शिक्षा मंत्रालय

केंद्रीय एचआरडी मंत्री एवं एचआरडी राज्य मंत्री ने संयुक्त रूप से आंध्र प्रदेश के 1200 प्रमुख ज्ञानवर्धक व्यक्तियों (रिसोर्स पर्सन) के लिए पहला ऑनलाइन निष्ठा कार्यक्रम लॉन्‍च किया


अभी तक लगभग 23,000 प्रमुख ज्ञानवर्धक व्यक्तियों तथा 17.5 लाख शिक्षकों एवं विद्यालय प्रमुखों को इस निष्ठा फेस टू फेस मोड में प्रशिक्षित किया जा चुका है: केंद्रीय एचआरडी मंत्री

शेष 24 लाख शिक्षकों एवं विद्यालय प्रमुखों के प्रशिक्षण के लिए, निष्ठा को ऑनलाइन मोड के लिए कस्टमाइज किया गया है- श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’

Posted On: 16 JUL 2020 5:51PM by PIB Delhi

आंध्र प्रदेश के 1200 प्रमुख ज्ञान वर्धक व्यक्तियों (रिसोर्स पर्सन) के लिए पहला ऑनलाइन निष्ठा कार्यक्रम आज नई दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंकएवं केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे द्वारा वर्चुअल तरीके से लॉन्‍च किया गया।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि निष्ठा अध्ययन परिणामों में सुधार लाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक प्रमुख कार्यक्रम -समग्र शिक्षा-के तहत प्रारंभिक चरण में शिक्षकों एवं विद्यालय प्रमुखों की समग्र उन्नति के लिए एक राष्ट्रीय पहल है। उन्होंने कहा कि निष्ठा फेस-टू-फेस मोड 21 अगस्त 2019 को लॉन्‍च किया गया। इसके बाद, 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने एक केंद्रीय प्रायोजित स्कीम समग्र शिक्षा के तहत सहयोग से अपने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में इस कार्यक्रम को लॉन्‍च किया। 29 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में निष्ठा प्रशिक्षण कार्यक्रम एनसीईआरटी द्वारा राज्य स्तर पर पूर्ण किया जा चुका है। 4 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, जम्मू एवं कश्मीर तथा बिहार) में राज्य स्तर पर प्रशिक्षण अभी प्रगति पर है। दो राज्यों में, इसे अभी लॉन्‍च किया जाना है। 23 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में जिला स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ किया गया है।

श्री पोखरियाल ने रेखांकित किया कि अभी तक लगभग 23,000 प्रमुख संसाधन व्यक्तियों तथा 17.5 लाख शिक्षकों एवं विद्यालय प्रमुखों को इस निष्ठा फेस टू फेस मोड में कवर किया जा चुका है।

मंत्री ने सूचित किया कि कोविड-19 महामारी स्थिति के कारण अचानक हुए लॉकडाउन ने फेस टू फेस मोड में इस प्रोग्राम के संचालन को प्रभावित किया है। इसलिए, शेष 24 लाख शिक्षकों एवं विद्यालय प्रमुखों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए निष्ठा को ऑनलाइन मोड के लिए कस्टमाइज किया गया है जिसका संचालन एनसीईआरटी द्वारा दीक्षा एवं निष्ठा पोर्टलों द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आंध्र प्रदेश ऐसा पहला राज्य है जो निष्ठा पोर्टल के माध्यम से 1200 प्रमुख ज्ञानवर्धक व्यक्तियों के लिए ऑनलाइन प्रोग्राम लॉन्‍च कर रहा है। ये संसाधन व्यक्ति आंध्र प्रदेश के शिक्षकों की मेंटरिंग में सहायता करेंगे जो बाद में दिक्षा पर ऑनलाइन निष्ठा प्रशिक्षण लेंगे।

श्री पोखरियाल ने सूचित किया कि निष्ठा के तहत विकसित मोड्यूल्स बच्चों के समग्र विकास पर फोकस करता है और इसलिए इसमें करीकुलम और समावेशी शिक्षा स्वास्थ्य और कल्याण, व्यक्तिगत सामाजिक गुणों, कला समेकित अध्ययन, स्कूली शिक्षा में पहल, विषय विशिष्ट अध्यापन शिक्षा, शिक्षण-अध्ययन में आईसीटी, नेतृत्व, पूर्व-विद्यालय शिक्षा, पूर्व-व्यावसायिक शिक्षा आदि शामिल हैं। सभी मोड्यूल्स अध्ययन परिणामों एवं शिक्षार्थी केंद्रित अध्यापन के इर्द-गिर्द केंद्रित रहते हैं। उन्होंने कहा कि ये मोड्यूल्स शिक्षकों के लिए विचारशीलता के साथ परस्परसंवादमूलक और जोड़ने वाली गतिविधियां हैं जो शिक्षकों एवं विद्यालय प्रमुखों द्वारा आनंददायक अध्ययन के लिए शैक्षणिक खेलों, क्विज, आदि के लिए स्थान उपलब्ध कराते हैं जो इसके बदले में शिक्षकों को छात्रों के शिक्षण परिणामों को बढ़ाने के लिए उनकी कक्षाओं में इसे कार्यान्वित करने के लिए प्रेरित करेंगे।

श्री पोखरियाल ने निष्ठा के जरिये देश भर में प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों एवं विद्यालय प्रमुखों के क्षमता निर्माण के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा एनसीईआरटी के प्रयासों की सराहना की। यह न केवल छात्रों के शिक्षण परिणामों को बढ़ाने में मददगार होगा बल्कि उनके सर्वांगीण विकास में भी सहायता करेगा।

इस अवसर श्री धोत्रे ने कहा कि विश्व तेज गति से विकसित हो रहा है। तेजी से बदलती इस दुनिया के साथ तालमेल बनाने के लिए, हमारे शिक्षकों को उनका विश्व दृष्टिकोण, उनकी समझ तथा शिक्षण की पद्धतियों को नियमित रूप से उन्नयन कराने की भी आवश्यकता है। हमारे लिए इस लगातार चलने वाली प्रक्रिया में देश भर में सर्वाधिक प्रभावी तरीके से उन्हें सक्षम बनाना अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि हमारी इन सर्विस शिक्षक शिक्षा प्रणाली को शिक्षकों से प्राप्त फीडबैक के प्रति अवश्य संवेदनशील होनी चाहिए और शिक्षकों के व्यक्तिगत नवोन्मेषण को उनके अध्यापन मूल्यों के लिए अवश्य सम्मानित किया जाना चाहिए और उसे हमारी मानक शिक्षण पद्धति का हिस्सा बन जाना चाहिए। हमारे लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि हमारे शिक्षकों हमारे देश की विविधताओं के प्रति बहुत सक्रिय रूप से संवेदनशील बनाया जाए। केवल तभी हमारे बच्चे इस विशाल राष्ट्र की बड़ी और विभिन्न विविधताओं के प्रति संवेदनशील बन सकेंगे। केवल इन्हीं प्रयासों से हमारे बच्चे एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना के साथ बड़े हो सकेंगे जैसीकि हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने परिकल्पना की है।

 उन्होंने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी अच्छे शिक्षकों का स्थान नहीं ले सकती जबकि प्रौद्योगिकी द्वारा समर्थित अच्छे शिक्षक शिक्षा के रूपांतरण में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजनरी नेतृत्व के तहत हम आत्म-निर्भर भारत को साकार बनाने के लिए प्रौद्योगिकी द्वारा समर्थित मूल्य आधारित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

निष्ठा-ऑनलाइन में परस्पर संपर्क के लिए विविध दृष्टिकोण हैं। एक तरफ जहां वीडियो के साथ-साथ टेक्स्ट मोड्यूल हैं, राष्ट्रीय स्तर के ज्ञानवर्द्धक व्यक्तियों द्वारा डीटीएच स्वयं प्रभा टीवी चैनल पर लाइव सत्र भी होंगे। शिक्षकों के साथ परस्पर संवाद के लिए इंटरएक्टिव वायस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) का उपयोग भी शिक्षकों के साथ परस्पर संवाद के लिए किया जाएगा। श्री धोत्रे नेइस पहल के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा एनसीईआरटी के अधिकारियों को बधाई दी।

निष्ठा फेस टू फेस में, राष्ट्रीय रिसोर्स ग्रुप (एनआरजी) द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा चिन्हित प्रमुख ज्ञानवर्धक व्यक्तियों (केआरपी) एवं राज्य ज्ञानवर्धक व्यक्ति-नेतृत्व (एसआरपी-एल) को पहले स्तर का प्रशिक्षण प्रदान किया गया था। एनआरजी का गठन एवं अनुकूलन एनसीआरईटी द्वाराएनसीआरईटी, एनआईईपीए तथा केवीएस से नियुक्त सदस्यों द्वारा किया गया था। केआरपी एवं एसआरपी-एल ने प्रशिक्षण के सोपानी (कैस्केडिंग) प्रभाव को कम करने के लिए प्रखंड स्तर पर शिक्षकों को प्रत्यक्ष रूप से प्रशिक्षण प्रदान किया था। निष्ठा ऑनलाइन में भी प्रमुख ज्ञानवर्धक व्यक्ति शिक्षकों के लिए परामर्शदाता की भूमिका निभाएंगे।

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