वित्‍त मंत्रालय

चार अन्‍य राज्‍यों ने भी ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ सुधार पूरे कर लिए हैं, इन्‍हें 5,034 करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त ऋण जुटाने की अनुमति दी गई है


अभी तक 12 राज्यों ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधार लागू किए हैं और इन्‍हें 28,183 करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त ऋण जुटाने की अनुमति दी गई है 

Posted On: 06 FEB 2021 11:59AM by PIB Delhi

चार अन्‍य राज्‍यों – असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब ने वित्त मंत्रालय के वित्त विभाग द्वारा निर्धारित ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधारों को लागू किया है। इस प्रकार ये राज्‍य अतिरिक्‍त वित्तीय संसाधन जुटाने के हकदार बन गए हैं। इन्‍हें मुक्‍त बाजार उधारी के माध्‍यम से 5,034 करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त राशि जुटाने की अनुमति दी गई है।

ये चार राज्‍य असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब हैं। इस प्रकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सहायता के लिए निर्धारित सुधारों को लागू करने वाले राज्‍यों की संख्‍या 12 हो गई है। इससे पहले आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्‍य प्रदेश, ओडिशा, राजस्‍थान, तमिलनाडु और तेलंगाना ने भी इस सुधार को पूरा करने की जानकारी दी है, जिसकी पुष्टि उद्योग और आंतरिक व्‍यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा की गई थी।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सहायता प्रदान करने वाले सुधारों को पूरा करने पर इन 12 राज्‍यों को 28,183 करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त ऋण जुटाने की अनुमति दी गई है। अनुमति दी गई अतिरिक्‍त ऋण की राज्‍यवार राशि इस प्रकार है:- 

 

क्र.सं.

राज्‍य

राशि (करोड़ रुपये में)

1.

आंध्र प्रदेश

2,525

2.

असम

934

3.

हरियाणा

2,146

4.

हिमाचल प्रदेश

438

5.

कर्नाटक

4,509

6.

केरल

2,261

7.

मध्य प्रदेश

2,373

8.

ओडिशा

1,429

9.

पंजाब

1,516

10.

राजस्थान

2,731

11.

तमिलनाडु

4,813

12.

तेलंगाना

2,508

 

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस देश में निवेश के अनुकूल कारोबार के माहौल का महत्‍वपूर्ण सूचक है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार राज्‍य अर्थव्‍यवस्‍था की भविष्‍य की प्रगति तेज करने में समर्थ बनाएंगे। इसलिए भारत सरकार ने मई, 2020 में यह निर्णय लिया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में मदद हेतु सुधार करने वाले राज्‍यों को अतिरिक्‍त ऋण जुटाने की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस श्रेणी में निर्धारित सुधार इस प्रकार हैं:

  1. जिला स्‍तर व्‍यापार सुधार कार्य योजना के पहले आकलन को पूरा करना।
  2. विभिन्‍न अधिनियमों के तहत प्राप्‍त किए गए प्रमाण पत्रों, अनुमोदनों, लाइसेंसों के नवीनीकरण की जरूरतों को समाप्‍त करना।
  3. कम्‍प्‍यूटरीकृत केन्‍द्रीय औचक निरीक्षण प्रणाली को लागू करना। अधिनियमों के तहत जहां निरीक्षकों की तैनाती केन्‍द्रीय रूप से होती है उस निरीक्षक को बाद के वर्षों में उसी इकाई में कार्य न सौंपा जाए। बिजनेसमैन को निरीक्षण से पूर्व सूचना उपलब्‍ध कराई जाए और निरीक्षण के 48 घंटों के अंदर निरीक्षण रिपोर्ट अपलोड करना जरूरी होगा। 

कोविड-19 महामारी के दौरान पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिए संसाधन जरूरतों को देखते हुए भारत सरकार ने 17 मई, 2020 को राज्‍यों की ऋण लेने की सीमा उनके जीएसडीपी की 2 प्रतिशत बढ़ा दी थी। इस‍ विशेष विधान की आधी राशि राज्‍यों द्वारा किए गए नागरिक केन्द्रित सुधारों से जुड़ी थी। सुधारों के लिए चार नागरिक केन्द्रित क्षेत्रों की पहचान की गई थी जो इस प्रकार हैं – (ए) एक राष्‍ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली लागू करना, (बी) ईज और डूइंग बिजनेस सुधार (सी) अर्बन लोकल बॉडी/यूटिलिटी सुधार (डी) ऊर्जा क्षेत्र सुधार।

अभी तक 17 राज्‍यों ने इन चार निर्धारित सुधारों में से कम-से-कम एक सुधार किया है और उन्‍हें सुधार से जुड़ी ऋण अनुमति प्रदान की गई है। इनमें से 12 राज्‍यों ने एक राष्‍ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली लागू की है। 12 राज्‍यों ने ईज और डूइंग बिजनेस सुधार लागू किया है। 5 राज्यों ने स्‍थानीय निकाय सुधार लागू किए हैं और 2 राज्‍यों ने ऊर्जा क्षेत्र सुधार लागू किए हैं। अभी तक इन राज्‍यों को 74,773 करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त ऋण जुटाने की अनुमति दी गई है।

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