स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

टीकाकरण से जुड़े मिथकों को दूर करना


उदार मूल्य निर्धारण और कोविड-19 के देशव्यापी त्वरित टीकाकरण की रणनीति से टीके के मामले में समानता सुनिश्चित

​​​​​​​निजी अस्पतालों को मई 2021 के महीने में 1.20 करोड़ से अधिक कोविड के टीकों की खुराक मिली

Posted On: 05 JUN 2021 7:42PM by PIB Delhi

भारत सरकार सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ निकट सहयोग के जरिए 16 जनवरी 2021 से दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 टीकाकरण अभियानों में से एक चला रही है।

मीडिया की कुछ खबरों में भारत के टीकाकरण अभियान में टीके के मामले में असमानता बरतने का आरोप लगाया गया है। ये रिपोर्ट गलत और काल्पनिक प्रकृति की हैं।

1 मई 2021 को एक 'उदार मूल्य निर्धारण और कोविड-19 के देशव्यापी त्वरित टीकाकरण की रणनीति' अपनाई गई, जो वर्तमान में चल रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान के चरण-III का मार्गदर्शन कर रही है। यहां यह दोहराया जाता है कि टीके की उदार नीति में निजी क्षेत्र के लिए एक बड़ी भूमिका की परिकल्पना की गई है और केन्द्र सरकार निजी क्षेत्र के लिए 25% टीकों को अलग रख रही है। यह व्यवस्था टीकों तक बेहतर पहुंच की सुविधा प्रदान करती है और सरकारी टीकाकरण सुविधाओं पर परिचालन संबंधी दबाव को इस रूप में कम करती है कि जो लोग भुगतान करने में सक्षम हैं, वे किसी निजी अस्पताल में जाना पसंद करेंगे।

1 जून 2021 तक, निजी अस्पतालों को मई 2021 के महीने में कोविड के टीकों की 1.20 करोड़ से अधिक खुराकें मिली हैं। 4 मई 2021 तक, बड़ी संख्या में जिन निजी अस्पतालों ने मेसर्स सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया और मेसर्स भारत बायोटेक के साथ अनुबंध किया है, उन्हें कोविशील्ड और कोवैक्‍सीन की खुराकों की आपूर्ति की गई है। ये निजी अस्पताल बड़े महानगरों तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि विभिन्न राज्यों के श्रेणी II और III वाले शहरों से भी आते हैं।

इनमें शामिल कुछ शहर हैं:

आंध्र प्रदेश में गुंटूर, नेल्लोर, श्रीकलाहस्ती, विजयवाड़ा; अरुणाचल प्रदेश में ईटानगर; असम में डिब्रूगढ़; ओडिशा में संभलपुर; गुजरात में अंकलेश्वर, कच्छ, मोरबी, वापी और सूरत; झारखंड में बोकारो, जमशेदपुर, पालघर; जम्मू एवं कश्मीर में जम्मू, श्रीनगर, कर्नाटक में बेल्लारी, दावणगेरे, मैंगलोर, मैसूरू और शिमोगा; केरल में कालीकट, एर्नाकुलम, कोच्चि, कोझीकोड, पठानमथिट्टा और त्रिशूर; महाराष्ट्र में अहमदनगर, अकोला, औरंगाबाद, बारामती, काल्हेर, कोल्हापुर, नागपुर, जलगांव नासिक; हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा; पंजाब में जालंधर, मोहाली, भिवंडी, लुधियाना; तमिलनाडु में कोयंबटूर, वेल्लोर; तेलंगाना में खम्मम, वारंगल और संगारेड्डी; उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, कानपुर तथा वाराणसी; और पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर।

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय कोविड-19 टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर काम कर रहा है। निजी अस्पतालों की कम संख्या वाले राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे भौगोलिक विस्तार को ध्यान में रखते हुए अपने यहां स्थिति की समीक्षा करें और एबी-पीएमजेएवाई और राज्य की विशिष्ट बीमा योजनाओं के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों की सूची बनाएं और उन्हें टीका निर्माताओं के साथ समझौता करने के लिए प्रोत्साहित करें।

इसके अलावा सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ नियमित रूप से संवाद भी किया जा रहा है, जिसमें उन्हें अनुबंधित खुराकों के बरक्स निजी अस्पतालों द्वारा प्राप्त किए गए टीकों के बारे में सूचित किया जा रहा है ताकि राज्य/जिलों द्वारा उनके प्रदर्शन की बारीकी से निगरानी की जा सके। साथ ही, राज्यों/निजी संस्थानों को की जाने वाली प्रत्येक आपूर्ति की स्थिति पर फॉलोअप के लिए निर्माताओं के साथ नियमित रूप से समीक्षा भी की जा रही है।                                                                      

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