वित्‍त मंत्रालय

डीजीजीआई -डीआरआई के नेतृत्व वाली टीमों ने 600 करोड़ रुपये से भी अधिक की कर चोरी के मद्देनजर 3 फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज किया

Posted On: 27 JUL 2020 4:43PM by PIB Delhi

मेसर्स फॉर्च्यून ग्राफिक्स लिमिटेड, मेसर्स रीमा पॉलीकेम प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स गणपति एंटरप्राइजेज के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था, जो वस्‍तुओं की किसी वास्तविक आपूर्ति के बिना ही इन्‍वॉयस जारी करने में लिप्‍त पाई गई थीं। डीजीजीआई –डीआरआई द्वारा अनुचित आईटीसी के बल पर फर्जीवाड़े से आईजीएसटी के रिफंड का दावा करने वाले विभिन्न निर्यातकों के खिलाफ सितंबर 2019 में शुरू किए गए अखिल भारतीय संयुक्त अभियान के तहत एक निर्यातक फर्म मेसर्स अनन्या एक्जि‍म के खिलाफ दर्ज किए गए मामले से जुड़े डेटा का विश्‍लेषण करने पर अधिकारियों को इस मामले का पता चला और फि‍र उन्‍होंने इस पर आगे काम किया। डीजीजीआई मुख्यालय द्वारा की गई जांच के दौरान यह जानकारी सामने आई है कि उपर्युक्‍त तीनों कंपनियों/फर्मों अर्थात मेसर्स रीमा पॉलीकेम प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स फॉर्च्यून ग्राफिक्स लिमिटेड और मेसर्स गणपति एंटरप्राइजेज ने 4,100 करोड़ रुपये से भी अधिक मूल्य के चालान (इन्‍वॉयस) जारी किए हैं, जिनके तहत 600 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की कर राशि को आईटीसी क्रेडिट के रूप में विभिन्न निकायों को फर्जीवाड़े से हस्‍तांतरित कर दिया गया है।

 

इस संबंध में जीएसटी अधिनियम के तहत विभिन्‍न तरह के अपराध करने के मद्देनजर तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से दो, जो फरार थे और डीजीजीआई मुख्यालय में अपनी उपस्थिति से निरंतर बच रहे थे, मेसर्स फॉर्च्यून ग्राफिक्स लिमिटेड, मेसर्स रीमा पॉलीकेम प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स गणपति एंटरप्राइजेज के निदेशक/प्रोपराइटर हैं। तीसरा व्यक्ति मेसर्स एबी प्लेयर्स एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक और उन विभिन्न अन्य निर्यात फर्मों/कंपनियों का नियंत्रक है, जिन्होंने इन फर्मों द्वारा जारी किए गए फर्जी चालान (इन्‍वॉयस) के बल पर आईजीएसटी के रिफंड का दावा किया है।

 

इन तीनों ही व्यक्तियों को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132(1)(बी) और 132(1)(सी) के प्रावधानों के तहत विभिन्‍न तरह के अपराध करने के मद्देनजर डीजीजीआई (मुख्यालय) द्वारा गिरफ्तार किया गया है और फि‍र उन्‍हें मजिस्ट्रेट द्वारा न्यायिक हिरासत के लिए रिमांड पर लिया गया है।

  

इस मामले में आगे की जांच प्रगति पर है।

 

 

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एसजी/एएम/आरआरएस- 6755           

 



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