स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

"आइये मिलकर 2020 तक इसे ख़त्म कर दें": डॉ हर्षवर्धन ने राजधानी दिल्ली में इस वर्ष के अंत तक कोविड के मामलों में कमी लाने के लिए प्रधानमंत्री के जन आंदोलन को सफलतापूर्वक लागू करने के अधिकतम प्रयास करने पर बल दिया


दिल्ली के 6 जिलों में कोविड मामलों की सकारात्मकता दर में वृद्धि होना चिंता का प्रमुख विषय

सभी रैपिड एंटीजन टेस्ट- आरएटी में निगेटिव (नकारात्मक) आये हुए व्यक्तियों की अनिवार्य रूप से जांच पर ज़ोर दिया गया, यदि उनमें आईएलआई / एसएआरआई लक्षण नज़र आते हैं

Posted On: 05 NOV 2020 5:17PM by PIB Delhi

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री श्री सत्येंद्र कुमार जैन के साथ बातचीत की। इस बैठक में दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारियों, महापौरों, नगर आयुक्तों और जिलाधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।




देश के सभी नागरिकों को मास्क पहनने, सुरक्षित दूरी का पालन करने और साबुन से हाथ धोने की आदतों के बारे में जागरूक करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा शुरू किये गए जन आंदोलन को सफल बनाने का आह्वान करते हुए डॉ हर्षवर्धन ने इस बात पर पर ज़ोर डाला कि, सरकार के व्यापक दृष्टिकोण ने देश में कोविड के संकट को सीमित करने में प्रभावी ढंग से मदद की है। उन्होंने कोविड के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं के पुनरुत्पादन में वैज्ञानिकों की भूमिका और ऐसे दवा निर्माताओं के लिए जैव-भंडार के गठन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि, कोविड से बचाव के लिए जनता को उचित व्यवहार के लिए प्रेरित किया जाए और वर्ष के अंत तक इस संक्रामक बीमारी को काफी हद्द तक सीमित कर दिया जाए। उन्होंने 20-25 करोड़ नागरिकों का टीकाकरण करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया, जिसमें 2021 के मध्य तक स्वास्थ्य सेवा में लगे हुए लोग भी शामिल किये गए हैं।

दिल्ली के कोविड आंकड़ों की तुलना देश के साथ करते हुए डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि, “भारत की कोरोना से ठीक होने की दर वर्तमान में 92 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है जबकि दिल्ली में यह दर अभी 89 प्रतिशत है। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु दर 1.49 प्रतिशत है और इसके मुकाबले दिल्ली में मृत्यु दर 1.71 प्रतिशत बनी हुई है।


डॉ हर्षवर्धन ने दिल्ली के उत्तर, मध्य, उत्तर पूर्व, पूर्व, उत्तर पश्चिम और दक्षिण पूर्व जिलों में कोविड के बढ़ते मामलों की संख्या और उच्च सकारात्मकता दर में वृद्धि पर विशेष तौर पर अपनी चिंता ज़ाहिर की। केंद्रीय मंत्री को इस संबंध में यह भी बताया गया कि दिल्ली में आरटी-पीसीआर जांच के अनुपात में 77 प्रतिशत जांच रैपिड एंटीजन टेस्ट- आरएटी आधारित जारी हैं जबकि आरटी-पीसीआर की संख्या कुल जांचों की केवल 23 प्रतिशत हैं। यह देखते हुए कि, किसी जांच में गलती से निकली हुई नकारात्मक रिपोर्ट की वजह से कोविड संक्रमित व्यक्ति से वायरस का प्रसार हो सकता है, उन्होंने सभी आरएटी नकारात्मक रिपोर्ट वाले व्यक्तियों की अनिवार्य रूप से जांच करने की बात कही, जिनमें आईएलआई / एसएआरआई लक्षण नज़र आते हैं।

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ सुजीत सिंह ने बैठक में मौजूद सभी वयक्तियों को दिल्ली के विभिन्न जिलों में कोविड की वर्तमान स्थिति के बारे में अवगत कराया। उन्होंने दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में कोविड से हुई मौतों के आंकड़ों पर एक विश्लेषण भी प्रस्तुत किया। उन्होंने दिल्ली के स्वास्थ्य अधिकारियों को आगामी त्यौहारों और सर्दियों के मौसम के प्रति विशेष रूप से सचेत रहने के लिए आगाह किया तथा कोविड रोगियों के बेहतर नैदानिक प्रबंधन के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की एक समिति के गठन का अनुरोध किया।

उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल ने कहा कि, दिल्ली प्रशासन को मौजूदा त्यौहारी सीजन और अंतर-राज्यीय परिवहन बढ़ने के कारण कोविड के सक्रिय मामलों में संभावित उछाल के बारे में विशेषज्ञों द्वारा आगाह किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि, आईईसी अभियान कोविड के प्रति सार्वजनिक व्यवहार में परिवर्तन लाने में अवश्य सफल होगा। उन्होंने यह भी बताया कि, प्रशासन बीमारी को फैलने से रोकने और अधिक कुशल रोकथाम के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं में बदलाव लाने के लिए काम कर रहा है।




दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री श्री सत्येंद्र जैन ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि, वर्तमान क्षमता को बढ़ाने के लिए एम्स नई दिल्ली और अन्य केंद्रीय अस्पतालों में आईसीयू बिस्तरों की संख्या में वृद्धि की जाए।


केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने कहा कि प्रभावी रूप से संपर्कों का पता लगाने की प्रक्रिया न केवल बड़ी संख्या में संपर्कों को ट्रेस करके पूरी की जाती है, बल्कि पहले 72 घंटों के भीतर ही यह कार्य पूरा कर लिया जाता है। उन्होंने दिल्ली प्रशासन से अनुरोध किया कि, वे अधिक देखभाल की ज़रूरत वाले कोविड रोगियों को धौला-कुआं स्थित रक्षा चिकित्सा अस्पताल में शिफ्ट करें जिसमें 125 आईसीयू बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध है।




दिल्ली मुख्य सचिव श्री विजय कुमार देव ने इस बैठक में अपने कार्यालय से वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया। अपर सचिव (स्वास्थ्य) श्रीमती आरती आहूजा और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।

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