रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय

एनआईपीईआर-हैदराबाद ने अपना 14वां स्थापना दिवस मनाया

Posted On: 10 NOV 2020 6:21PM by PIB Delhi

राष्‍ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं शोध संस्‍थान (एनआईपीईआर) हैदराबाद ने आज अपना 14वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। इस अवसर परश्री वी. के. सारस्वत, पद्मभूषण, सदस्य, नीति आयोग, चांसलर, जेएनयू और पूर्व महानिदेशक, डीआरडीओ ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।

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डॉ. रेणु स्वरूप, सचिव, डीबीटी, अध्‍यक्ष, बीआईआरएसी, सम्मानित अतिथि थीं और उन्‍होंने इस अवसर पर ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म के माध्यम से संदेश दिया।

एनआईपीईआर-हैदराबादकी निदेशक डॉ. शशि बाला सिंह ने सभी गणमान्य व्यक्तियों और आमंत्रितों का स्वागत किया तथा अपने स्वागत भाषण में उन्‍होंने संस्‍थान की 13 वर्षों की यात्रा और उसकी उपलब्धियों का जिक्र किया।एनआईपीईआर-हैदराबाद ने राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2020 के तहत 'फार्मेसी' श्रेणी में 5वां स्थान हासिल किया है। उन्होंने उल्लेख करते हुए कहा कि बहुत ही कम समय में संस्थान ने औषधीय विज्ञान में उन्नत अध्ययन और सीखने के लिए एक उत्कृष्टता केन्‍द्र के रूप में खुद को वैश्विक स्‍तर पर स्‍थापित किया है। कोविड-19 महामारी संकट के चुनौतीपूर्ण समय में संस्‍थान ने सूचना प्रौद्योगिकी/आईओटी विधियों का उपयोग कर अपनी सभी अकादमिक गतिविधियों को पूरा किया और 24 जुलाई, 2020 को ई-कॉन्वोकेशन का सफलतापूर्वक आयोजन भी किया। इसके अलावा, संस्थान ने कई कार्यशालाएं, संगोष्ठियों और वेबिनार का आयोजन किया है और ऑनलाइन प्लेटफॉर्मके जरिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन भी किया जा रहा है। संस्थानचिकित्सा उपकरणों में स्‍नातकोत्तर पाठ्यक्रम (एम. टेक) को शुरू कर रहा है और इसमें जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, नैदानिक ​​विज्ञान तथा इंजीनियरिंग से संबंधित विषय शामिल हैं जो चिकित्सा उपकरणों के विकास के लिए अहम हैं।

इस अवसर परमुख्य अतिथि नेसंस्थान की वार्षिक रिपोर्ट 2019-20 भी जारी की।

डॉ. रेणु स्वरूप, सचिव, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, अध्‍यक्ष बीआईआरएसी ने एनआईपीईआर-हैदराबाद के 14वें स्थापना दिवस समारोह मेंमुख्‍य अतिथि के रूप में हिस्‍सा लेते हुए अपने संबोधन में फार्मा क्षेत्र द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका, अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में मौजूदा प्रगति तथा अन्‍य क्रियाकलापों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने एनआईपीईआर और अन्य शोध संस्थानों के महत्व पर प्रकाश डाला,खासकर कोविड जैसे संकट के समय में जिस तरह की भूमिका इन संस्‍थानों ने निभाई है। उन्‍होंने भारत को 100 प्रतिशत आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए उद्योग और अकादमिक सहयोग की व्‍यापक भूमिका को भी रेखांकित किया। एनआईपीईआर की ओर से शुरू किए गए विशिष्‍ट पाठ्यक्रमोंजैसे चिकित्‍सा उपकरणों, फार्माकोइनफॉर्मेटिक्स और प्राकृतिक उत्पादों की सराहना की और एनआईपीईआर-हैदराबाद की उपलब्धियों के लिए बधाई भी दी।

श्री वी. के. सारस्वत, पद्म भूषणने अपने संबोधन में कहा कि संस्‍थान के 14वें स्थापना दिवस में आमंत्रित किया जाना अपने आप में एक विशेष सम्‍मान है।उन्होंने विश्‍वास व्यक्त किया कि वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल उद्योग में उभरते फार्मास्यूटिकल पेशेवरों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इस संबंध मेंभारतीय फार्मास्यूटिकल संस्‍थानों और उद्योगों ने वैश्विक फार्मा बाजार में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उन्‍होंने कोविड महामारी के दौरान जैव फार्मा सेक्‍टर की मजबूती का भी उल्‍लेख किया। उन्होंने आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्र में आ रही समस्‍याओं का समाधान करने के लिए विभिन्न संस्थानों के बीच समन्‍वयात्‍मक संवाद, थोक दवा और मध्‍यवर्ती निर्यात क्षेत्र में वृद्धि, महत्‍वपूर्ण शुरुआती सामग्री के लिए बाहरी बाजारों पर निर्भरता का उल्‍लेख किया।उन्‍होंने कहा कि किण्वन उद्योगों को फार्मास्यूटिकल के क्षेत्र में आयात पर बहुत कम निर्भर रहने के लिए बड़े पैमाने पर रासायनिक, हरित प्रौद्योगिकियों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। उन्होंने भविष्य में भारत में फाइटोफार्मास्यूटिकल शोध की अहमियत को रेखांकित करते हुए विभिन्‍न क्षेत्रों में कृत्रिम बौद्धिकता का इस्‍तेमाल करते हुए आंकड़ों के प्रबंधन पर भी जोर दिया। अंत में, उन्होंने एनआईपीईआर-हैदराबाद शोध सुविधाओं का दौरा किया और प्रयोगों संबंधी कार्यक्रमों में जुटे छात्रों के लिए अपने विचार व्‍यक्‍त किए।

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