पर्यटन मंत्रालय

पर्यटन मंत्रालय ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए स्थायी आजीविका मॉडल के रूप में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई) और फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर वर्चुअल माध्यम से हस्ताक्षर किए


पर्यटन मंत्री ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन हमें पर्यटन क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने और उन्हें देश के पर्यटन कार्यबल का अभिन्न अंग बनाने का अवसर प्रदान करेगा

Posted On: 21 AUG 2020 4:12PM by PIB Delhi

केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री प्रहलाद सिंह पटेल की उपस्थिति में, ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई) और फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) के साथ पर्यटन मंत्रालय ने महिला सशक्तीकरण के लिए आज एक औपचारिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस पहल के माध्यम से, एफएलओ और टीएएआई, व्यक्तिगत और आतिथ्य कौशल, एक अधिक लचीला कार्य संतुलन और बहुत कम पूंजी के साथ उद्यमिता के लिए अधिक विकल्पों को प्रदान करने पर बल देगा।

इस अवसर पर श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि हमारे देश में महिलाएं विभिन्न कार्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट भूमिका अदा करती हैं। हमारे पास डॉक्टरों, पायलटों, वैज्ञानिकों, व्यावसायियों के रूप में सर्वश्रेष्ठ महिलाएं उपलब्ध हैं। महिलाओं ने साहसिक गतिविधियों और खेलों जैसे पर्वतारोहण, ट्रेकिंग, साइकिलिंग आदि में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। आज हमारे देश की महिलाएं सशस्त्र बलों की एक महत्वपूर्ण घटक हैं। और हम एक ऐसा राष्ट्र है जहां पर महिलाओं ने देश की प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियों को संभाला है।

 

श्री पटेल ने आगे कहा कि महिलाओं को लक्षित करने वाले प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रमों को संगठित और लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता है, जिसमें ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों की महिलाएं भी शामिल हैं, उन्हें डिजिटल प्रौद्योगिकियों के बारे में जागरूक करना और उन्हें सामुदायिक स्तर पर निर्णय लेने में भागीदार बनने में सहायता प्रदान करनी चाहिए। इस प्रकार से, यह सुनिश्चित करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी बन जाता है कि यात्रा और पर्यटन के क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढ़ाने और पर्यटन के विकास में उन्हें योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, जिससे न केवल इस क्षेत्र को लाभ प्राप्त होगा, बल्कि उनके उत्थान और सशक्तिकरण में भी मदद मिलेगी। पर्यटन में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर महिलाएं उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं, जैसे ठहरने की सुविधा, पर्यटक सुविधा प्रदाता, कैटरिंग व्यवसाय और बहुत कुछ।

 

उन्होंने टीएएआई और फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) द्वारा पूरे देश में महिलाओं की बेहतरी के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए प्रसन्नता व्यक्त की। पर्यटन मंत्रालय, टीएएआई और एफएलओ के बीच आज हस्ताक्षर किए गए एमओयू ने हमें पर्यटन क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने और उन्हें देश के पर्यटन कार्यबल का एक अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए जमीनी स्तर पर हाथ मिलाने और पहल करने का अवसर प्रदान किया है।

यह समझौता ज्ञापन, पर्यटन मंत्रालय, टीएएआई और एफएलओ के बीच सहयोग और सामंजस्य के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।

राज्य पर्यटन विभागों और राज्य पर्यटन निगमों के साथ-साथ एफएलओ और टीएएआई के राज्य के समूहों के माध्यम से जागरूकता उत्पन्न की जा सकेगी, जिससे महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया जा सकेगा, यह पर्यटन उद्योग में महिलाओं के लिए स्थायी आजीविका के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य कर सकता है और उनके आर्थिक उत्थान को सुनिश्चित कर सकता है। इस सहयोग के माध्यम से, जमीनी स्तर की महिलाओं, अर्ध शहरी, शहरी क्षेत्रों में मध्यमिक स्तर और शहरी शिक्षित बेरोजगार महिलाओं को शुरुआत करने और काम करने में मदद मिलेगी। एफएलओ और टीएएआई, महिलाओं को संबंधित हितधारकों के साथ जोड़ने, उनके आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट रूपों में प्रशिक्षण देने, राष्ट्र के विकास में समान भागीदार के रूप में उनकी स्वयं-जागरूकता को बढ़ाने और उनके आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में काम करने की प्रक्रिया में सुविधा प्रदाता के रूप में कार्य करेंगे।

प्रतिनिधियों ने देश के अंदर 15 स्थलों की यात्रा करने के लिए देखो अपना देश का संकल्प लिया।

इस पहल के अंतर्गत प्रस्तावित किए गए मुख्य घटक निम्नलिखित हैं:

(i) देखो अपना देश पहल के अंतर्गत देश के अंदर कम से कम 15 गंतव्यों की यात्रा को प्रोत्साहित करना। एफएलओ और टीएएआई की सदस्य़ता के लिए यह जरूरी होगा कि वे 8,000 से ज्यादा महिलाओं और उनके परिवार को सहायता प्रणाली का आधार प्रदान करें।

(ii) प्रत्येक राज्य में एक प्रतिष्ठित स्मारक या पर्यटक स्थल के आसपास समुदाय आधारित पर्यटन गतिविधियों का संचालन करना। जिसमें महिलाएं पर्यटन गाइड होंगी, खानपान स्टॉल चलाएंगी, अपनी कला और शिल्प के साथ स्मारिका स्टॉल लगाएंगी, सभी बही-खातों को संभालेंगी और ऐतिहासिक स्थल का संचालन करेंगी।

(iii) एफएलओ, टीएएआई के समूह सतत पर्यटन प्रथाओं के बारे में जागरूकता फैलाएंगे और जागरूकता, शैक्षिक कार्यशालाओं, सेमिनारों और पैनल चर्चाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण स्थायी आजीविका माध्यम के रूप में पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

(iv) खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता, साफ-सफाई, पर्यावरण, पाक कौशल और उद्यमिता कौशल की अवधारणाओं के बारे में महिलाओं को प्रशिक्षित करने के लिए पर्यटन कार्यशालाओं का आयोजन करने के लिए प्रशिक्षण एजेंसियों के साथ ताल-मेल करना।

(v) गैर-सरकारी संगठनों, कुछ कार्यान्वयन एजेंसियों, ट्रैवल उद्योग संघों आदि द्वारा आयोजित की जाने वाली जागरूकता कार्यशालाओं के माध्यम से महिलाओं को अतिथि देवो भवः के आदर्श वाक्य के बारे में बताया जाएगा और उन्हें जागरूक किया जाएगा।

(vi) महिलाओं के लिए आजीविका का अवसर प्रदान करने के लिए, ग्रामीण और शहरी होमस्टे के लिए समुदाय द्वारा संचालित और महिलाओं के नेतृत्व वाली पहलों का निर्माण करना।

(vii) अतुल्य भारत पर्यटक सुविधा (आईआईटीएफ) प्रमाणन कार्यक्रम के बारे में जागरूकता फैलाना।

पर्यटन मंत्रालय निम्न प्रकार से पहल को समर्थन प्रदान करेगा:

  • इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत एफएलओ, टीएएआई पहलों का समर्थन
  • पर्यटन मंत्रालय के लोगो की उपस्थिति के साथ सह-ब्रांडिंग
  • मार्गदर्शन और हस्तक्षेप
  • सही कनेक्ट के माध्यम से सुविधा प्रदान करना

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