उप राष्ट्रपति सचिवालय
उपराष्ट्रपति ने शोध समुदाय और आईआईटी से आतंकवादियों की भयावह योजनाओं को विफल करने के लिए बुद्धिमत्तापूर्ण समाधान लाने का आह्वान किया
उपराष्ट्रपति ने कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन के उपयोग की चर्चा की और आईआईटी को आतंकवाद से संबंधित क्षेत्रों पर फोकस करने की सलाह दी
उपराष्ट्रपति आईआईटी मद्रास में भारत के पहले 3डी प्रिंटेड हाउस स्थल देखने गए
उद्योग-संस्थान साझेदारियां उभरती प्रौद्योगिकियों को बढ़ा सकती हैं और वाणिज्यिक व्यवहार्यता हासिल कर सकती हैं: उपराष्ट्रपति
शिक्षा को कक्षा कार्यक्रमों से आगे जाना चाहिए; विद्यार्थियों में समस्या समाधान के लिए समग्र दृष्टिकोण पैदा करें: उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति का देश में आवास की कमी की समस्या को दूर करने के लिए तकनीकी नवाचारों का आह्वान
आईआईटी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और स्थानीय प्रासंगिकता के अनुरूप तकनीकी नवाचारों के लिए फोकस क्षेत्र चिन्हित करें: श्री वेंकैया नायडू
Posted On:
30 JUN 2021 1:26PM by PIB Delhi
उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने आज आईआईटी जैसे शोध समुदाय और संस्थानों से देश के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली आतंकवादियों की भयावह योजनाओं को विफल करने के लिए बुद्धिमत्तापूर्ण समाधान लाने का आह्वान किया।
आईआईटी मद्रास में भारत के पहले 3डी प्रिंटेड हाउस स्थल का दौरा करने के बाद उपराष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद मानव जाति का शत्रु है और आतंकवादियों द्वारा कम ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले ड्रोन के इस्तेमाल का जिक्र किया और बताया कि सैन्य रडार से उनका पता नहीं लगाया जा सकता।
उन्होंने आईआईटी जैसे संस्थानों को आतंकवाद से संबंधित क्षेत्रों पर भी फोकस करने और आतंकवादियों के प्रयासों का मुकाबला करने के लिए समाधान लाने की सलाह दी।
इससे पहले श्री नायडू ने आईआईटी मद्रास और स्टार्टअप टीवैस्टा मैन्यूफैक्चरिंग सॉल्यूशंस के साझा सहयोग से तैयार भारत की पहली 3डी प्रिंटेड हाउस परियोजना के पीछे टीम के प्रयासों की सराहना की।
उपराष्ट्रपति ने प्रौद्योगिकी के विकासात्मक विशेषाधिकार पर बल देते हुए उभरती प्रौद्योगिकियों को बढ़ाने और वाणिज्यिक व्यवहार्यता हासिल करने में उद्योग-संस्थान साझेदारियों के महत्व की चर्चा की।
श्री नायडू ने कहा कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां भविष्य की झलक प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को बढ़ाया जाना चाहिए ताकि वे आम आदमी के लिए सुलभ हों। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकियां केवल अवधारणा के प्रमाण होने तक सीमित नहीं होनी चाहिए। प्रौद्योगिकियां मानव पीड़ा को बहुत कम कर सकती हैं और आम आदमी के जीवन को आरामदायक बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह किसी भी शोध का अंतिम उद्देश्य है।
श्री नायडू ने कहा कि इस परियोजना ने चौथी औद्योगिक क्रांति के संभावित लाभों को दिखाया, जहां 3डी प्रिंटिंग और रोबोटिक्स जैसी स्मार्ट प्रौद्योगिकियों के विलयन में मैन्युफैक्चरिंग के पारंपरिक प्रथाओं को बदलने की क्षमता है।
प्रौद्योगिकी के लाभों का जिक्र करते हुए उप-राष्ट्रपति ने कहा कि निर्माण में 3 डी प्रिंटिंग पूरी तरह से विशिष्ट घर डिजाइन प्रदान करती है और मानवीय हस्तक्षेप को कम करती है। उन्होंने भारत में आवास की कमी को दूर करने और प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) जैसी महत्वाकांक्षी कम लागत वाली आवास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए इस तरह के और तकनीकी नवाचारों का आह्वान किया।
श्री नायडू ने उच्च शिक्षा के बारे में सुझाव दिया कि देश को बेहतर तरीके से तैयार रखने के लिए आईआईटी जैसे प्रमुख संस्थान आने वाली तकनीकी क्रांतियों का पूर्वानुमान लगाने और नए अवसरों को धारण करने में सबसे अच्छी स्थिति में हैं। उन्होंने उच्च शिक्षा संस्थानों को कक्षा कार्यक्रमों से आगे जाकर विद्यार्थियों में समस्या समाधान के लिए समग्र दृष्टिकोण पैदा करके उन्हें वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए तैयार करने की भी सलाह दी । उन्होंने कहा कि इस तरह विद्यार्थी नौकरी देने वाले बन जाएंगे और सिर्फ नौकरी चाहने वाले नहीं।
श्री नायडू ने राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और स्थानीय प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए अपने देश में तकनीकी हस्तक्षेप के लिए फोकस क्षेत्रों को चिन्हित करने के लिए आईआईटी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सामाजिक रूप से प्रासंगिक शोध समस्याओं पर सर्वश्रेष्ठ दिमाग लगाकर आईआईटी अपने दिए गए कार्य और उद्देश्य को पूरा करने में सक्षम होंगे।
उपराष्ट्रपति ने नवाचार को प्रोत्साहित करने और अपने अत्याधुनिक अनुसंधान पार्क के माध्यम से एक जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित करने के लिए भी आईआईटी मद्रास की सराहना की । उन्होंने टीवैस्टा मैन्यूफैक्चरिंग सॉल्यूशंस की टीम की भी सराहना की और कहा कि भारतीय स्टार्टअप आईटी समाधानों से आगे की विविधता ला रहे हैं और कृषि तकनीक, विनिर्माण, परिवहन और निर्माण के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रहे हैं।
इस अवसर पर तमिलनाडु के राजस्व मंत्री थिरू एस रामचंद्रन, आईआईटी मद्रास के निदेशक डॉ. भास्कर राममूर्ति, डीन और विभागों के प्रमुख और टीवैस्टा मैन्यूफैक्चरिंग सॉल्यूशंस के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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