प्रधानमंत्री कार्यालय
प्रधानमंत्री ने टीकाकरण के कम कवरेज वाले जिलों के साथ समीक्षा बैठक की
प्रधानमंत्री ने झारखंड, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय और अन्य राज्यों के अंतर्गत टीकाकरण के कम कवरेज वाले 40 से अधिक जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बातचीत की
सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया कि देश, वर्ष के अंत तक अपने टीकाकरण कवरेज का विस्तार करे और नए आत्मविश्वास व निश्चय के साथ नए साल में प्रवेश करे
“अब हम टीकाकरण अभियान को प्रत्येक घर तक ले जाने की तैयारी कर रहे हैं; 'हर घर दस्तक' के मंत्र के साथ ऐसे हर दरवाजे, हर घर पर दस्तक दें, जो वैक्सीन की दो खुराकों के सुरक्षा कवच से वंचित हैं"
"अब तक के अनुभव को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म रणनीति विकसित करें, स्थानीय स्तर पर कमियों को दूर करके टीकाकरण के संभावित उच्च स्तर को हासिल करें"
"आपको अपने जिलों को राष्ट्रीय औसत के करीब ले जाने की पूरी कोशिश करनी होगी"
“आप स्थानीय धर्म गुरुओं से भी मदद ले सकते हैं, मैंने पाया है कि सभी धर्मों के गुरु हमेशा से टीकाकरण के महान समर्थक रहे हैं"
"आपको उन लोगों से प्राथमिकता के आधार पर संपर्क करना होगा, जिन्होंने निर्धारित समय के बावजूद दूसरी खुराक नहीं ली है"
Posted On:
03 NOV 2021 2:26PM by PIB Delhi
इटली और ग्लासगो की अपनी यात्रा से वापस आने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने टीकाकरण के कम कवरेज वाले जिलों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में कोविड वैक्सीन की पहली खुराक की 50 प्रतिशत से कम कवरेज वाले और दूसरी खुराक की निम्न कवरेज वाले जिलों को शामिल किया गया। प्रधानमंत्री ने झारखंड, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय और अन्य राज्यों के अंतर्गत टीकाकरण के कम कवरेज वाले 40 से अधिक जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बातचीत की।
जिलाधिकारियों ने अपने जिलों की उन समस्याओं और चुनौतियों का विवरण दिया, जिनके परिणामस्वरूप टीकाकरण की कवरेज निम्न रही है। उन्होंने अफवाहों के परिणामस्वरूप वैक्सीन लेने में हिचकिचाहट, दुर्गम क्षेत्र, हाल के महीनों में मौसम के कारण पैदा हुई चुनौतियां, जैसे मुद्दों को रेखांकित किया। उन्होंने इन चुनौतियों से निपटने के लिए अब तक उठाए गए कदमों का लेखा-जोखा भी प्रस्तुत किया। जिलाधिकारियों ने उन तरीकों को भी साझा किया, जिनको अपनाने से कवरेज में वृद्धि हुई है।
बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री ने टीकाकरण कराने में हिचकिचाहट के मुद्दे और इसके पीछे के स्थानीय कारकों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कई तरह के विचारों पर चर्चा की जिन्हें इन जिलों में शत-प्रतिशत टीकाकरण कवरेज सुनिश्चित करने के लिए लागू किया जा सकता है। उन्होंने धार्मिक एवं सामुदायिक नेताओं के माध्यम से सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ाने की बात कही। उन्होंने सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया कि देश, वर्ष के अंत तक अपने टीकाकरण कवरेज का विस्तार करे और नए आत्मविश्वास व विश्वास के के साथ नए साल में प्रवेश करे।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में टीकाकरण कवरेज की जानकारी दी। उन्होंने राज्यों में टीके की खुराक की शेष मात्रा की उपलब्धता का लेखा-जोखा दिया तथा टीकाकरण कवरेज को और बेहतर बनाने के लिए राज्यों में चलाए जा रहे विशेष टीकाकरण अभियानों के बारे में भी बात की। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने उपस्थित मुख्यमंत्रियों को धन्यवाद दिया तथा कहा कि उनका विशेष ध्यान जिले को और अधिक दृढ़ संकल्प के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। श्री मोदी ने कहा कि सदी की इस सबसे बड़ी महामारी में देश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, “कोरोना से देश की लड़ाई में एक खास बात ये भी रही कि हमने नए-नए समाधान खोजे, नवोन्मेषी तरीके आजमाए।” प्रधानमंत्री ने प्रशासकों से आह्वान किया कि वे भी अपने जिलों में टीकाकरण बढ़ाने के लिए नए नवोन्मेषी तरीकों पर और ज्यादा काम करें। उन्होंने बताया कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों में भी इसी तरह की चुनौतियां हैं, लेकिन उनसे दृढ़ संकल्प और नवाचार के साथ निपटा गया। उन्होंने अधिकारियों को स्थानीय स्तर पर कमियों को दूर कर टीकाकरण को संपूर्ण करने के लिए अब तक के अनुभव को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म रणनीति विकसित करने के लिए कहा। प्रधानमंत्री ने जिला अधिकारियों से कहा कि अगर उनके जिलों में एक-एक गांव, एक-एक कस्बे के लिए अगर अलग-अलग रणनीति बनानी हो, तो वे वह भी बनाएं। उन्होंने सुझाव दिया कि क्षेत्र के हिसाब से 20-25 लोगों की टीम बनाकर भी ऐसा किया जा सकता है और जो टीमें बनाई जाएं उनमें एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो, इसका भी प्रयास किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से स्थानीय लक्ष्यों के लिए क्षेत्रवार समय सारिणी तैयार करने का आह्वान करते हुए कहा, "आपको अपने जिलों को राष्ट्रीय औसत के करीब ले जाने की पूरी कोशिश करनी होगी।”
प्रधानमंत्री ने टीकाकरण के बारे में अफवाहों और भ्रम की स्थिति के मुद्दे पर भी चर्चा की। उन्होंने सुझाव दिया कि जागरूकता ही इसका एकमात्र समाधान है और राज्य के अधिकारियों से धर्म गुरुओं से मदद लेने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकाकरण अभियान को लेकर धर्मगुरु बहुत उत्साहित हैं। श्री मोदी ने कुछ दिन पहले वेटिकन में पोप फ्रांसिस के साथ अपनी मुलाकात का उल्लेख किया। उन्होंने टीकों पर धर्मगुरुओं के संदेश को जनता तक पहुंचाने पर विशेष जोर देने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि टीकाकरण केंद्र तक जाकर लोगों के सुरक्षित टीकाकरण के लिए की गई व्यवस्थाओं को बदल कर घर-घर जाकर टीके लगाने का प्रबंध करें। उन्होंने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे ‘हर घर टीका, घर घर टीका’ यानी प्रत्येक घर पर जाकर टीका, के उत्साह के साथ सभी घरों तक पहुंचें। उन्होंने पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक घर पर अपनी उपस्थिति के लिए 'हर घर दस्तक' की भावना से जाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा, “अब हम टीकाकरण अभियान को प्रत्येक घर तक ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। 'हर घर दस्तक' के मंत्र के साथ ऐसे हर दरवाजे, हर घर पर दस्तक दें जो वैक्सीन की दो खुराकों के सुरक्षा कवच से वंचित है।"
प्रधानमंत्री ने आगाह करते हुए कहा कि हर घर में दस्तक देते हुए दूसरी खुराक के साथ-साथ पहली खुराक पर भी समान रूप से ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि जब भी संक्रमण के मामले कम होने लगते हैं तो कई बार इसकी आवश्यकता को लेकर भावना कमी आ जाती है। लोगों के बीच टीके लगवाने की अत्यावश्यकता कम हो जाती है। उन्होंने आगाह करते हुए कहा, "आपको उन लोगों से संपर्क करना होगा जिन्होंने प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित समय के बावजूद दूसरी खुराक नहीं ली है, इसे अनदेखा करने से दुनिया के कई देशों के लिए समस्याएं पैदा हो गई हैं।"
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि सभी के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान के तहत, भारत ने एक दिन में लगभग 2.5 करोड़ टीके की खुराक देने का रिकॉर्ड बनाया, यह उपलब्धि भारत की क्षमताओं का प्रमाण है। उन्होंने जिलों के अधिकारियों से बेहतर निष्पादन करने वाले जिलों में अपने सहयोगियों के अच्छे कार्यों से सीखने के लिए कहा और स्थानीय जरूरतों एवं पर्यावरण के लिए उपयुक्त पहलों पर जोर दिया।
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