पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने केन्द्रीय मंत्री डॉ.जितेन्द्र सिंह को जम्मू एवं कश्मीर और पूर्वोत्तर क्षेत्र में चल रही और प्रस्तावित विभिन्न सड़क एवं पुल परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी
Posted On:
05 JAN 2021 5:55PM by PIB Delhi
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के नए महानिदेशकलेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने आज केन्द्रीयपूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर)(स्वतंत्र प्रभार), राज्यमंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्षराज्य मंत्रीडॉ.जितेन्द्र सिंह को जम्मू एवं कश्मीर और पूर्वोत्तर क्षेत्र में चल रही और प्रस्तावित विभिन्न सड़क एवं पुल परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी। अपनी प्रस्तुति में, जनरल चौधरी ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर ने पिछले 5 से 6 वर्षों में सड़क और पुल निर्माण के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति देखी है और अकेले उधमपुर-कठुआ-डोडा लोकसभा क्षेत्र में लगभग एक दर्जन बीआरओ पुल बने हैं, जिनमें से बसोहली में अटल सेतु और उधमपुर में देविका ब्रिज उल्लेखनीय हैं।
जम्मू एवं कश्मीर में प्रस्तावित चत्तरगला सुरंग भद्रवाह और डोडा को छूते हुए चत्तरगला के रास्ते बसोहली-बानी से होकर गुजरने वाले नए राजमार्ग के माध्यम से कठुआ जिले को डोडा जिला से जोड़ेगी। यह एक ऐतिहासिक परियोजना बनने जा रही है, जो सुदूर केदो क्षेत्रों के बीच हर मौसम में आवागमन वाली वैकल्पिक सड़क संपर्क प्रदान करेगी और डोडा से पंजाब सीमा पर स्थित लखनपुर तक की यात्रा में लगनेवाले समय को घटाकर महज चार घंटे कर देगी।
यह एक 6.8 किलोमीटर लंबी सुरंग होगी, जिसके लिए बीआरओ द्वारा पहले ही व्यवहार्यता सर्वेक्षण किया जा चुका है। काम शुरू होने के बाद इस सुरंग को पूरा होने में लगभग 4 साल का समय लगेगा और इसके निर्माण की लागत लगभग 3,000 करोड़ रुपये होगी। यह सुरंग एक क्रांतिकारी बदलाव का वाहक बनने जा रही है। यह न केवल राजस्व पैदा करेगी, बल्कि रोजगार का सृजन भी करेगी।
इसके अलावा, हर मौसम में आवागमन वाले सड़क संपर्क की वजहसे कारोबार में आसानी होगी, यात्रा में कम समय लगेगा और बनी व भद्रवाह जैसेइलाकों के राष्ट्रीय ख्याति के पर्यटन स्थल के रूप में उभरने का एक अनूठा अवसर मिलेगा।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि चत्तरगला में सुरंग की मांग कई वर्षों से लंबित थी, लेकिन किसी वजह से अपनी अलग प्राथमिकताओं के कारण पहले की सरकारों द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
समीक्षा बैठक के दौरान बीआरओ की जिन अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उल्लेख किया गयाउनमें जम्मू एवं कश्मीर के विभिन्न पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में सड़कों और पुलों का निर्माण शामिल था।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के संबंध में, डॉ.जितेन्द्र सिंह को उस क्षेत्र के विभिन्न राज्यों में बीआरओ की परियोजनाओं,विशेष रूप से मिज़ोरम में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्रालय के तत्वावधान में पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) द्वारा वित्त पोषित चार सड़क परियोजनाओं और मणिपुर में दो बीआरओ परियोजनाओं से जुड़ी अद्यतन स्थिति की जानकारी दी गयी।
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एमजी/एएम/आर/एसके
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