गृह मंत्रालय

केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों (यूटी) से सभी पुलिस थानों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की निरस्त हो चुकी धारा 66ए के तहत मामले दर्ज नहीं करने के निर्देश देने का अनुरोध किया

Posted On: 14 JUL 2021 6:37PM by PIB Delhi

केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों (यूटी) से अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी पुलिस थानों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की निरस्त हो चुकी धारा 66ए के तहत मामले दर्ज नहीं करने के निर्देश देने का अनुरोध किया है। राज्यों और यूटी से उच्चतम न्यायालय द्वारा 24.03.2015 को दिए गए आदेश के अनुपालन के बारे में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अवगत कराने के लिए भी कहा है। एमएचए ने यह अनुरोध भी किया कि यदि राज्यों और यूटी में आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 66ए के तहत कोई भी मामला दर्ज हुआ हो तो ऐसे मामलों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।

उच्चतम न्यायालय ने श्रेया सिंघल बनाम भारत सरकार के मामले में 24.03.2015 को सुनाए अपने फैसले में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66ए को अमान्य कर दिया था। इस प्रकार सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66ए 24.03.2015 को तत्काल प्रभाव से अमान्य हो गया थी और इसीलिए, इस धारा के तहत कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।

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एमजी/एएम/एमपी



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