पर्यटन मंत्रालय

पर्यटन मंत्रालय ने देखो अपना देश श्रृंखला के अंतर्गत 31वें वेबिनार के जरिये “हिमाचल- अराउंड द नैक्‍स्‍ट बेन्‍ड” का वर्चुअल प्रदर्शन किया

Posted On: 12 JUN 2020 6:29PM by PIB Delhi

       केन्‍द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने 11 जून, 2020 को "देखो अपना देश" वेबिनार श्रृंखला के 31वें सत्र में "हिमाचल- अराउंड द नैक्‍स्‍ट बेन्‍ड" में खूबसूरत गांवों, पहाड़ों, प्राचीन नदियों, संस्कृति और विरासत पर ध्यान केन्द्रित किया। देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला एक भारत, श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत भारत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करने का एक प्रयास है।

       11 जून, 2020 को देखों अपना देश वेबिनार श्रृंखला का सत्र, पर्यटन मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक, रूपिंदर बरार द्वारा संचालित किया गया। इस सत्र को द 4 टेबल प्रोजेक्ट के संस्थापकफ्रैंक श्लीक्टमैन, सनशाइन हिमालयन एडवेंचर्स के मैनेजिंग होस्टअंकित सूदऔर हिमालयन ऑर्चर्ड के मालिक माइकल एंड देवांश लिद्गले ने प्रस्तुत किया। तीनों प्रस्तुतकर्ताओं ने हिमाचल प्रदेश के अनछुए स्थलों और अद्वितीय सांस्कृतिक और धरोहर सम्‍पदा को वर्चुअलाइज किया और इन पर प्रकाश डाला।

       श्री फ्रैंक श्लीक्टमैन ने सत्र की शुरुआत प्रकृति, झरनों, वन के खूबसूरत मिश्रण एक दिलचस्प कला गांव गुणहर से की। गुणहर कांगड़ा जिले में स्थित है। गुणहर में इस कला परियोजना के पीछे का विचार यह है कि यात्रियों के बीच यह जानकारी फैलाने का प्रयास किया जाए कि इस स्‍थान पर बहुत अधिक भीड़ से गाँव को प्रभावित किए बिना गांव पर ध्यान केन्द्रित किया जाए। गुणहर अच्छी तरह से सड़क, रेल और हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है। घाटी में कई छोटे गांव हैं और सिर्फ 3000 लोगों के साथ गुणहर सबसे बड़ी पंचायत है। कुछ बारा भंगालियों के साथ अधिकतर लोग गद्दी हैं। करीब 100 साल पहले यहां बस्ती शुरू हुई। मूल रूप से गांव के लोग चरवाहे हैं, लेकिन अब उनमें से कई किसान हैं, कुछ की दुकानें हैं और कुछ काम करते हैं। ग्रामीण स्थिर हैं, वह समझदार और व्‍यावहारिक हैं। वर्ष 2008 में 4 टेबल प्रोजेक्ट की शुरुआत अच्छी भागीदारी के साथ हुई, इसके बाद 2013 में कला उत्सव का आयोजन किया गया। कला की दुकानों को विकसित किया गया, कलाकारों को खाली स्थानों में आने और काम करने के लिए आमंत्रित किया गया और अपनी कला प्रस्तुत करने का मौका दिया गया, जिसमें सभी क्षेत्रों के लोगों ने भाग लिया। पूरा कार्यक्रम कलाकारों, आगंतुकों और ग्रामीणों का एक संयुक्त उद्यम है। ग्रामीण इसे मेला कहते हैं। यह एक बहुत बड़ी सफलता बन गई है और अंतिम सप्ताहथिएटर, संगीत, फिल्म स्क्रीनिंग आदि के साथ कला महोत्‍सव के रूप में आयोजित किया जाता है। स्थानीय सांस्कृतिक तत्वों को कला महोत्सव के समापन समारोह में अच्‍छा प्रतिनिधित्व दिया जाता है।

       श्री अंकित सूद हमें वस्तुतः कुल्लू क्षेत्र में स्थित विश्व विरासत स्थल ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क ले गए। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क चार घाटियों-सैंज घाटी, जिवा नल घाटी, तीर्थन घाटी और पार्वती घाटी में फैला हुआ है। पार्क 1,000 से अधिक पौधों की प्रजातियों, कई औषधीय जड़ी-बूटियों, 31 स्तनपायी प्रजातियों और 209 पक्षी प्रजातियों, साथ ही जलस्‍थलचर, रेंगने वाले जन्‍तुओं और कीड़े-मकोड़ों की रक्षा करता है। जीएचएनपी की स्तनधारी प्रजातियों में से चार और इसकी तीन पक्षी प्रजातियों को विश्व स्तर पर खतरा है, जिसमें कस्तूरी मृग और पश्चिमी सींग वाला ट्रेगोपैन भी शामिल है।

       माइकल एंड देवांश लिद्गले ने हिमाचल प्रदेश में तीसरेबहुत कम मशहूर गंतव्य शिमला जिले के एक शहर कोटखाई को दिखाया।

•     कोटखाई पैलेस 800 साल पुराना है और शाही परिवार अभी भी महल में निवास कर रहा है।

•     रुखला गाँव - एक सेब उगाने वाला गाँव। रुखला से तीन घंटे की ऊपर की तरफ बढ़ने पर आपको सबसे ऊंचे बिंदु तक ले जाती है, जहाँ आप ग्रेटर हिमालय का 360 डिग्री का मंत्रमुग्‍ध करने वाले नज़ारे का आनंद ले सकते हैं। यह गांव काले भालू, भूंकने वाले हिरन, कस्‍तूरी मृग, लंगूर, तेंदुए और मोनाल सहित अपनी शानदार वनस्पतियों और जीवों के लिए प्रसिद्ध है।

•     किराड़ी मंदिर- कोटखाई वास्तुकला लकड़ी और पत्थर भूकंप प्रतिरोधी

•     नारायण मंदिर- मूल शैली पर आधारित पुनर्निर्माण।

•     नागा पंथ –अंडरवर्ल्ड का नायक भूमिगत जल स्रोतों पर शासन करता है, जो उर्वरता से जुड़ा है। नाग भूरी माता का पुत्र है, हिमाचल में एक शक्तिशाली देवी की पूजा की जाती है और भेड़ की बलि उसे प्रसन्न करती है। पहाड़ी बोली में गाने गाए जाते हैं।

•     सेब की खेती

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) एक पेशेवर टीम के साथ सीधे तकनीकी सहायता प्रदान करके देखो अपना देश वेबिनार के संचालन में मंत्रालय का सहयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

वेबिनार के सत्र अब https://www.youtube.com/channel/UCbzIbBmMvtvH7d6Zo_ZEHDA पर और पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के सभी सोशल मीडिया हैंडलों पर उपलब्‍ध हैं।

अगला वेबिनार 13 जून 2020 को 1100 बजे से ‘ट्रैकिंग इन द हिमालयाज – मैजिकल एक्‍सपीरियंस’ पर होगा। पंजीकरण के लिए https://bit.ly/HimalayasDAD पर क्लिक करें।

 

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