जनजातीय कार्य मंत्रालय

अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन कोविड महामारी के खिलाफ पीवीटीजी की सुरक्षा के लिए सतर्क


जनजातीय मामले मंत्रालय देशज जनजातीय समूहों की सुरक्षा एवं कल्याण के संबंध में अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन के निरंतर संपर्क में है: श्री अर्जुन मुंडा

जनजातीयों की संरक्षा और सुरक्षा के लिए सक्रिय रूप से कई कदम उठाये गए

Posted On: 29 AUG 2020 7:08PM by PIB Delhi

अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन ने सूचना दी है कि वह अपने जनजातीयों विशेष रूप से निर्बल जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सुरक्षा को लेकर सतर्क है। जनजातीय मामले मंत्रालय को प्रस्तुत एक रिपोर्ट में अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन ने सूचना दी है कि मार्च के मध्य से ही, जब द्वीपसमूह में कोविड-19 का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया था, जनजातीयों की संरक्षा और सुरक्षा के लिए सक्रिय रूप से कई कदम उठाये गए हैं। अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में छह अधिसूचित जनजातियां हैं। निकोबारीज को छोड़कर शेष पांच जनजातीयों अर्थात ग्रेट अंडमानीज, जरावा, सेंटीनेलीज ओंगे एवं शोम्पेन को पीवीटीजी के रूप में देखा जाता है।

केंद्रीय जनजातीय मामले मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने एक ट्वीट में कहा है कि अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन समेकित जनजातीय विकास प्राधिकरण के जरिये विशेष रूप से निर्बल जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सुरक्षा को लेकर सतर्क है और जनजातीय मामले मंत्रालय इस संबंध में अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन के अधिकारियों के निरंतर संपर्क में है।

अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन समेकित जनजातीय विकास प्राधिकरण के जरिये अपने जनजातीयों, विशेष रूप से निर्बल जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सुरक्षा को लेकर सतर्क है।

एक पंजीकृत सोसाइटी अंडमान आदिम जनजाति विकास समिति (एएजेवीएस) पीवीटीजी के कल्याण एवं सुाक्षा का अनुवीक्षण एवं निगरानी कर रही है जबकि निकोबार द्वीपसमूह के उप आयुक्त समेकित जनजातीय विकास प्राधिकरण (आईटीडीए) के जरिये निकोबारीज जनजाति के कल्याण एवं बेहतरी का ध्यान रख रहे हैं। प्रशासन ने पहले ग्रेट अंडमानीज और जरावा को बाहरी निवासियों के किसी भी संपर्क में आने से बचने के लिए क्रमशः स्ट्रेट द्वीपसमूह और जरावा रिजर्व के पश्चिमी तट पर शिफ्ट कर दिया था। जरावा जनजाति की सुरक्षा के लिए रक्षा दलों की संख्या सीमित कर दी गई है। प्रक्षेत्र पदाधिकारियों को नियमित रूप से फेसमास्क, दस्तानों एवं कुछ दूरी से जनजातियों के साथ परस्पर संपर्क करने का सुझाव दिया गया है। जनजातियों को कोविड-19 के बारे में प्रक्षेत्र कर्मचरियों द्वारा उनकी अपनी भाषा में चित्रों/वीडियो के साथ सावधानियों को लेकर सुग्राही बनाया जा रहा है। जनजातीय बस्तियों में एएजेवीएस तथा अन्य लाइन विभागों के कार्मिकों की आवाजाही कोविड की समुचित जांच के बाद ही दी जा रही है। जनजातीय बस्तियों में तैनात पदाधिकारियों को जनजातीय बस्तियों के बाहर जाने तथा बाहरियों के साथ परस्पर संपर्क न करने की सलाह दी गई है।

इसके अतिरिक्त, सभी प्रक्षेत्र पदाधिकारियों की सावधिक रूप से कोविड-19 की जांच की जा रही है। जरावा को व्यस्त रखने के लिए उन्हें तीर बनाने के लिए टूल्स एवं स्टील के रौड उपलब्ध करा दिए गए हैं। एएजेवीएस, पुलिस तथा वन विभागों द्वारा गश्ती तेज कर दी गई है। मत्स्य विभाग ने भी मछुआरों को जरावा के साथ परस्पर संपर्क न करने के लिए सुग्राही बना दिया है। कोविड-19 के प्रकोप की किसी स्थिति में किसी संभावित प्रसार से बचने के लिए जरावा को छोटे समूहों में रहने को कहा गया है। एएजेवीएस कर्मचारियों द्वारा इतेरजी, बंबूफटिकरी, फूलताला, सांतिपुर और कटाईडेरा में जरावा की आवाजाही की गहन निगरानी की जा रही है। हालांकि ग्रेट अंडमानीज को कोविड-19 जांच के संचालन के बाद अप्रैल, 2020 में स्ट्रेट द्वीपसमूह पर शिफ्ट कर दिया था, लेकिन कई ग्रेट अंडमानीज सरकारी नौकरियों में हैं और पोर्ट ब्लेयर में रहते हैं। इसलिए कई परिवार अनलॉक की घोषणा के बाद जून, 2020 में पोर्ट ब्लेयर लौट आए हैं। अगस्त, 2020 में कोविड-19 मामलों में उछाल को देखते हुए, अंडमानीज जनजातियों को एक बार फिर से स्ट्रेट द्वीपसमूह पर उनके वासों को शिफ्ट करने की सलाह दी गई है।

कोविड-19 जांच किए जाने के बाद कुछ अंडमानीज जनजातियां हल्के लक्षणों या बिना किसी लक्षण के पॉजिटिव पाई गई हैं जिनमें से 03 स्वस्थ हो चुके हैं और शेष प्रयाप्त सावधानी के साथ जी बी पंत अस्पताल में या होम आइसोलेशन में हैं। पॉजिटिव पाए जाने वाले जनजातियों के परिवार के सदस्यों को छोड़कर अधिकांश जनजातियों को वापस स्ट्रेट द्वीपसमूह पर शिफ्ट कर दिया गया है। सभी सक्रिय मामलों का स्वास्थ्य अच्छा है और उन पर गहन निगरानी रखी जा रही है। इसके अतिरिक्त, ग्रेट अंडमानीज के बीच कोविड-19 पॉजिटिव मामलों के उद्भव को देखते हुए प्रशासन ने डुगोंग क्रीक से ओंगे जनजातियों के नमूने लिए हैं और वे सभी निगेटिव पाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, प्रशासन ने जल्द ही जरावा जनजाति की औचक जांच करने का फैसला किया है। अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन ने जनजातीयों विशेष रूप से निर्बल जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दुहरता है और उनकी सुरक्षा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। वह मानवता की इस विरासत की सुरक्षा करने को लेकर कोई कोरो कसर नहीं छोड़ेगा।

अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में पीवीटीजी की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के लिए कृपया यहां क्लिक करें

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एमजी/एएम/एसकेजे/डीसी



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