जल शक्ति मंत्रालय

जल जीवन मिशन के अंतर्गत पूर्वोत्तर राज्यों को 1,605 करोड़ रुपए का केंद्रीय अनुदान जारी


2020-21 में पूर्वोत्तर राज्यों में नल के पानी के 11 लाख कनेक्शन दिए गए

Posted On: 25 MAY 2021 3:16PM by PIB Delhi

पूर्वोत्तर राज्यों के तेजी से विकास पर फोकस के साथ भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में ग्रामीण घरों में नल के पानी का कनेक्शन देने के उद्देशय से जल जीवन मिशन लागू करने के लिए 1,605 करोड़ रुपए जारी किया है। यह इस वित्त वर्ष में चार भागों में जारी की जाने वाली राशि का पहला भाग है। ग्रामीण घरों में पाइप से पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए इतनी बड़ी राशि का प्रावधान ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का जीवन सुधारने में भारत सरकार की प्राथमिकता का स्पष्ट संकेत देता है।

 

जल जीवन मिशनः आवंटन और जारी किया गया कोष

(राशि करोड़ रुपए में)

क्रम संख्या

पूर्वोत्तर राज्य

आवंटन

जारी

1.

अरुणाचल प्रदेश

1,013.53

253.38

2.

असम

5,601.16

700.00

3.

मणिपुर

481.19

120.30

4.

मेघालय

678.39

169.60

5.

मिजोरम

303.89

75.97

6.

नगालैंड

444.81

111.20

7.

सिक्किम

124.79

31.20

8.

त्रिपुरा

614.09

142.91

कुल

9,261.85

1,604.56

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। पूर्वोत्तर की पूरी क्षमता का उपयोग करने और इसके विकास में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता सर्वविदित है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान जल जीवन मिशन के तहत पूर्वोत्तर राज्यों के लिए केंद्रीय अनुदान के रूप में 9,262 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में ग्रामीण घरों में नल के पानी का कनेक्शन देने के लिए इस चुनौतीपूर्ण समय में बढ़े हुए आवंटन के साथ-साथ धन जारी किए जाने से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

जल जीवन मिशन के अंतर्गत आवंटित केंद्रीय कोष में से 93 प्रतिशत कोष  का उपयोग पेयजल आपूर्त संरचना विकसित करने , 5 प्रतिशत का उपयोग समर्थनकारी गतिविधियों तथा 2 प्रतिशत राशि का उपयोग जल गुणवत्ता मापन तथा निगरानी गतिविधियों में उपयोग के लिए है। केंद्रीय कोष भारत सरकार द्वारा राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों दिए गए नल के पानी के कनेक्शन और उपलब्ध केंद्रीय और समतुल्य राज्य हिस्सा के उपयोग के आधार पर जारी  किया जाता है।

राज्यों को  केंद्रीय कोष जारी किए जाने के 15 दिनों के अंदर राज्य के समतुल्य हिस्से के साथ जारी केंद्रीय कोष को एकल नोडल खाते में अंतरित करना होगा। राजयों को समतुल्य राज्य हिस्से के लिए प्रावधान करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि लागू करने वाली एजेंसियों को धन की कमी न हो, उचित व्यय योजना तैयार हो ताकि पूरे वर्ष समान रूप से व्यय हो सके।

पूर्वोत्तर राज्यों में लगभग 90 लाख घर हैं जिसमें अधिकतम 63.35 घर असम में हैं। इन राज्यो में 2020-21 में लगभग 11 लाख नल के पानी के नए कनेक्शन दिए गए। आज तक इन राज्यों में 16.27 परिवार (18 प्रतिशत) को नल के पानी की आपूर्ति हो रही है जबकि 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री द्वारा जल जीवन मिशन की घोषणा के समय 3.2 लाख परिवारों (3 प्रतिशत) को नल के पानी की आपूर्ति हो रही थी।

सरकार द्वारा उच्च प्राथमिकता दिए जाने के कारण जल जीवन मिशन का बजटीय आवंटन 2021-22 में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ कर 50,011 करोड़ रुपए हो गया है। इसके अतिरिक्त 15वें वित्त आयोग से जुड़ा 26,940 करोड़ रुपए का अनुदान  पीआरआई को जल तथा स्वचछता सेवाओं के लिए उपलब्ध होगा। कोष समतुल्य राज्य हिस्सा और बाह्य सहायता परियोजनाओं के माध्यम से भी उपलब्ध होगा। इस तरह 2021-22 में ग्रामीण घरों में नल से पानी की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक निवेश करने की योजना है।

आशा है कि इस तरह का निवेश अगले तीन वर्षों तक जारी रहेगा ताकि ‘हर घर जल‘ का लक्ष्य हासिल किया जा सके। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में इतना बड़ा  निवेश न केवल स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाया जाएगा, यह स्थानीय लोगों को रोजगार के सार्थक अवसर भी प्रदान करेगा।

प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त, 2019 को घोषित कार्यक्रम का उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना है और जल जीवन मिशन को राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों की साथ साझेदारी में लागू किया जा रहा है। कोविड-19 की चुनौतियों और उसके बाद के लॉक डाउन के वावजूद  4.20 करोड़ से अधिक परिवारों (21.87 प्रतिशत) को नल से पानी की सप्लाई दी गई है। अब देश में 7.44 करोड़ (39 प्रतिशत) से अधिक ग्रामीण परिवारों को उनके घरों में सुनिश्चित नल का पानी मिल रहा है। तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा पुड्डुचेरी ‘हर जल घर‘ राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं।  समानता तथा समावेश यानी गांव में कोई छूटे नहीं के सिद्धांत के पालन से जल जीवन मिशन के अंतर्गत 61 जिलों तथा 90 हजार से अधिक गावों  के प्रत्येक परिवार को सुनिश्चित रूप में नल के पानी की आपूर्ति की जा रही है। राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश अब इस लक्ष्य पर फोकस कर रहे हैं कि देश के प्रत्येक घर में शुद्ध पेयजल सुनिश्चित हो सके ताकि गांव में कोई छूटे नहीं।

वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट की घोषणा के बाद जल जीवन मिशन के  नियोजन और क्रियान्वयन पर विचार करने के लिए  केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण जल आपूर्ति मंत्री/ सभी पीएचईडी मंत्रियों के सम्मेलन की अध्यक्षता की। वित्त वर्ष 2021-22 का प्रारंभ 9 अप्रैल से शुरू होने वाली वार्षिक कार्य योजना को अंतिम रूप देने से हुआ। जेजेएम के लिए यह तीसरा वर्ष काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि  पिछले दो वर्षों की प्रगति तथा संस्थागत तैयारियों के आधार पर मिशन को लागू करने में  गहन नियोजन, राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों  की क्षमताओं के मूल्यांकन की आवश्यकता है।

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