विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
कोविड-19 के लिए त्वरित नियामकीय संरचना
Posted On:
25 JUL 2020 11:06AM by PIB Delhi
सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिनड्रम कोरोना वायरस-2 (सार्स-कोव-2), जिसे सामान्य रूप से 2019 नोवेल कोरोना वायरस के नाम से जाना गया, की रिपोर्ट पहली बार दिसंबर, 2019 में चीन के वुहान से की गई। इसके परिणामस्वरूप पैदा होने वाली बीमारी कोविड-19 का बहुत भयानक प्रभाव था और जनवरी, 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) के रूप में इसकी घोषणा कर दी। इसके प्रसार और उग्रता के खतरनाक स्तरों के कारण बुरी तरह चिंतित विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मार्च 2020 में इसे महामारी करार दिया।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) कोविड-19 द्वारा उत्पन्न स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने के लिए नैदानिक, उपचारात्मक, औषधि एवं टीकों के विकास के लिए सक्रियतापूर्वक काम करता रहा है। डीबीटी ने अनुसंधान प्रेरित एवं प्रौद्योगिकी केंद्रित अंतःक्षेपों को फास्ट ट्रैक मोड पर सुगम बनाने के लिए भी कई कदम उठाये हैं। कोविड-19 से मुकाबला करने की दिशा में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को प्रेरित करने एवं सुगम बनाने के लिए एक सर्वोच्च प्रयास के रूप में, डीबीटी ने निम्नलिखित अधिसूचनाओं के रूप में त्वरित नियामकीय संरचनाओं का एक समूह विकसित किया है:
कोविड-19 से संबंधित अनुसंधान एवं विकास में तेजी लाने के लिए, डीबीटी में कार्यशील जेनेटिक मैनीपुलेशन रिव्यू कमिटी (आरसीजीएम) ने फास्ट ट्रैक मोड पर, अभी तक 100 से अधिक आवेदनों को संसाधित/विचार किया है। इनमें कोविड-19 क्लिनिकल प्रतिरूप/सार्स-सीओवी2 आइसोलेट्स/प्रोसेस इंटरमीडिएट्स के आयात, निर्यात, अंतरण, प्राप्ति, कोविड-19 प्रॉफिलैक्ट्सि, थेंराप्यूटिक्स या डायगनोस्टिक प्लेटफार्म के विकास के लिए अनुसंधान करने के लिए विभिन्न संस्थानों, विश्वविद्यालयों एवं उद्योगों से प्राप्त आवेदन शामिल हैं।
(और अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: डीबीटी/बीआईआरसी का कॉन्टैक्ट कम्युनिकेशन @DBTIndia @BIRAC_2012
www.dbtindia.gov.in www.birac.nic.in)
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