विद्युत मंत्रालय

एनटीपीसी ने हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित पायलट परियोजनाओं के लिये ईओआई आमंत्रित किये


पायलट परियोजनायें एनटीपीसी संयंत्रों के परिसरों में स्थापित होंगी

Posted On: 14 JUN 2021 11:27AM by PIB Delhi

बिजली मंत्रालय के अधीन भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने दो पायलट परियोजनाओं के लिये रुचि-प्रपत्र (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट- ईओआई) आमंत्रित किये हैं। ये दोनों परियोजनायें स्वचलित फ्यूल-सेल आधारित विद्युत प्रणाली और स्वचलित फ्यूल-सेल आधारित माइक्रो-ग्रिड प्रणाली से सम्बंधित हैं। दोनों प्रणालियां हाइड्रोजन उत्पादन से जुड़ी हैं, जिसके लिये एनटीपीसी परिसरों में इलेक्ट्रोलाइजर का इस्तेमाल किया जायेगा। इन परियोजनाओं के जरिये एनटीपीसी हरित और स्वच्छ ईंधन के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत करना चाहती है। परियोजनाओं के क्रियान्वयन और आगे चलकर उनके कारोबार के लिये एनटीपीसी सहयोग करेगी।

परियोजनायें हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों को अपनाने की एनटीपीस की पहलों के अनुरूप हैं। कंपनी ने बिजली संयंत्रों के ईंधन से उठने वाली गैस (फ्लू गैस) से उत्सर्जित कार्बन को जमा करके तथा इलेक्ट्रोलाइसिस से निकलने वाले हाइड्रोजन को मिलाकर मेथेनॉल बनाने का प्रायोगिक काम शुरू कर दिया है। इस प्रौद्योगिकी के जरिये वातावरण में घुलने से पहले ही कार्बन को पकड़ लिया जाता है। कार्बन को पकड़ने की प्रक्रिया और हरित हाइड्रोकार्बन सिनथेसिस के क्षेत्र के हवाले से इससेआत्मनिर्भर भारत को बल मिलेगा तथा कार्बन उत्सर्जन समस्याओं का समाधान निकलेगा।

इस पहल को आगे बढ़ाते हुये एनटीपीसी हाइड्रोजन आधारित फ्यूल सेल इलेक्ट्रोलाइजर प्रणालियों की संभावनाओं पर गौर कर रहा है, ताकि बिजली की बैक-अप व्यवस्था बन सके। इस समय, बैक-अप बिजली आवश्यकता और माइक्रो-ग्रिडकी जरूरतों को डीजल आधारित बिजली जेनरेटरों के जरिये पूरा किया जाता है। हाइड्रोजन आधारित प्रौद्योगिकियों के सिलसिले में एनटीपीसी ऐसे समाधानों पर काम कर रही है, जिससे डीजल जेनरेटरों के बदले हरित विकल्प मिल सके।

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