रेल मंत्रालय

भारत और विशेष तौर पर मुंबई में रेलवे को मानसून के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है-श्री पीयूष गोयल


श्री पीयूष गोयल ने मानसून को लेकर रेलवे की तैयारियों की समीक्षा की 
 
पीयूष गोयल ने रेलवे से मानसूनी बारिश से निपटने के तकनीकी और सिविल कार्यों की पहल की कुशलता के अध्ययन के लिए आईआईटी मुंबई जैसे संस्थानों के साथ साझेदारी करने के लिए कहा

 
यह सुनिश्चित करने के लिए कि रेल सेवाएं सुरक्षित निर्बाध रूप से चलती रहें, नवाचार और कठिन परिश्रम साथ-साथ चलने चाहिए-श्री पीयूष गोयल 

जनता और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी जरूरी-श्री पीयूष गोयल  

जलभराव की चुनौतियों से डटकर मुकाबला करने की जरूरत है-श्री गोयल

प्रविष्टि तिथि: 10 JUN 2021 7:18PM by PIB Delhi

भारत और मुंबई में रेलवे को मानसून के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है। यह बात बारिश के मौसम में सभी आपातकालीन उपाय उपलब्ध होने के बारे में मुंबई उपनगरीय रेलवे की तैयारियों और रोड मैप की समीक्षा करते हुए रेल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कही।

श्री पीयूष गोयल ने संवेदनशील इलाकों की मौजूदा स्थिति की जांच की और ट्रेनों के निर्बाध संचालन संबंधी योजनाओं की समीक्षा की। श्री गोयल ने कहा कि रेलवे यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि मानसून शुरू होने के साथ मुंबईवासियों को कोई असुविधा न हो।

उपनगरीय रेलवे की तैयारियों की समीक्षा करते हुए रेल मंत्री ने रेलवे को मानसूनी बारिश से निपटने में रेलवे की तकनीकी और सिविल कार्यों से जुड़ी पहल की कुशलता का अध्ययन करने के लिए आईआईटी मुंबई जैसे संस्थानों के साथ साझेदारी करने की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि रेल सेवाओं का निर्बाध तरीके से और लगातार सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए नवाचार और कठिन परिश्रम साथ-साथ चलने चाहिए।

यह उल्लेखनीय है कि कोविड महामारी के दौरान भी, रेलवे ने मुंबई में विशेष रूप से संशोधित ईएमयू रेक सहित 3 नो मक स्पेशल लगा करके उपनगरीय खंड से 2,10,000 घन मीटर मलवा/कचरा/मिट्टी को साफ करने का काम किया है।

पिछले मानसून के समय आई बाढ़ वाली जगहों की पहचान की गई और प्रत्येक जगह जैसे: बांद्रा, अंधेरी, माहिम, ग्रांट रोड, गोरेगांव के अनुरूप समाधान तैयार किये गए थे।

बारिश के रियल टाइम और प्रामाणिक आंकड़े पाने के लिए चार ऑटोमेटिक रेल गॉज (एआरजी) आईएमडी के सहयोग से और दस एआरजी डब्ल्यूआर की ओर से स्वतंत्र रूप से लगाए गए।

सीवरेज और सबमर्सिबल पंपों सहित ट्रैक और डिपो पर पंपों की संख्या में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

बोरीवली विरार खंड में नाले की सफाई के सर्वेक्षण और निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग किया गया और भूमिगत नालियों की गहरी सफाई सुनिश्चित करने के लिए सक्शन/डी-स्लजिंग मशीनों का इस्तेमाल किया गया था।

कम से कम जलभराव सुनिश्चित करने के लिए भूमिगत नालियों के निर्माण के लिए नई माइक्रो टनलिंग पद्धति को अपनाया गया।

बैठक में रेलवे बोर्ड और मुंबई के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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एमजी/एएम/आरकेएस

 


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