खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय

उत्तर प्रदेश में जैविक खाद्य प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन हुआ


5,000 किसानों को फायदा होने की संभावना

यूनिट को 50.33 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद

खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में मूल्य वर्धित वस्तुओं के निर्यात की बहुत अधिक संभावनाएं हैं : हरसिमरत कौर बादल

खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में वृद्धि 8.41% के एएजीआर तक पहुंची

Posted On: 09 SEP 2020 11:23AM by PIB Delhi

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि इस खाद्य प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन हो जाने के साथ ही इससे 5,000 किसान लाभान्वित होंगे और इसमें 50.33 करोड़ रुपये के निवेश का लाभ होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में स्थित इस खाद्य प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से करते हुए  श्रीमती बादल ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में तेज वृद्धि देखी जा रही है और इसकी पहचान भारत सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में की गई है। उन्होंने कहा कि यूपी में विभिन्न तरह के कच्चे कृषि माल का पुख्ता आधार है और यहां कृषि के अनुकूल जलवायु है जो प्रदेश को बड़ा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विकसित करने के लिए अपेक्षित मंच प्रदान करता है। इकाई के वर्टचुअल उद्घाटन समारोह में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सचिव श्रीमती पुष्पा सुब्रह्मण्यम और मेसर्स ऑर्गेनिक इंडिया के प्रमोटर भी मौजूद थे।

श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने यूनिट के प्रमोटरों से खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के जैविक खंड में नए नवीन उत्पादों के लिए प्रयोग और निवेश करने का आग्रह किया। उन्होंने लगभग 30 देशों को चाय उत्पादों की एक श्रृंखला का निर्यात करने के लिए यूपी में एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रमोटरों की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि सभी आवश्यक वैश्विक प्रमाणपत्र हासिल करने वाले प्रमोटरों के साथ, भारत के जैविक उत्पादों को विश्व स्तर पर प्रसिद्ध बनाने का उनका मिशन देश के आत्म-निर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान के दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में मूल्य वर्धित वस्तुओं के निर्यात की अपार संभावना है जो न केवल विदेशी मुद्रा अर्जित करेगा बल्कि घरेलू बाजार में रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-2020 के लिए एफडीआई डेटा वर्ष 2018-19 की तुलना में 44% की वृद्धि दर्शाता है। उसने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में वृद्धि लगभग 8.41% के एएजीआर तक पहुंची है।

इकाई का नाम मैसर्स ऑर्गेनिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड है जिसके 100 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 250 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार देने की संभावना है। मेसर्स ऑर्गेनिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को कुल 55.13 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया गया है। मंत्रालय की ओर से 4.80 करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्रदान की गई है। इस इकाई की प्रसंस्करण क्षमता प्रति दिन 3 मीट्रिक टन की है और इसमें 350 करोड़ रुपये की कृषि उपज का प्रसंस्करण होगा। इस इकाई में निर्मित उत्पाद हैं- तुलसी ग्रीन टी, स्वीट लेमन ग्रीन टी, लेमन जिंजर ग्रीन टी, अनार ग्रीन टी, स्वीट रोज, तुलसी मसाला। यह उत्तर प्रदेश में बाराबंकी के फेज -2, यूपीएसआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र के एग्रो पार्क में 12,903 वर्ग मीटर / 3.18 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।

उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण क्षमता पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि उत्तर प्रदेश की विभिन्न कृषि कच्चे माल का प्रचुरता और यूपी में कृषि के अनुकूल जलवायु विशेषताएं राज्य के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विकसित करने के लिए अपेक्षित मंच प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र राज्य अर्थव्यवस्थ में कृषि और उद्योग के दो मुख्य क्षेत्रों के बीच महत्वपूर्ण कड़ी बन सकता है। उन्होंने आगे कहा कि यह खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र कृषि की प्रमुख चुनौतियों जैसे फसलों को नुकसान, विपणन विकल्पों की कमी और किसानों की कम आय से निपटन में मदद कर सकता है और इसके साथ-साथ ग्रामीण आबादी को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर सकता है।

केंद्रीय मंत्री ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की पहल के बारे बताते हुए कहा कि कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर बनाने के लिए मंत्रालय ने आईटी उपकरणों का उपयोग करके कई पहलों को लागू की है। उन्होंने कहा कि योजनाओं के बारे में सभी जानकारी, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के बारे में महत्वपूर्ण रिपोर्ट, निवेश से संबंधित जानकारी और संबंधित योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करने के विकल्प मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने सभी से मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर "क्लिक" और "कनेक्ट" करने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि उनके आवेदनों पर पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से विचार किया जाएगा।

इकाई के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली ने इस खाद्य प्रसंस्करण इकाई को स्थापित करने के लिए यूनिट के प्रमोटरों को बधाई दी जो आसपस के किसानों को लाभान्वित करेगी और क्षेत्र के लोगों को रोजगार भी प्रदान करेगी। उन्होंने आगे कहा कि यह परियोजना आसपास के क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। श्री तेली ने कहा कि कृषि के विकास, मूल्य संवर्धन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को मजबूती देना आवश्यक है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में परियोजनाओं को विकसित करने में मदद की

 

 

योजना

परियोजनाओं की संख्या

परियोजना की लागत

(रुपये करोड़ में)

स्वीकृत अनुदान राशि

(रुपये करोड़ में)

 

सृजित होने वाले रोजगार की संख्या

लाभान्वित होने वाले किसानों की संभावित संख्या

कोल्ड चेन

21

515.86

170.01

16,200

2,00,592

एपीसी

4

167.05

37.41

4,000

16,000

सीईएफपीपीसी

20

396.89

81.61

9,500

12,500

बीएफएल

6

67.66

15.62

186

1,200

एफटीएल

9

34.32

22.71

198

-

कुल

60

1181.78

327.35

30,084

2,30,292

 

·         60 परियोजनाओं के लिए निजी निवेश - 854.43 करोड़ रुपये

·         कुल प्रसंस्करण क्षमता (पूर्ण होने पर) : 12.628 लाख टन प्रति वर्ष

·         कृषि उपज प्रसंस्कृत (अपेक्षित) का शुद्ध मूल्य : 3,157 करोड़ रुपये

 

 

वर्ष 2014 से, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश राज्य में 51 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी कुल परियोजना लागत 1109.30 करोड़ रुपये है। इसके लिए 293.40 करोड़ रुपये की अनुदान राशि और 815.90 करोड़ रुपये का निजी निवेश होगा।

 

खाद्य प्रसंस्कर उद्योग मंत्रालय द्वारा स्वीकृत राज्य-वार समग्र परियोजनाएं

 

31-08-2020 के अनुसार, राज्य / केंद्र शासित प्रदेश वार और योजनावार एमएफपी योजनाओं के तहत स्वीकृत योजनाओं, कोल्ड चेन, एपीसी, इकाई, बीएफएल, ऑपरेशन ग्रीन्स और एफटीएल की संख्या

क्रम संख्या

राज्य / केंद्र शासित प्रदेश

एमएफपी

कोल्ड चेन

कृषि प्रसंस्करण केंद्र

 

इकाई

बीएफएल

ओजी

एफटीएल

कुल

1

अंडमान एवं निकोबार

0

1

0

0

0

0

0

1

2

आंध्र प्रदेश

3

14

3

4

0

1

4

29

3

अरूणाचल प्रदेश

1

1

0

3

0

0

0

5

4

असम

1

2

3

14

1

0

6

27

5

बिहार

1

5

1

1

1

0

0

9

6

चंडीगढ़

0

0

0

0

0

0

0

0

7

छत्तीसगढ़

1

2

2

1

1

0

0

7

8

दादर एवं नागर हवेली

0

0

0

0

0

0

0

0

9

दमन एवं दीउ

0

0

0

1

0

0

0

1

10

दिल्ली

0

0

0

0

0

0

8

8

11

गोवा

0

0

0

1

0

0

0

1

12

गुजरात

2

19

4

26

7

3

14

75

13

हरियाणा

2

11

3

15

0

0

14

45

14

हिमाचल प्रदेश

1

13

1

21

2

0

3

41

15

जम्मू एवं कश्मीर

1

6

1

19

3

0

3

33

16

झारखंड

0

0

0

0

0

0

1

1

17

कर्नाटक

2

12

3

14

3

0

7

41

18

केरल

2

4

2

13

1

0

4

26

19

लक्षद्वीप

0

0

0

0

0

0

0

0

20

मध्य प्रदेश

2

8

5

8

1

0

6

30

21

महाराष्ट्र

3

63

7

34

9

1

25

142

22

मणिपुर

1

1

0

3

2

0

2

9

23

मेघालय

0

0

0

2

0

0

0

2

24

मिज़ोरम

1

4

0

2

0

0

0

5

25

नगालैंड

1

1

0

4

0

0

1

7

26

ओडिशा

2

4

0

2

0

0

4

12

27

पुद्दुचेरी

0

0

0

0

0

0

0

0

28

पंजाब

3

20

3

8

3

0

8

45

29

राजस्थान

1

11

1

12

6

0

2

33

30

सिक्किम

0

0

0

1

0

0

2

3

31

तमिलनाडु

0

14

12

19

6

0

20

71

32

तेलंगाना

2

11

1

2

1

0

4

21

33

त्रिपुरा

1

0

0

5

0

0

1

7

34

उत्तर प्रदेश

0

21

4

20

6

0

9

60

35

उत्तराखंड

2

24

1

10

2

0

3

42

36

पश्चिम बंगाल

1

12

0

8

1

0

10

32

37

लद्दाख

0

0

0

0

0

0

0

0

 

कुल

37

282

57

273

56

5

161

871

 

·         बीएफएल- पिछले और अगले लिंक

·         एफटीएल- खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं

·         ओजी- ऑपरेशन ग्रीन्स

 

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