श्रम और रोजगार मंत्रालय

श्री गंगवार ने कोविड महामारी के दौरान सराहनीय कार्य के लिए सीएलसी, ईपीएफओ और ईएसआईसी के अधिकारियों और क्षेत्रीय कार्यालयों को सम्मानित किया

Posted On: 11 NOV 2020 3:34PM by PIB Delhi

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) कार्यालय, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और कर्मचारी राज्य बीमा निगम के कोविड-19 योद्धाओं द्वारा किए गए कठिन परिश्रम और लगातार प्रयासों की सराहना करने के लिए आज एक सम्मान समारोह का आयोजन किया।

राज्यमंत्री (आई/सी) श्री संतोष कुमार गंगवार ने इन संगठनों के अधिकारियों और क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा प्रदर्शन और उच्च स्तर का पेशेवराना रवैया प्रदर्शित करने के लिए सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन से सम्मानित किया। मंत्री ने जोर देकर कहा कि मंत्रालय ने श्रमिकों और उद्योग की बेहतरी के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए। उन्होंने आगे कहा कि 2 करोड़ निर्माण श्रमिकों के बैंक खातों में 5 हजार करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। उन्होंने विस्तृत रूप से बताया कि सीएलसी (सी) ने 80 अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की थी ताकि वे इसका सहज कार्यान्वयन सुनिश्चित कर सकें। ईएसआईसी और ईपीएफओ के नोडल अधिकारी अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ श्रमिकों की समस्याओं का निवारण करने के लिए दिन-रात काम कर रहे थे। मंत्री ने कहा कि 20 नियंत्रण कक्षों के माध्यम से लगभग 16 हजार शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 96 प्रतिशत को सीएलसी (सी), ईपीएफओ और ईएसआईसी द्वारा समयबद्ध तरीके से हल किया गया। उन्होंने सामूहिक समर्पण के लिए इन तीनों संगठनों के सभी अधिकारियों और क्षेत्रीय कार्यालयों के प्रति आभार व्यक्त किया। श्री गंगवार ने साझा किया कि 23 ईएसआईसी अस्पतालों को अब कोविड-19 अस्पतालों के रूप में घोषित किया गया है जिसमें 2600 आइसोलेशन बेड, 555 से अधिक आईसीयू बेड और 213 से अधिक वेंटिलेटर हैं। मंत्री ने ईपीएफओ की विशेष कोविड​​-19 के दावे का उल्लेख किया, जिसमें कोविड महामारी के दौरान अपने ग्राहकों द्वारा 47 लाख से अधिक कोविड के दावों के विपरीत, 120,00 करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया था।

श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव श्री अपूर्वा चंद्रा ने तीनों संगठनों के अधिकारियों के अनुकरणीय प्रयासों की सराहना की। उन्होंने उस उत्साहपूर्ण उत्साह पर संतोष व्यक्त किया, जिसके साथ प्रत्येक अधिकारी और क्षेत्रीय कार्यालय कोविड​​-19 के सामने इस मुश्किल घड़ी में रुकने के लिए कर्तव्य की पुकार पर बाहर निकल आए। उन्होंने कहा कि 2 करोड़ निर्माण श्रमिकों के बैंक खातों में 5 हजार करोड़ रुपये जमा किए गए थे जिसके लिए सीएलसी (सी) ने सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए 80 अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की थी। ईएसआईसी और ईपीएफओ के नोडल अधिकारियों ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ-साथ श्रमिकों की समस्याओं का निवारण करने के लिए दिन-रात काम किया। उन्होंने सीएलसी (सी) द्वारा स्थापित 20 नियंत्रण कक्षों के माध्यम से शीघ्र शिकायत समाधान की उपलब्धि को भी रेखांकित किया।

उन्होंने ईपीएफओ कार्यालयों के रूप में केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (सीपीएफसी) को ऑटो-सेटलमेंट मोड और मल्टी-लोकेशन क्लेम जैसे अभिनव उपायों का उपयोग कर​के और 50 प्रतिशत से कम स्टाफ के साथ 72 घंटों के भीतर कोविड-19 क्लेम सेटलमेंट सुनिश्चित करने के लिए बधाई दी। श्री चंद्रा ने सभी ईएसआईसी अधिकारियों द्वारा किए गए कठिन परिश्रम और प्रयासों की सराहना की और कहा कि सभी ईएसआईसी अस्पतालों विशेष कोविड देखभाल बेड, आईसीयू बेड का प्रावधान किया गया और कोविड -19 के लिए टेस्ट, प्लाज्मा ट्रैन्स्फ्यूशन, आरटीपीआर टेस्ट आदि शुरू किया गया था। ईएसआईसी क्षेत्रीय कार्यालयों ने बीमित व्यक्तियों/ लाभार्थियों/हितधारकों की शिकायतों के निवारण के लिए चौबीसों घंटे काम किया।

सीएलसी (सी) श्री डीपीएस नेगी, सीपीएफसी के श्री सुनील बर्थवाल और ईएसआईसी महानिदेशक श्रीमती अनुराधा प्रसाद ने अपने संबंधित संगठनों की पहल और उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। सीएलसी (सी) श्री डीपीएस नेगी ने कहा कि लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए सीएलसी (सी) के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण के तहत मंत्री के निर्देशानुसार सीएलसी (सी) संगठन के 20 क्षेत्रीय कार्यालयों में 20 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए थे। उन्होंने आगे कहा कि नियंत्रण कक्ष 24X7 आधार पर कार्य करता है। फील्ड अधिकारियों को 72 घंटे के भीतर अनुनय के जरिए शिकायत को हल करने के लिए कहा गया था। शिकायतों को हल करने के लिए नियोक्ताओं से टेलीफोन/ईमेल और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपर्क किया गया था। श्री नेगी ने जोर देकर कहा कि नियंत्रण कक्ष के हस्तक्षेप से, सरकार केन्द्रीय क्षेत्र के 1,86,365 कर्मचारियों को वेतन के रूप में 2,95,33,43,880/ रुपया देने में न केवल सक्षम थी बल्कि राज्य क्षेत्र में 3,863 कर्मचारियों को वेतन के रूप में 2,63,73,458/ रुपया देने में भी सक्षम थी। सीएलसी (सी) ने साझा किया कि भोजन, आश्रय, राशन इत्यादि के संबंध में प्रवासी श्रमिकों के संकट के मामले में कंट्रोल रूम ने राज्य अधिकारियों के साथ समन्वय किया।

केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (सीपीएफसी) श्री सुनील बर्थवाल ने जोर देकर कहा कि ईपीएफओ ने अपने हितधारकों की दबाव की जरूरतों को पूरा करने के लिए खुद को तैयार किया, जो कई समस्याओं का सामना कर रहा था जो प्रकृति में अभूतपूर्व था। उन्होंने बताया कि पीएमजीकेवाई योजना के एक भाग के रूप में विशेष कोविड-19 एडवांस, पैरा 68एल के तहत ईपीएफ खाते से ईपीएफ सदस्यों को गैर-वापसी योग्य अग्रिम के लिए बनाया गया था जो किसी क्षेत्र में स्थित किसी कारखाने या प्रतिष्ठान में कार्यरत थे, जिसे उपयुक्त सरकार द्वारा महामारी या महामारी के प्रकोप से प्रभावित होने की घोषणा की गई थी।

देश भर के ईपीएफओ कार्यालयों ने 47.58 लाख कोविड​-19 अग्रिम दावों का निपटान किया है, जिसमें दावेदारों को 12,220.26 करोड़ रुपया भुगतान किया गया। ऑटो-सेटलमेंट मोड और मल्टी-लोकेशन क्लेम सेटलमेंट जैसे अभिनव उपाय रातोंरात शुरू किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 50 प्रतिशत से कम स्टाफ की तैनाती के बावजूद कोविड-19 दावे 72 घंटों के भीतर निपट जाएं। उन्होंने कहा कि अप्रैल से सितंबर 2020 तक महामारी की अवधि के दौरान यूएमएएनजी (यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस) ऐप के माध्यम से कुल 19.20 लाख दावे ऑनलाइन दर्ज किए गए थे। यह अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक कोविड 19 से पहले अवधि की तुलना में 274 प्रतिशत की वृद्धि थी। श्री बर्थवाल ने बताया कि महामारी के दौरान काम करने के वास्ते ईपीएफओ ने ऑटो क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया विकसित करने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी असेंबली अवार्ड जीता। इस परियोजना को यहीं विकसित किया गया था और इसने कोविड-19 दावा निपटान समय को 72 घंटे तक लाने में मदद की।

ईएसआईसी की महानिदेशक श्रीमती अनुराधा प्रसाद ने ईएसआईसी की पहल और उपलब्धियों के बारे में बताया। श्रीमती प्रसाद ने उल्लेख किया कि अस्पतालों को विशेष कोविड देखभाल बेड, आईसीयू बेड, कोविड-19 के टेस्ट, प्लाज्मा ट्रैन्स्फ्यूशन, आरटीपीसीआर टेस्ट आदि का प्रावधान किया गया था। ईएसआईसी क्षेत्रीय कार्यालयों ने भी बीमित व्यक्तियों/लाभार्थियों/हितधारकों की शिकायतों के निवारण के लिए चौबीसों घंटे काम किया। निर्धारित समयसीमा के पालन के साथ कई मामलों का समाधान किया गया। निपटान की गुणवत्ता सटीक थी और डेटा रिपोर्टिंग को सटीक रखा गया था। शिकायतों के समाधान के लिए नवाचार और रचनात्मक उपायों की शुरुआत की गई। श्रीमती प्रसाद ने बताया कि इसके अलावा, राज्य के अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय से राज्य से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए टीम भावना बढ़ जाती है और सकारात्मक परिणाम आते हैं।

यह रेखांकित किया गया कि केवल तीनों संगठनों में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों के कारण ही इन पहल को सफलतापूर्वक लागू किया जा सका।

केंद्रीय श्रम आयुक्त (केंद्रीय), सीएलसी (सी) के कार्यालय के पुरस्कार विजेताओं की सूची:

1. श्री संतोष माहुर, एलईओ(सी), सीएलसी (सी) (मुख्यालय)

2. सीएलसी (सी) क्षेत्रीय कार्यालय, चेन्नई

3. सीएलसी (सी) क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता

4. सीएलसी (सी) क्षेत्रीय कार्यालय, कोचीन

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से पुरस्कार पाने वालों की सूची:

1. श्री रूपेश्वर सिंह, आरपीएफसी-1, ईपीएफओ (मुख्यालय)

2. ईपीएफओ क्षेत्रीय कार्यालय, दिल्ली (मध्य)

3. ईपीएफओ क्षेत्रीय कार्यालय, दिल्ली (पूर्व)

4. ईपीएफओ क्षेत्रीय कार्यालय, के.आर पुरम, बेंगलुरु

कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) से पुरस्कार पाने वालों की सूची:

1. श्री एस. एल. मीणा, डीडी, ईएसआईसी (मुख्यालय)

2. ईएसआईसी क्षेत्रीय कार्यालय, ओडिशा

3. ईएसआईसी क्षेत्रीय कार्यालय, महाराष्ट्र

4. ईएसआईसी क्षेत्रीय कार्यालय, दिल्ली

5. ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, फरीदाबाद

6. ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सनतनगर

7. ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और पीजीआईएमएसआर और मॉडल अस्पताल, राजनगर

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