प्रधानमंत्री कार्यालय

प्रधानमंत्री ने विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में बजट प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन पर विचार-विमर्श के लिए आयोजित वेबिनार को संबोधित किया


इस क्षेत्र के लिए सरकार का दृष्टिकोण पहुंच, सुदृढ़ता, सुधार और नवीकरणीय ऊर्जा के मंत्रों द्वारा निर्देशित हैः प्रधानमंत्री

Posted On: 18 FEB 2021 5:55PM by PIB Delhi

 

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में केंद्रीय बजट के प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन पर विचार-विमर्श के लिए आयोजित वेबिनार को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में विद्युत व नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), हितधारक, बिजली क्षेत्र के विशेषज्ञ, उद्योग और संघों के प्रतिनिधि, डिस्कॉम्स के एमडी, नवीकरणीय ऊर्जा के लिए राज्य नोडल एजेंसियों के सीईओ, उपभोक्ता समूह और विद्युत मंत्रालय व नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।    

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की प्रगति में ऊर्जा क्षेत्र अहम भूमिका अदा करता है और कारोबार में सुगमता व जीवन की सुगमता दोनों में योगदान देता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह वेबिनार सरकार और निजी क्षेत्र के बीच विश्वास का सूचक है और इस क्षेत्र में बजट घोषणाओं के त्वरित कार्यान्वयन के लिए मार्ग ढूंढने का एक प्रयास है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र के लिए सरकार समग्र दृष्टिकोण रखती है और इस दृष्टिकोण को चार मंत्र निर्देशित करते हैं जिनमें पहुंच, सुदृढ़ता, सुधार और नवीकरणीय ऊर्जा शामिल हैं। पहुंच के लिए अंतिम दूरी तक कनेक्टिविटी आवश्यक है। इसे संस्थापन क्षमता द्वारा सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता है जिसके लिए सुधारों की जरूरत होगी। इन सभी के साथ नवीकरणीय ऊर्जा समय की मांग है।   

प्रधानमंत्री ने इसे विस्तार से बताते हुए कहा कि पहुंच के लिए, सरकार हर गांव और हर घर तक पहुंचने पर फोकस कर रही है। क्षमता सुदृढ़िकरण के संबंध में, भारत विद्युत की कमी वाले देश से विद्युत की अधिकता वाला देश बन गया है। हालिया वर्षों में, भारत ने 139 गीगावॉट क्षमता बढ़ाई है और एक राष्ट्र, एक ग्रिड, एक फ्रीक्वेंसी के लक्ष्य पर पहुंच गया है। 2 लाख 32 हजार करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करने के साथ उदय योजना जैसे सुधारों ने वित्तीय और परिचालन क्षमताओं को सुधारा है। पावरग्रिड की संपत्ति के मुद्रीकरण के लिए, बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट - इनविट्स- की स्थापना की जो जल्द ही निवेशकों के लिए शुरू हो जाएगा।

प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले छह साल में नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता ढाई गुना बढ़ाई गई है। सौर ऊर्जा की क्षमता को 15 गुणा बढ़ाया गया है। इस साल के बजट ने बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए अभूतपूर्व प्रतिबद्धता दिखाई है। यह नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पूंजी को शामिल करने, सोलर सैल्स के घरेलू निर्माण और मिशन हाइड्रोजन से स्पष्ट होता है। 

पीएलआई योजना का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने सूचना दी कि उच्च दक्षता वाले सोलर पीवी मॉड्यूल अब पीएलआई योजना का हिस्सा हैं और सरकार उसमें 4500 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस योजना को बेहतर प्रतिक्रिया मिलने की आशा जताई। पीएलआई योजना के तहत, लगभग 14 हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ, 10 हजार मेगा वॉट क्षमता के एकीकृत सोलर पीवी विनिर्माण प्लांट्स का परिचालन किया जाएगा। इससे स्थानीय स्तर पर उत्पादित सामान जैसे कि ईवीए, सोलर ग्लास, बैकशीट, जंक्शन बॉक्स की मांग बढ़ने की संभावना है। प्रधानमंत्री ने कहा, हम अपनी कंपनियों को सिर्फ स्थानीय मांगों को पूरा करते नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर विनिर्माण विजेता बनते देखना चाहते हैं।

सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी के निवेश की प्रतिबद्धता का संकेत दिया है। इसी प्रकार, भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्थान को भी अतिरिक्त 1500 करोड़ रुपये का निवेश मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में कारोबार की सुगमता में सुधार के लिए प्रयासों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि नियामक और प्रक्रिया ढांचे में सुधार से विद्युत क्षेत्र के प्रति दृष्टिकोण में काफी सुधार हुआ है। सरकार विद्युत को उद्योग के एक क्षेत्र के रूप में नहीं, बल्कि एक भिन्न क्षेत्र के रूप में देखती है। विद्युत की स्वाभाविक अहमियत की वजह से ही सरकार सभी को विद्युत उपलब्ध कराने पर फोकस कर रही है। सरकार वितरण क्षेत्र में आ रही समस्याओं को भी दूर करने पर काम कर रही है। इसके लिए एक नीति और डिस्कॉम्स के लिए एक नियामक ढांचा जल्द ही आने वाला है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वितरण क्षेत्र को प्रवेश संबंधी बाधाओं और वितरण व आपूर्ति के लिए लाइसेंसिंग से मुक्त करने पर भी काम चल रहा है। प्रधानमंत्री ने सूचित किया कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर, फीडर सैपरेशन और सिस्टम अपग्रेडेशन के लिए भी प्रयास जारी हैं।

श्री मोदी ने कहा कि पीएम कुसुम योजना के तहत, किसान ऊर्जा उद्यमी बन रहे हैं। इसका लक्ष्य किसान के खेत में छोटे से प्लांट के माध्यम से 30 गीगावॉट की सौर क्षमता का निर्माण है। छतों पर सौर परियोजनाओं के जरिए पहले ही 4 गीगावॉट की सौर क्षमता का निर्माण कर लिया गया है और जल्द ही इसमें 2.5 गीगावॉट और जोड़ दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने अंत में कहा कि छत पर सौर परियोजनाओं के जरिए अगले डेढ़ साल में 40 गीगावॉट सौर ऊर्जा का लक्ष्य तय किया गया है।

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