जल शक्ति मंत्रालय

राजस्थान में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की मध्यावधि समीक्षा


भारत में सबसे गर्म स्थान और थार रेगिस्तान के प्रवेश द्वार, चुरू जिले में जल जीवन मिशन के तहत इस वर्ष के भीतर 100% घरों में नल कनेक्शन हो जायेंगे

Posted On: 28 OCT 2020 4:11PM by PIB Delhi

जल शक्ति मंत्रालय, केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जल जीवन मिशन को लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ काम कर रहा है। इस योजना का उद्देश्य वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में नल से पानी के कनेक्शन के माध्यम से प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर पीने योग्य पानी प्रदान करना है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीण लोगों खासकर महिलाओं और लड़कियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए उनके कठोर परिश्रम को कम करना है। भारत सरकार द्वारा घरेलू नल कनेक्शन के लिये केंद्रीय योजना में शामिल राज्य के हिस्से के उपयोग के संदर्भ में धन उपलब्ध कराया जाता है। कार्यक्रम को और आगे ले जाने के लिए, 27.10.2020 को राजस्थान राज्य के अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय जल जीवन मिशन को राज्य में मिशन की योजना और कार्यान्वयन की स्थिति के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत की।

राजस्थान वर्ष 2023-24 तक सभी ग्रामीण घरों में 100% नल से पानी के कनेक्शन पहुंचाने की योजना बना रहा है। राज्य में लगभग 1.01 करोड़ ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से 88.57 लाख घरों में घरेलू नल कनेक्शन नहीं हैं। वर्ष 2020-21 में, राज्य 20.69 लाख घरों में नल से पानी के कनेक्शन पहुंचाने की योजना बना रहा है। राज्य ने इस वर्ष चुरू जिले के 100% घरों में इस योजना के तहत नल से पानी पहुंचाने की योजना बनाई है। 

मध्यावधि समीक्षा में 44,641 बस्तियों में मौजूदा पाइप्ड जलापूर्ति (पीडब्ल्यूएस) योजनाओं के विश्लेषण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है, जहाँ एक भी कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराया गया है। 20,172 गांवों में योजनाओं की जांच करने का भी आग्रह किया गया, जहां एक भी नल कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराया गया है। राजस्थान राज्य ने दिसंबर, 2020 तक 8.74 लाख की आबादी वाले शेष बची 1,545 फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। राज्य को पानी की कमी वाले क्षेत्रों, आकांक्षी जिलों, एससी/एसटी बहुल गांवों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) के तहत गाँव को बराबरी के साथ शामिल करने के लिए विशेष रूप से ध्यान देने का आग्रह किया गया था।

जल जीवन मिशन एक विकेन्द्रीकृत, मांग-संचालित, समुदाय-प्रबंधित कार्यक्रम है, इसलिये स्थानीय ग्राम समुदाय/ग्राम पंचायतों या उपयोगकर्ता समूहों को गांवों में जलापूर्ति प्रणालियों की योजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव सुनिश्चित करने में दीर्घकालिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। जल जीवन मिशन को सही मायने में लोगों का आंदोलन बनाने के लिए राज्य से अनुरोध किया गया था कि सभी गांवों में सामुदायिक विकास के साथ-साथ आईईसी अभियान चलाया जाए। महिला स्वयं सहायता समूहों और स्वयंसेवी संगठनों को ग्रामीण समुदाय को पानी की आपूर्ति के बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ-साथ उनके संचालन और रखरखाव के कार्य के लिए शामिल करना है।

केंद्र सरकार प्रत्येक घर में पानी की आपूर्ति के सार्वभौमिक कवरेज के इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार को उनके प्रयासों में पूर्ण सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। 2020-21 में, केंद्र ने जल जीवन मिशन के तहत राजस्थान को 2,522 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। राज्य को पहले से ही 389 करोड़ रुपये राष्ट्रीय जल गुणवत्ता उप-मिशन के तहत पानी की गुणवत्ता प्रभावित बस्तियों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आवंटित किया गया है। राज्य से आग्रह किया गया था कि वह आवंटित धनराशि का लाभ उठाने के लिए कार्यान्वयन को गति दें और उपलब्ध धन का उपयोग करें ताकि केंद्रीय अनुदान खोने से बचा जा सके।

इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग का पंचायती राज संस्था-पीआरआई को 50% अनुदान पानी और स्वच्छता पर खर्च किया जाना है। राजस्थान को 2020-21 में वित्त आयोग के अनुदान के रूप में 3,862 करोड़ आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा, राज्य को ग्राम स्तर पर समग्र योजना के लिए एमजीएनआरईजीएस, जेजेएम, एसबीएम (जी), जिला खनिज विकास कोष, सीएएमपीए, सीएसआर निधि, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि आदि जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के अभिसरण के माध्यम से निधियों और अपने उपलब्ध धन का अच्छी तरह से और विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए।

राज्य से अनुरोध किया गया कि सभी आंगनवाड़ी केंद्रों, आश्रमों और स्कूलों को नल से जलापूर्ति प्रदान की जाए क्योंकि 2 अक्टूबर, 2020 को विशेष 100-दिवसीय अभियान चलाया गया है, ताकि पीने, हाथ धोने के लिए, शौचालयों में उपयोग के लिए और मध्यान्ह भोजन पकाने के लिए इन संस्थानों में पीने योग्य पानी उपलब्ध हो सके। यह अभियान इन सार्वजनिक संस्थानों में सुरक्षित पानी प्रदान करने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है, ताकि बच्चों को सुरक्षित पानी उपलब्ध हो, जिससे उनके स्वास्थ्य और स्वास्थ्य में सुधार होगा।

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