जनजातीय कार्य मंत्रालय

नीति आयोग-ट्राइफेड भारत के आकांक्षी जिलों के जनजातीय क्लस्टरों में वन धन योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सहयोग करेंगे

Posted On: 24 JUL 2021 2:42PM by PIB Delhi

"सबका साथ, सबका विकास" के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में "बी वोकल फॉर लोकल बाइ ट्राइबल" के नारे से जुड़े  प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत आह्वान के अनुरूप ट्राइफेड नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिलों के रूप में चिन्हित जिलों में वन धन योजना को लागू करने के लिए नीति आयोग के साथ सहयोग कर रहा है। जनजातीय आकांक्षी जिलों में वन धन योजना लागू करने के लिए आगे की कार्रवाई के रूप में ट्राइफेड टीम ने नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत की अध्यक्षता में 23 जुलाई, 2021 को हुई बैठक में आकांक्षी जिलों के डीएम/डीसी को वन धन योजना के बारे में जानकारी दी।

वन धन जनजातीय स्टार्ट-अप्स और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना के माध्यम से लघु वनोपज (एमएफपी) के विपणन के लिए व्यवस्था और एमएफपी योजना के लिए मूल्य श्रृंखला का विकास, जो वन उत्पादों के संग्रहकर्ताओं को एमएसपी प्रदान करता है और जनजातीय समूहों तथा क्लस्टरों के माध्यम से मूल्य वर्धन और विपणन करता है, ट्राइफेड, जनजातीय मामलों के मंत्रालय की कई पहलों में से हैं जो जनजातीय आबादी के लिए रोजगार और आय सृजन करके सहायक साबित हुए हैं।  

ट्राइफेड के नेतृत्व में ये पहल मिशन मोड में एमएफपी के नेतृत्व वाले जनजातीय विकास का उदाहरण है। जनजातीय लोगों को उनके क्षेत्रों में लघु वनोपज (एमएफपी) का कानूनी मालिक बनाया गया है। कई एमएफपी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा की गई है। कार्यक्रम के तहत एमएफपी के लिए प्रसंस्करण और मूल्य वर्धन एक अच्छी तरह से लैस आम सुविधा केंद्रों में किया जाएगा, जिसे वन धन विकास केंद्र कहा जाएगा।

ट्राइफेड के अनुसार 37,904 वन धन विकास केंद्र (वीडीवीके) 300 वनवासियों के 2275 वन धन विकास केंद्र क्लस्टरों (वीडीवीकेएस) में शामिल किए गए, जिन्हें अभी तक ट्राइफेड द्वारा स्वीकृत किया गया है। एक विशिष्ट वन धन विकास केंद्र में 20 जनजातीय सदस्य शामिल होते हैं। 15 ऐसे वन धन विकास केंद्र एक वन धन विकास केंद्र क्लस्टर बनाते हैं। वन धन विकास केंद्र क्लस्टर 27 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 6.77 लाख जनजातीय वन संग्रहकर्ताओं को बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्था, आजीविका और बाजार-संपर्क के साथ-साथ उद्यमिता के अवसर प्रदान करेंगे। वन धन स्टार्ट-अप्स कार्यक्रम से अब तक 50 लाख जनजातीय लोग प्रभावित हुए हैं।

यह योजना महामारी के दौरान हाशिए पर पड़े लोगों की  घटती आजीविका के लिए वरदान साबित हुई है। अच्छी योजना और क्रियान्वयन के साथ ट्राइफेड और 27 राज्यों में इसके राज्य एजेंसी भागीदारों ने कार्यक्रम के परिणामों में एक बड़ा बदलाव लाया है।  

ट्राइफेड की वन धन योजना उन 124 जिलों में लागू किए जाने के विभिन्न चरणों में हैं जिन्हें आकांक्षी जिले घोषित किया गया है। इन जिलों में जनजातीय आबादी के प्रतिशत के साथ-साथ जिले में वीडीवीकेसी के गठन की आर्थिक व्यवहार्यता के आधार पर वर्गीकरण किया गया है। ट्राइफेड पहले से ही 65 आकांक्षी जिलों में काम कर रहा है जहां 521 वन धन क्लस्टर (वीडीवीकेसी) को मंजूरी दी गई है जिसमें 1.55 लाख जनजातीय लाभार्थी शामिल हैं। इसे आकांक्षी जिलों के सभी जनजातीय क्लस्टरों में लागू किया जा सकता है। 

50 प्रतिशत से अधिक जनजातीय आबादी वाले श्रेणी 1 के अंतर्गत 41 आकांक्षी जिलों में से 39 आकांक्षी जिलों में वीडीवीकेसी स्वीकृत हैं जिनमें आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, ओडिशा, तेलंगाना और त्रिपुरा राज्यों के जिले शामिल हैं।

कलेक्टरों और अन्य जिला अधिकारियों के सहयोग से नीति आयोग के साथ सहयोग और साझेदारी का उद्देश्य देश भर में जनजातीय इकोसिस्टम का पूरी तरह परिवर्तन करना है। 

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एमजी/एएम/एजी/डीसी



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