कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह को देश भर के निजी चिकित्सकों से कोविड के मसले पर राय प्राप्त हुई
Posted On:
19 JUN 2020 7:24PM by PIB Delhi
केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह को आज देशभर के निजी चिकित्सकों से कोविड के मसले पर राय प्राप्त हुई।
डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक चले एक वेबिनार में, प्रमुख चिकित्सक और चिकित्सा विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने चेन्नई, नई दिल्ली, मुंबई, नागपुर, पटना, कोटा, इरोड आदि जैसे विभिन्न भारतीय शहरों से अपनी जानकारियां दी।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भारत की चिकित्सक बिरादरी की समय की मांग के अनुरूप खड़े होने और कोरोना के खिलाफ जंग को सफलतापूर्वक लड़ने के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि चिकित्सक बिरादरी के साथ-साथ भारत के स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे ने इस संकट के दौरान दुनिया को अपनी अंतर्निहित क्षमता और कम समय में खुद को फिर से खड़ा करने और समुदाय के लिए अपनी जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन करने क्षमता को साबित किया।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने स्वच्छता और साफ-सफाई सहित चिकित्सा प्रबंधन में गैर-औषधीय अभ्यासों का जिक्र किया जोकि भारत में 1970 या 1980 के दशक तक बेहतर एंटी माइक्रोबियल दवाओं के आगमन से पहले प्रचलित थे। इस संदर्भ में, उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सक अधिकांश पश्चिमी चिकित्सकों की तुलना में संक्रमण और संचारी रोगों से ज्यादा बेहतर तरीके से निपट सकने में सक्षम है।
डॉ. ए मुरुगनाथन, जिन्होंने इस वेबिनार का संचालन किया, उन्होंने आरोग्यसेतु के उपयोग को लोकप्रिय बनाने और विशेष रूप से दक्षिण भारत के कुछ अस्पतालों के रोकथाम और सदस्यता आधारित स्वास्थ्य बीमा के भारतीय मॉडलों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता के बारे में बताया।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि अब आगे का काम निवारक पहलुओं पर ध्यान देना है और हर समय महामारी की तैयारी के लिए जुटे रहना है। इस संबंध में, उन्होंने आयुष्मान भारत का भी उल्लेख किया जो कि एक अनूठी स्वास्थ्य बीमा योजना है जिसे आगे और व्यापक व समावेशी बनाने के लिए काम किया जा सकता है।
प्रतिभागी डॉक्टरों से आए विभिन्न सुझावों में निजी क्षेत्र पर कम विनियमों की आवश्यकता, बिना लाइसेंस वाले डॉक्टरों की जांच करने की तत्काल आवश्यकता, बेमतलब की प्रक्रियाओं को समाप्त करने की आवश्यकता शामिल हैं ताकि युवा डॉक्टर को चिकित्सा क्लीनिक स्थापित करने, पीपीपी मॉडल को बढ़ावा देने आदि के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
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