वस्त्र मंत्रालय
वस्त्र मंत्रालय ने तकनीकी वस्त्र के लिए एक समर्पित निर्यात संवर्धन परिषद के गठन की खातिर प्रस्ताव आमंत्रित किए
Posted On:
03 DEC 2020 1:42PM by PIB Delhi
वस्त्र मंत्रालय ने एक समर्पित निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी) के गठन के लिए 01 दिसंबर, 2020 की तारीख वाली सार्वजनिक सूचना के जरिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। कंपनी अधिनियम या सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत निर्यातक संघ और व्यापार निकायों से तकनीकी वस्त्रों के लिए एक समर्पित ईपीसी के गठन के लिए 15 दिसंबर 2020 तक प्रस्ताव दाखिल करने के लिए कहा गया है।
परिषद अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने और उसके विकास के संबंध में केंद्र सरकार के सभी निर्देशों का पालन करेगी और समय-समय पर विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा चिन्हित आईटीसी (एचएस) लाइनों को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार होगा।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 26 फरवरी, 2020 को आयोजित अपनी बैठक में तकनीकी वस्त्र क्षेत्र में भारत को एक वैश्विक अगुआ की जगह दिलाने के लक्ष्य के साथ 1,480 करोड़रुपए के कुल व्यय के साथ एक राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन स्थापित करने को लेकर अपनी मंजूरी दी थी। मिशन की वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक चार साल की कार्यान्वयन अवधि होगी। तकनीकी वस्त्र के लिए निर्यात संवर्धन परिषद का गठन, राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन के घटकों में से एक का हिस्सा है।
तकनीकी वस्त्र, वस्त्र काभविष्यगामी और अच्छा वर्ग हैं, जो एक तरफ कृषि, सड़क, रेल पटरियों, स्पोर्ट्सवियर, स्वास्थ्य तो दूसरी तरफ बुलेट प्रूफ जैकेट, फायर प्रूफ जैकेट, हाई एल्टीट्यूड कॉम्बैट गियर और स्पेस एप्लिकेशन जैसी कई चीजों के इस्तेमाल किए जाते हैं।
तकनीकी वस्त्रों की पृष्ठभूमि:
- तकनीकी वस्त्र वे वस्त्र सामग्री और उत्पाद हैं जो खूबसूरती संबंधी विशेषताओं के बजाएमुख्य रूप से तकनीकी प्रदर्शन और कार्यात्मक गुणों के लिए बनाए जाते हैं। तकनीकी वस्त्र उत्पादों को उनके इस्तेमाल के क्षेत्रों के आधार पर 12 व्यापक श्रेणियों (एग्रोटेक, बिल्डटेक, क्लोथेक, जियोटेक, हॉमटेक, इंडिटेक, मोबिलटेक, मेडटेक, प्रोटेक, स्पोर्टटेक, ओटेकोट, पैकटेक) में बांटा गया है।
- भारत की 250 बिलियन डॉलर के विश्व बाजार में लगभग छह प्रतिशत हिस्सेदारी है। हालांकि चार प्रतिशत की विश्व औसत वृद्धि की तुलना में भारत में इस खंड की वार्षिक औसत वृद्धि 12 प्रतिशत है।
- उन्नत देशों में 30-70% के मुकाबले भारत में तकनीकी वस्त्रों का प्रवेश स्तर 5-10% है जो कम है। मिशन का उद्देश्य देश में तकनीकी वस्त्रों के प्रवेश स्तर में सुधार करना है।
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