वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

श्री पीयूष गोयल ने फिक्की के वार्षिक सम्मेलन और 93वें एजीएम को संबोधित किया


गुणवत्ता और उत्पादकता के साथ बड़े पैमाने पर विनिर्माण भारत को निश्चित रूप से प्रतिस्पर्धी बना सकता है: श्री गोयल

भारतीय ब्रांड को अपनी बेहतर गुणवत्ता दुनिया को दिखानी चाहिए

व्यापार जगत के प्रमुख लोगों और बुद्धिजीवियों से कृषि कानूनों के लाभों के बारे में चर्चा करने का आग्रह किया

Posted On: 12 DEC 2020 2:48PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज फिक्की के वार्षिक सम्मेलन और 93वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित किया। श्री गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि विनिर्माण का पैमाना, गुणवत्ता और उत्पादकता के साथ मिलकर, भारत को कई क्षेत्रों में निश्चित रूप से प्रतिस्पर्धी बना सकता है और एक आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने में मदद कर सकता है, जो ‘न्यू इंडिया’ का महत्वपूर्ण आधार है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत, गुणवत्ता और उत्पादन के पैमाने में सुधार से सम्बंधित है।

श्री गोयल ने कहा कि हम उन क्षेत्रों की पहचान करेंगे जहां हम प्रतिस्पर्धी है और तुलनात्मक रूप से बेहतर स्थिति में हैं, जहां हम विश्व स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं और वैश्विक व्यापार में बड़े पैमाने पर योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि टायर और रबर उद्योग पारितंत्र आने वाले वर्षों में एक बड़ा व्यवसाय बन सकता है। हम निजी निवेश के समर्थन से रबर प्लांटेशन को प्रोत्साहित करेंगे और सरकार टायर उद्योग को पर्याप्त समर्थन देगी, ताकि यह विकसित हो सके। हमने अन्य 24 क्षेत्रों की पहचान की है, जिन पर उद्योग जगत के प्रतिनिधि काम कर रहे हैं। एक कार्य योजना तैयार की जा रही है, जिसका लक्ष्य अगले 10 वर्षों में भारत में विनिर्माण में लगभग 200 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि करना है। इससे निश्चित रूप से रोजगार के लाखों अवसरों का सृजन होगा और विभिन्न क्षेत्रों में पैमाने और गुणवत्ता में सुधार होगा।

स्टार्टअप्स को न्यू इंडिया का मुख्य आधार बताते हुए श्री गोयल ने कहा कि स्टार्टअप्स और स्टार्टअप्स पारितंत्र नवाचार को प्रोत्साहित कर रहे हैं और नए व युवा उद्यमियों को बढ़ावा दे रहे हैं और उन्हें मजबूती प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय उद्योग से स्टार्टअप्स को समर्थन देने का आग्रह किया, उन्हें वित्तीय सहायता, हैंडहोल्डिंग, अवसर और पोषण प्रदान किया जाना चाहिए  ताकि वे विकसित हो सकें और उनकी कंपनी को शुरुआती चरण में ही बहुत कम मूल्य पर विदेशी कंपनियां खरीद ना सकें।

अनुपालन के बोझ को कम करने के बारे में श्री गोयल ने कहा कि हम अनुपालन की प्रक्रिया, अनुमोदन प्रक्रिया में आसानी के मामले में पहला सिंगल विंडो सिस्टम बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ''हम अनुपालन के लिए बहुत आसान प्रक्रिया प्रस्तुत करने का इरादा रखते हैं। हम विभिन्न मंत्रालयों के साथ काम कर रहे हैं कि क्या हम अनुपालन के बोझ को कम कर सकते हैं।

प्रस्तावित ब्रांड इंडिया पहल के बारे में मंत्री ने कहा कि यह एक विचार है जहां सरकार और उद्योग एक-दूसरे के साथ साझेदारी करेंगे और मेक इन इंडिया पक्ष और समग्र ब्रांड भारत पक्ष दोनों का विकास करेंगे। उन्होंने कहा हम भारत की ब्रांडिंग भी कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि भारत, दुनिया के सामने अपनी अग्रणी स्थिति और गुणवत्ता की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करे। जब भारतीय ब्रांड का कोई उत्पाद बने, तो उसे दुनिया के सामने प्रदर्शित किया जाना चाहिए कि वह बेहतर गुणवत्ता का है। ब्रांड इंडिया पहल के तहत हम भारत में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत में बने उत्पादों के बारे में उपभोक्ताओं को शिक्षित करेंगे। हम सभी उद्योगों पर मेक इन इंडिया उत्पादों को प्रमाणित करने के लिए जोर दे रहे हैं।उन्होंने ब्रांड इंडिया पहल में समर्थन के लिए फिक्की को धन्यवाद दिया।

श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश को अतीत की सीमाओं से परे सोचने और परिवर्तन को अपनाने की इच्छा जागृत करने के लिए अपनी दृष्टि, सरलता और साहस के साथ अथक प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मन में बहुत स्पष्ट है कि देश को समृद्ध होना है, समाज के व्यापक लाभ के लिए कानून बनाये जाने हैं और आर्थिक विकास के लाभ सबसे निचले पायदान पर खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने फिक्की से जुड़े व्यापार जगत के प्रमुख लोगों और बुद्धिजीवियों से कृषि कानूनों के लाभों के बारे में चर्चा करने का आग्रह किया, क्योंकि ये कानून देश भर के सभी किसानों के लाभ के लिए हैं। उन्होंने कहा कि अतीत की व्यवस्थाओं को बदले बिना ये कानून किसानों के लिए व्यापार, वाणिज्य और कारोबार करने के नए अवसर खोलेंगे। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण भारत में अधिक निवेश आएगा और किसानों की आय बढ़ेगी। 

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