने की जरूरत है, जिसके लिए पूरे सरकारी दृष्टिकोण की जरूरत है। जमीनी स्तर पर समुदाय की भागीदारी के माध्यम से एसडीजी अर्जित करने के लिए सभी हितधारकों को एक मंच पर लाने के लिए पूरा सरकारी दृष्टिकोण बहुत आवश्यक और महत्वपूर्ण तत्व है। श्री सुनील कुमार ने कहा कि आज जिन डैशबोर्डों का अनावरण हुआ है वे सभी संबंधित मंत्रालयों/विभागों और पंचायती राज के हितधारकों के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होंगे।

"पंचायती राज संस्थानों के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के स्थानीयकरण" के बारे में तमिलनाडु सरकार की अपर मुख्‍य सचिव श्रीमती जयश्री रघुनंदन ने एक विस्तृत प्रस्तुति दी। पंचायती राज मंत्रालय की संयुक्‍त सचिव श्रीमती रेखा यादव ने (i) जीपीडीपी की प्रगति की निगरानी पर जीपीडीपी मॉनिटरिंग डैशबोर्ड और (ii) निर्वाचित प्रतिनिधियों और पंचायती राज संस्थानों के पदाधिकारियों की क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण पर प्रशिक्षण प्रबंधन पोर्टल के बारे में प्रस्तुतियां दी।

श्री सुनील कुमार, सचिव, पंचायती राज मंत्रालय, श्रीमती जयश्री रघुनंदन, अपर मुख्य सचिव, तमिलनाडु सरकार, श्री (डॉ.) चंद्रशेखर कुमार, अपर सचिव, पंचायती राज मंत्रालय, श्री के. एस. सेठी, संयुक्त सचिव, पंचायती राज मंत्रालय, श्रीमती रेखा यादव संयुक्‍त सचिव पंचायती राज मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

शिक्षा मंत्रालय, विधि और न्याय मंत्रालय, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय, महिला और बाल विकास मंत्रालय, सामाजिक न्याय मंत्रालय, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, सहित केन्‍द्रीय मंत्रालयों के अधिकारी, सभी राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के पंचायती राज विभागों के अधिकारी, एनआईआरडी एंड पीआर और एसआईआरडी एंड पीआर के अधिकारी, एफएओ, आईएलओ, यूएनडीपी, यूएनएफपीए, यूएन महिला, यूएनईपी, यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ सहित संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रतिनिधि ने भी वर्चुअल रूप से इस कार्यक्रम में भाग लिया।

पृष्ठभूमि:

भारत सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) 2030 का एक हस्ताक्षरकर्ता देश है। पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) योजना के तहत एसडीजी की उपलब्धियों के लिए प्रतिबद्ध है। आरजीएसए योजना ग्राम पंचायत स्तर पर सहभागी स्थानीय योजना के तहत अच्‍छे शासन के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों को सक्षम बनाने के लिए अधिदेश प्राप्‍त है।

मई 2021 में, पंचायत स्तर पर एसडीजी के स्थानीयकरण पर मंत्रालय को नीतिगत मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए एमओपीआर द्वारा एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया था। श्रीमती जयश्री रघुनंदन, अपर मुख्य सचिव, तमिलनाडु सरकार ने विशेषज्ञ समूह की अध्यक्षता की थी, जिसके अन्‍य सदस्‍य पंचायती राज मंत्रालय और राज्य पंचायती राज विभागों और राज्य ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थानों (एसआईआरडी और पीआर) के वरिष्ठ अधिकारी हैं।

विशेषज्ञ समूह ने गहन विचार-विमर्श के बाद अक्टूबर 2021 में पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) और ग्रामीण भारत के सभी संबंधित हितधारकों को शामिल करते हुए जमीनी स्तर पर एसडीजी के स्थानीयकरण की रणनीतियों और पहलों के बारे में अपनी सिफारिशों के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की है।

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