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अटल नवोन्मेषण मिशन और एसआईआरआईयूएस (रूस) ने एआईएम- एसआईआरआईयूएस नवोन्मेषण कार्यक्रम 3.0 लॉन्च किया


स्कूली छात्रों के लिए भारत-रूस द्विपक्षीय युवा नवोन्मेषण कार्यक्रम शुरू

इसमें भारत और रूस के युवाओं के बीच नवोन्मेष में सहयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा

Posted On: 07 NOV 2020 7:30PM by PIB Delhi

अटल नवोन्मेषण मिशन (एआईएम) और एसआईआरआईयूएस, रूस ने आज भारतीय और रूस के स्कूली छात्रों के लिए 14 दिवसीय वर्चुअल कार्यक्रम एआईएम-एसआईआरआईयूएस नवोन्मेषण कार्यक्रम 3.0 लॉन्च किया।

पहली भारतीय-रूसी द्विपक्षीय युवा नवोन्मेषण पहल, एआईएम-एसआईआरआईयूएस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों के लिए (मोबाइल और वेब आधारित) तकनीक संबंधी समाधान विकसित करना है।

7-21 नवंबर, 2020 तक चलने वाले इस दो साप्ताहिक कार्यक्रम में, 48 छात्र और 16 शिक्षक व परामर्शदाता 8 वर्चुअल उत्पाद व मोबाइल एप्लिकेशन बनाएंगे, जो कोविड-19 महामारी के मद्देनजर संस्कृति, दूरस्थ शिक्षा, अप्लाइड कॉग्निटिव साइंस, स्वास्थ्य व कल्याण, खेल, फिटनेस, गेम्स ट्रेनिंग, रसायन विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल वित्तीय संपत्तियों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक चुनौतियों को संबोधित करेंगे। 

एआईएम मिशन के निदेशक श्री आर. रमनान ने कहा, मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इस साल का कार्यक्रम विज्ञान, तकनीकी और डिजाइन परियोजना में नवोन्मेष और सहयोग को प्रोत्साहित करेगा। यह भारत और रूस के बीच पहला वर्चुअल द्विपक्षीय छात्र सहयोग कार्यक्रम है और इसमें अटल टिंकरिंग लैब और एसआईआरआईयूएस टीम द्वारा प्रतिबद्धता नजर आ रही है।

छात्रों की टीम द्वारा विकसित किए गए नवोन्मेष में 21वीं सदी की तकनीकी जैसे कि ऐप डेवलपमेंट, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉकचेन, मशीन लर्निंग, डेटा विश्लेषण और विजुअलाइजेशन, यूआई/यूएक्स, वर्चुअल रिएलिटी, ऑगमेंटेड रिएलिटी, गेमिफिकेशन, 3डी डिजाइन और रैपिड प्रोटोटाइपिंग के गुण होंगे। उद्योग और अकादमी से एआईएम और एसआईआरआईयूएस मेंटर्स टीमों के साथ मिलकर काम करेंगे।

रूस में विज्ञान और शिक्षा के लिए राष्ट्रपति परिषद की सदस्य और टैलंट एंड सक्सेस फाउंडेशन की प्रमुख एलीना श्मीलेवा ने कहा, बिना अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग के आधुनिक विज्ञान की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। खोजें भी अक्सर उन वैज्ञानिकों की टीम द्वारा की जाती है जो अलग भाषाएं बोलते हैं मगर उनका लक्ष्य एक होता है। एसआईआरआईयूएस अन्तर्राष्ट्रीय कार्यक्रम ऐसे अवसर पैदा करने में मदद करते हैं। हम प्रतिभाशाली बच्चों, युवा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को शिक्षित करते हैं जिसके बाद वह विज्ञान व समाज की सबसे महत्वाकांक्षी चुनौतियों का समाधान ढूंढने में सक्षम होते हैं।

इस साल के दल में एसआईआरआईयूएस केंद्र से रूस के सर्वश्रेष्ठ छात्र और एटीएल मैराथन 2019 की 150 शीर्ष टीमों से भारतीय छात्र और एटीएल प्रभारी शामिल हैं। पिछली साल 25 छात्रों और 5 शिक्षकों का एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल एक 7 दिवसीय शोध आधारित कार्यक्रम के लिए रूस के एसआईआरआईयूएस केंद्र गए थे। तब टीमों ने सुदूर पृथ्वी संवेदन, जैविक और आनुवंशिक अनुसंधान, स्वच्छ ऊर्जा, डेटा विश्लेषण, सीमांत तकनीकी और ड्रोन्स व रोबोटिक्स के क्षेत्र में 8 अलग-अलग नवोन्मेषों का निर्माण किया था जिसे 5 दिसंबर 2019 को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को प्रस्तुत किया गया था।

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