विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

डीएसटी देश की बौद्धिक हस्तियों के साथ बातचीत की विशेष श्रृंखला ‘इन कन्वर्सेशन विद’ शुरू कर रहा है ताकि वे नीतियों और देश के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र पर अपने विचारों और विज़न को साझा कर सकें


इस श्रृंखला का शुभारंभ शुक्रवार, 28 अगस्त 2020 को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा किया जा रहा है, वे डीएसटी के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा से बातचीत करेंगे

ये इस श्रृंखला में पहली बातचीत होगी जिसे साइंस पॉलिसी फोरम के यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारित किया जाएगा

Posted On: 27 AUG 2020 1:03PM by PIB Delhi

भारत की 5वीं राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति - एसटीआईपी 2020 के संदर्भ में, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए कार्यालय) और विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने एक नई एसटीआईपी 2020 का निर्माण करने के लिए एक विकेंद्रीकृतनीचे से ऊपर आने वाली और समावेशी प्रक्रिया आरंभ की है।

इस नीति को उसके सार रूप में सच करने के लिए डीएसटी पूरे देश की बौद्धिक हस्तियों के साथ बातचीत की एक विशेष श्रृंखला 'इन कन्वर्सेशन विद' शुरू कर रहा है, ताकि वे नीतियों और देश के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र पर अपने विचारों और विज़न को साझा कर सकें।

इस श्रृंखला का उद्घाटन शुक्रवार 28 अगस्त 2020 को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा किया जा रहा है। वे डीएसटी के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा के साथ बातचीत करेंगे। ये इस श्रृंखला की पहली बातचीत होगी, जिसे साइंस पॉलिसी फ़ोरम के यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा।

डीएसटी अपने इस अनूठे संवाद कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए सभी हितधारकों को आमंत्रित कर रहा है। इसके अलावा कोई भी हितधारक डीएसटी और साइंस पॉलिसी फोरम के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सवालों के बाद #ChatWithDrHarshVardhan हैशटैग का उपयोग कर सकता है।

सोशल मीडिया मंचों के लिए वेबलिंक नीचे दिए गए हैं:

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग: फेसबुक, ट्विटर

साइंस पॉलिसी फोरम: फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, इंस्टाग्राम

यूट्यूब कार्यक्रम का लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=LhxV62_W5Sc https://youtu.be/LhxV62_W5Sc

कार्यक्रम के पोस्टर:

भारत की पांचवीं एसएंडटी नीति एक ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर तैयार की जा रही है जब भारत और दुनिया कोविड-19 महामारी का सामना कर रहे हैं। पिछले एक दशक में जो कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं ये उनमें से नवीनतम परिवर्तन है जिसने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) के लिए एक नए दृष्टिकोण और रणनीति के निर्माण की आवश्यकता पैदा कर दी है। जब ये संकट दुनिया को बदल रहा है, तब विकेंद्रीकृत ढंग से इस नई नीति का गठन वरीयताओं, क्षेत्रवार फोकस, शोध करने के तरीके और बड़े सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए प्रौद्योगिकियों को जैसे विकसित और नियुक्त किया जाता है इन संदर्भों में एसटीआई को पुनर्जीवित करेगा।

विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति (एसटीआईपी 2020) को संयुक्त रूप से पीएसए कार्यालय और डीएसटी द्वारा हरी झंडी दिखाई गई है, ऐसे वक्त में जब भारत और सकल विश्व कोविड-19 संकट के मद्देनजर नई दिशा अख़्तियार कर रहे हैं। इस नीति को इस साल के अंत तक जारी किए जाने की उम्मीद है जो 2013 में गठित मौजूदा नीति का स्थान लेगी।

एसटीआईपी 2020 गठन प्रक्रिया को पूरी तरह आपस में जुड़े चार ट्रैक में व्यवस्थित किया गया है:

पहले ट्रैक में विज्ञान नीति फोरम के माध्यम से एक व्यापक सार्वजनिक और विशेषज्ञ परामर्श प्रक्रिया शामिल है, ये फोरम नीति निर्माण प्रक्रिया के दौरान और उसके बाद व्यापक सार्वजनिक और विशेषज्ञों के समूह से इनपुट मांगने के लिए एक समर्पित मंच है। दूसरे ट्रैक में नीति निर्माण प्रक्रिया में साक्ष्य-सूचित सिफारिशों को पोषित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा संचालित विषयगत परामर्श शामिल हैं। इस उद्देश्य से 21 केंद्रित विषयगत समूहों को गठित किया गया है। तीसरे ट्रैक में मंत्रालयों और राज्यों के साथ परामर्श शामिल है, वहीं चौथे में शीर्ष स्तर का बहु-हितधारक परामर्श शामिल है। ट्रैक तीन में व्यापक अंतर-राज्य और अंतर-विभाग परामर्श के लिए नोडल अधिकारियों को राज्यों और मंत्रालयों, भारत सरकार के विभागों और एजेंसियों द्वारा नामित किया जा रहा है, और ट्रैक चार के लिए संस्थागत नेतृत्व, उद्योग निकायों, वैश्विक भागीदारों के साथ परामर्श और उच्चतम स्तर पर प्रतिनिधित्व किए गए अंतर-मंत्रालयी और अंतर-राज्य परामर्श किए जा रहे हैं।

विभिन्न ट्रैक्स पर परामर्श प्रक्रियाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं और समानांतर चल रही हैं।

छह महीने की इस प्रक्रिया में देश के वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर और उसके बाहर सभी हितधारकों के साथ व्यापक-परामर्श शामिल है जिसमें शिक्षा, उद्योग, सरकार, वैश्विक साझेदार, युवा वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीविद्, नागरिक निकाय और आम जनता शामिल हैं।

संस्थानिक नीति के ज्ञान और डेटा सपोर्ट यूनिट के साथ डीएसटी-एसटीआई पॉलिसी फेलोज़ के काडर से निर्मित एक सचिवालय डीएसटी (प्रौद्योगिकी भवन) में स्थापित किया गया है ताकि इन चार ट्रैक के बीच पूर्ण प्रक्रिया और परस्पर क्रियाओं में समन्वय किया जा सके।

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