खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
जोरम मेगा फूड पार्क 5000 लोगों को रोजगार देगा और लगभग 25000 किसानों को लाभान्वित करेगा: हरसिमरत कौर बादल
मिजोरम का पहला मेगा फूड पार्क लगभग 250 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश का लाभ उठाएगा
पूर्वोत्तर क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय से सहायता प्राप्त 88 परियोजनाओं को मंजूरी
Posted On:
20 JUL 2020 2:37PM by PIB Delhi
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने यह जानकारी दी है कि जोरम मेगा फूड पार्क (एमएफपी) 5,000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार देगा और सीपीसी (कोर या प्रमुख प्रसंस्करण केंद्र) एवं पीपीसी (प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र) के जलग्रहण क्षेत्रों के लगभग 25,000 किसानों को लाभान्वित करेगा। श्रीमती बादल ने मिजोरम में स्थित जोरम मेगा फूड पार्क के आभासी (वर्चुअल) उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह मेगा फूड पार्क अपने यहां अवस्थित लगभग 30 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में तकरीबन 250 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश का लाभ उठाएगा और अंतत: सालाना लगभग 450-500 करोड़ रुपये का कारोबार करने लगेगा। श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति में जोरम मेगा फूड पार्क का आभासी उद्घाटन किया। मिजोरम के मुख्य सचिव श्री लनूनमाविया चुआंगो, मिजोरम के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री आर. लालथंगलियाना, मिजोरम के पीएंडई मंत्री श्री आर. लालजिरलियाना, मिजोरम के लोकसभा सांसद श्री सी. लालरोसांगा और मिजोरम के अन्य गणमान्यजन भी इस वर्चुअल आयोजन में शामिल हुए।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने कहा कि एमएफपी में खाद्य प्रसंस्करण के लिए स्थापित की गई आधुनिक बुनियादी ढांचागत सुविधाओं से मिजोरम और इसके आसपास के क्षेत्रों के किसान, उत्पादक, प्रोसेसर एवं उपभोक्ता काफी लाभान्वित होंगे और इसके साथ ही यह मिजोरम राज्य में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास में काफी मददगार साबित होगा। मंत्रालय ने मिजोरम में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास को नई गति देने के उद्देश्य से ही मिजोरम राज्य में मेगा फूड पार्क को मंजूरी दी है। मिजोरम के कोलासिब जिले के गांव-खमरंग में मेगा फूड पार्क को मेसर्स जोरम मेगा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड ने प्रमोट किया है। यह मिजोरम राज्य में संचालित पहला मेगा फूड पार्क है।
श्रीमती बादल ने यह जानकारी साझा की कि अब तक पूर्वोत्तर क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय से सहायता प्राप्त कुल 88 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है और 41 परियोजनाएं कार्यान्वित की जा चुकी हें। उन्होंने कहा कि 520 करोड़ रुपये से भी अधिक की सब्सिडी के साथ लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि 88 परियोजनाएं जब हर दृष्टि से पूरी हो जाएंगी, तो 2,166 करोड़ रुपये मूल्य की कृषि उपज के संचालन के लिए 8.66 लाख मीट्रिक टन की प्रसंस्करण और परिरक्षण क्षमता सृजित होगी।
श्रीमती बादल ने कहा कि सरकार भारत में अपना उद्यम शुरू करने के इच्छुक निवेशकों के लिए सहज, पारदर्शी एवं आसान माहौल प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत को एक सुदृढ़ खाद्य अर्थव्यवस्था और विश्व की फूड फैक्टरी बनाने के लिए सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण को ‘मेक इन इंडिया’ का एक प्रमुख क्षेत्र बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी मार्गदर्शन में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय दरअसल खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि कृषि क्षेत्र तेजी से विकास करे और किसान की आय दोगुनी करने एवं सरकार की पहल ‘मेक इन इंडिया’ में एक बड़ा योगदानकर्ता बन सके।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रालयों से इस क्षेत्र के अधिक से अधिक विकास के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में परियोजनाओं को आवंटित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय इस बात से खुश है कि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त यह एमएफपी मिजोरम में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगा।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली कहा कि मिजोरम की राज्य सरकार ने इस एमएफपी की स्थापना में बहुत सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि यह एमएफपी 55.00 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है और 75.20 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया गया है। श्री तेली ने कहा कि जोरम एमएफपी में दी जा रही सुविधाओं से न केवल खाद्य पदार्थों की बर्बादी में कमी आएगी, बल्कि खाद्य उत्पादों में मूल्य वृर्द्धन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह पार्क किसानों की आय बढ़ाने और कृषि उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
मेसर्स जोरम मेगा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड 75.20 करोड़ रुपये की परियोजना लागत से 55.00 एकड़ भूमि में स्थापित की गई है। इस मेगा फूड पार्क के सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) में डेवलपर द्वारा स्थापित की गई सुविधाओं में अत्याधुनिक अवसंरचना के अलावा कोल्ड स्टोरेज-1000 एमटी, ड्राईवेयरहाउस -3000 एमटी, डिब्बाबंदी के साथ कीटाणुनाशक पल्प लाइन, कीटाणुनाशक और टेट्रा पैकिंग -2 एमटी/प्रति घंटा, राइपनिंग (पकने में सहायक) चैम्बर्स -40 एमटी/प्रति घंटा मसाले सुखाने की सुविधा -2MT/प्रति घंटा, खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला शामिल हैं। पार्क में कार्यालय के साथ-साथ उद्यमियों के अन्य उपयोगों के लिए एक सामान्य प्रशासनिक भवन और किसानों को लाभान्वित करने के लिए जलग्रहण क्षेत्र में खेतों के पास प्राथमिक प्रसंस्करण और भंडारण के लिए चम्फाई, थिंगफाल एवं थेनजावलहैविंग केंद्रों में 03 प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र (पीपीसी) भी हैं। इस मेगा फूड पार्क से कोलासिब जिले के लोगों के साथ-साथ मिज़ोरम के आस-पास के जिले मामित एवं आइजॉल और असम के निकटवर्ती जिलों हैलाकांडी, कछार के लोगों को भी फायदा होगा।
मेगा फूड पार्क योजना के तहत भारत सरकार प्रत्येक मेगा फूड पार्क परियोजना के लिए 50.00 करोड़ तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। वर्तमान में विभिन्न राज्यों में 18 मेगा फूड पार्क परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं और विभिन्न राज्यों में 19 मेगा फूड पार्कों में पहले ही परिचालन शुरू हो चुका है। इनमें से 6 पूर्वोत्तर क्षेत्र में हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में 2 एमएफपी असम और मिजोरम में चालू किए जा चुके हैं।
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एसजी/एएम/आरआरएस- 6734
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