रेल मंत्रालय

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा देश में एक दिन में सबसे अधिक 1195 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई, यह सहायता 1142 मीट्रिक टन के पिछले लोड को पार कर गई


ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने बाधाओं को पार करते हुए चक्रवात प्रभावित पूर्वी क्षेत्रों से ऑक्सीजन लेकर आंध्र प्रदेश, सिकंदराबाद और तमिलनाडु में ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई  

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश में 18980 मीट्रिक टन से अधिक तरल मेडिकल ऑक्सीजन की डिलीवरी की

दिल्ली में 5000 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई

दक्षिणी राज्यों में, आंध्र प्रदेश चौथा राज्य है जहां तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की डिलीवरी 1000 मीट्रिक टन को पार कर गई है

 284 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियों द्वारा 1141 टैंकरों के  साथ 15 राज्यों को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 15 राज्यों - उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना ,पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई

महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3731 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 656 मीट्रिक टन, दिल्ली में 5077 मीट्रिक टन, हरियाणा में 1967 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 1653 मीट्रिक ट

Posted On: 27 MAY 2021 3:02PM by PIB Delhi

भारतीय रेल सभी बाधाओं को पार करते हुए तथा नए समाधान निकाल कर देश के विभिन्न राज्यों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाना जारी रखे हुए है। भारतीय रेल द्वारा अभी तक देश के विभिन्न राज्यों में 1141 से अधिक टैंकरों में 18980 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाई गई है।

लगभग 284 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियों ने अब तक अपनी यात्राएं पूरी कर ली हैं और विभिन्न राज्यों को सहायता पहुंचाई है।

इस विज्ञप्ति के जारी होने तक 4 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां 20 टैंकरों में 392 मीट्रिक टन एलएमओ लेकर जा रही हैं।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने एक दिन में देश में सबसे अधिक 1195 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई जो 23 मई 2021 को पहुंचाई गई 1142 मीट्रिक टन के लोड को पार गई।

दिल्ली में तरल मेडिकल ऑक्सीजन की ऑफलोडिंग 5000 मीट्रिक टन को पार कर गई।

दक्षिणी राज्यों में, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की डिलीवरी 1000 मीट्रिक टन को पार कर गई है।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 33 दिन पहले 24 अप्रैल को महाराष्ट्र में 126 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन पहुँचाने के साथ अपना काम प्रारंभ किया था।

भारतीय रेलवे का यह प्रयास रहा है कि ऑक्सीजन का अनुरोध करने वाले राज्यों को कम से कम संभव समय में अधिक से अधिक संभव ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 15 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई है।

इस विज्ञप्ति के जारी होने तक महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3731, मध्य प्रदेश में 656 मीट्रिक टन, दिल्ली में 5077 मीट्रिक टन, हरियाणा में 1967 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 1653 मीट्रिक टन,  उत्तराखंड में 320 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 1550 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 1190 मीट्रिक टन, पंजाब में 225 मीट्रिक टन, केरल में 380 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 1312 मीट्रिक टन, झारखंड में 38 मीट्रिक टन और असम में 160 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचाई गई है।

रेलवे ने ऑक्सीजन सप्लाई स्थानों के साथ विभिन्न मार्गों की मैपिंग की है और राज्यों की बढ़ती हुई आवश्यकता के अनुसार अपने को तैयार ऱखा है। भारतीय रेल को एलएमओ लाने के लिए टैंकर राज्य प्रदान करते हैं।

पूरे देश से जटिल परिचालन मार्ग नियोजन परिदृश्य में भारतीय रेल ने पश्चिम में हापा, बड़ौदा, मुंदड़ा, पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटा नगर, अंगुल से ऑक्सीजन लेकर उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान ,तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा असम को ऑक्सीजन की डिलीवरी की है।

ऑक्सीजन सहायता तेज गति से पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रही है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्रथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं ताकि तेज संभव समय में ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। विभिन्न सेक्शनों में कर्मियों के बदलाव के लिए तकनीकी ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।

रेल मार्गों को खुला रखा गया है और उच्च सतर्कता बरती जा रही है ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस समय पर पहुंच सकें।

यह सभी काम इस तरह किया जा रहा है कि अन्य माल ढुलाई की गति में कोई कमी न हो।

नई ऑक्सीजन लेकर जाना बहुत ही गतिशील कार्य है और आंकड़े हर समय बदल रहे हैं। देर रात ऑक्सीजन से भरी और अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां यात्रा प्रारंभ करेंगी।

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