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गांधी जयंती के उपलक्ष्य में जम्मू एवं कश्मीर में केवीआईसी का रोजगार उत्सव

Posted On: 02 OCT 2020 4:41PM by PIB Delhi

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में रोजगार सृजन की कई गतिविधियों का शुभारंभ किया। कुम्हार सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत केवीआईसी के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना ने बारामूला के कुम्हार परिवारों को बिजली से चलने वाले चाक वितरित किए और शिल्पकारों के लिए दलिया कढ़ाई (Crewel Embroidery) और सोज़नी कढ़ाई (Sozni Embroidery) के प्रशिक्षण हेतु गांदरबल और पुलवामा जिलों में प्रशिक्षण का भी शुभारंभ किया। उन्होंने जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में लोकप्रिय स्थानीय कला बांस से बनी वस्तुओं (विलो वर्क) हेतु कलाकारों के प्रशिक्षण का भी शुभारंभ किया।

यह गतिविधियां महात्मा गांधी की 151वीं जयंती मनाने के उपलक्ष्य में केवीआईसी द्वारा देशभर में शुरू किए जाने वाले 150 बड़े कार्यक्रमों का हिस्सा है। राज्य में शुरू किए गए इन कार्यक्रमों से एक अनुमान के मुताबिक लगभग 500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।

केवीआईसी अध्यक्ष ने स्थानीय केवीआईसी अधिकारियों को एंब्रॉयडरी और कागज के हाथ से बनाए जाने वाले उत्पादों के लिए जम्मू कश्मीर में दो एसएफयूआरटीआई क्लस्टर की स्थापना के निर्देश दिए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के कारीगरों की सराहना करते हुए कहा कि उनमें मिट्टी से बनने वाले बर्तनों सहित कई बेहद सुंदर और उपयोगी उत्पाद बनाने की क्षमता और कौशल है।

गांधी जी सदैव खादी के माध्यम से कश्मीरी लोगों को सशक्त बनाने पर सदैव जोर दिया करते थे। हमारे प्रधानमंत्री के ह्रदय में भी कश्मीर के लिए एक विशेष स्थान है और केवीआईसी राज्य में टिकाऊ रोजगार के अवसर सृजित करने के साथ प्रधानमंत्री के इस स्वप्न को साकार करने में लगातार काम कर रहा है। दलिया कढ़ाई (Crewel Embroidery), सोज़नी कढ़ाई (Sozni Embroidery), पश्मीना शॉल और मिट्टी के बर्तन समेत राज्य की कई कलाकारी विश्व प्रसिद्ध है। श्री सक्सेना ने कहा कि कारीगरों को उपयुक्त प्रशिक्षण, आधुनिक निर्माण सामग्री और विपणन का बेहतर मंच उपलब्ध कराकर इन उत्पादों के निर्माण से उन्हें निश्चित रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।

इस अवसर पर कई कारीगर भी उपस्थित थे, जिन्होंने केवीआईसी अध्यक्ष से बातचीत की और बेहतर आजीविका कमाने के लिए उनकी आवश्यकताओं में केवीआईसी की मदद हेतु उन्हें धन्यवाद दिया। मिट्टी के बर्तन बनाने वाले मुस्ताक को केवीआईसी से मिले इलेक्ट्रिक व्हील पर मुस्ताक ने कहा की इसकी मदद से उनका काम अब बहुत आसान हो जाएगा और मिट्टी के बर्तनों की उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी तथा उनकी आमदनी में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

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