जल शक्ति मंत्रालय

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की


त्रिपुरा वर्ष 2023 तक सभी ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान कर देगा

Posted On: 10 JUL 2020 2:42PM by PIB Delhi

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री श्री बिप्लब कुमार देब के साथ इस राज्‍य में जल जीवन मिशनके कार्यान्वयन से संबंधित विभिन्‍न मुद्दों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। यह चर्चा दरअसल इस प्रमुख कार्यक्रम के त्वरित कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय मंत्री द्वारा विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ की जा रही वार्ताओं की श्रृंखला का एक हिस्‍सा है। भारत सरकार राज्यों के साथ साझेदारी में प्रमुख कार्यक्रम जल जीवन मिशनको कार्यान्वित कर रही है, जिससे कि पूरे देश में प्रत्येक ग्रामीण परिवार के यहां किफायती सेवा वितरण शुल्क पर नियमित रूप से और लंबे समय तक निर्धारित पर्याप्‍त मात्रा में पेयजल की आपूर्ति के लिए कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) सुनिश्चित किया जा सके। इससे उनके जीवन स्तर को बेहतर करना संभव हो पाएगा। सरकार अपनी ओर से अथक कोशिश कर रही है कि कोविड-19 के वर्तमान संकट काल के दौरान प्राथमिकता के आधार पर ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन अवश्‍य ही प्रदान कर दिए जाएं, जिससे कि ग्रामीणों को जल लाने के लिए काफी दूर स्थित सार्वजनिक पाइपलाइन वाले जल स्‍थलों पर जाने की जरूरत ही न पड़े।

त्रिपुरा दरअसल वर्ष 2024 के राष्ट्रीय लक्ष्य से काफी पहले वर्ष 2022-23 तक ही 100% कवरेज सुनिश्चित करने की योजना बना रहा है। त्रिपुरा में 8 लाख ग्रामीण परिवारों में से केवल 68,178 परिवारों को ही एफएचटीसी दिए गए हैं। त्रिपुरा ने शेष बचे परिवारों में से 2.65 लाख परिवारों को वर्ष 2020-21 के दौरान नल कनेक्शन देने की योजना बनाई है। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे ‘मिशन मोड’ में 1,178 गांवों में मौजूदा जलापूर्ति योजनाओं के तहत नल कनेक्शन प्रदान करने का काम शुरू कर दें, ताकि लगभग 7 लाख परिवारों को ‘नल से जल’ कनेक्शन मिल सकें। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य के सभी परिवारों को वर्ष 2023 तक नल कनेक्शन प्रदान कर दिए जाएंगे, ताकि गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों को अपने घर के परिसर में ही नल कनेक्शन मिल सकें।

वर्ष 2020-21 में 156.61 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है और इसमें राज्य की हिस्सेदारी और राज्य के पास पड़ी अव्ययित (खर्च न की गई) शेष राशि को जोड़ देने पर त्रिपुरा में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कार्यान्वयन के लिए 383.45 करोड़ रुपये की सुनिश्चित उपलब्धता है। त्रिपुरा भौतिक और वित्तीय प्रदर्शन के आधार पर अतिरिक्त आवंटन के लिए उपयुक्‍त पात्र है। चूंकि ‘पीआरआई को 15वें वित्त आयोग के अनुदान’ के तहत त्रिपुरा को 191 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और इसके 50% का उपयोग जलापूर्ति एवं स्वच्छता के लिए किया जाना है, इसलिए इसके मद्देनजर केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री से ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति, धूसर जल के प्रबंधन और सबसे महत्वपूर्ण जलापूर्ति योजनाओं का दीर्घकालिक परिचालन एवं रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए इस कोष का उपयोग करने की योजना बनाने का आग्रह किया।

केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री से ग्राम पंचायत की एक उप-समिति के रूप में ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति/पानी समितियों का गठन करने का अनुरोध किया जिसमें न्यूनतम 50% महिला सदस्य होनी चाहिए। इस पर ही गांव के भीतर अवस्थित जलापूर्ति से जुड़ी अवसंरचना की योजना बनाने, डिजाइनिंग, कार्यान्वयन और परिचालन तथा रखरखाव करने की जिम्मेदारी होगी। चर्चा के दौरान इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि प्रत्‍येक गांव को ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार करनी होगी, जिसमें पेयजल के स्रोतों का विकास/संवर्द्धन, जलापूर्ति घटक, धूसर जल का प्रबंधन और संचालन तथा रखरखाव घटक अनिवार्य रूप से शामिल होंगे। मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया कि वे इस मिशन और आईईसी अभियान के साथ-साथ समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करने पर भी पूरी तरह से फोकस करें, ताकि जल जीवन मिशन को एक जन आंदोलन का स्‍वरूप प्रदान किया जा सके।

विचार-विमर्श के दौरान इस बात पर विशेष बल दिया गया कि हर वर्ष पेयजल के सभी स्रोतों का रासायनिक मापदंडों पर एक बार और बैक्टीरिया या जीवाणु से जुड़े संदूषण के मापदंड पर दो बार (मानसून से पूर्व एवं इसके पश्‍चात) परीक्षण करने की आवश्यकता है। त्रिपुरा से यह भी कहा गया कि वह प्रत्‍येक गांव में कम से कम पांच व्यक्तियों, मुख्‍यत: महिलाओं का प्रशिक्षण सुनिश्चित करे, जिससे कि फील्‍ड टेस्‍ट किट (एफटीके) की मदद से जल की गुणवत्ता पर निरंतर पैनी नजर रखी जा सके।

कोविड-19 महामारी के मौजूदा संकट के दौरान सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए जो ठोस प्रयास कर रही है उससे निश्चित तौर पर ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं और लड़कियों की ‘दूर से जल लाने की विवशता’ समाप्‍त हो जाएगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं एवं लड़कियों की जिंदगी आसान हो जाएगी और इसके साथ ही वे सुरक्षित एवं गरिमापूर्ण जीवन जी सकेंगी।

 

***

एसजी/एएम/आरआरएस- 6712                                                                                                       


(Release ID: 1637774) Visitor Counter : 329