पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

सरकार ने देश में विदेशी जीवित प्रजातियों के आयात और इसके रख-रखाव की प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए परामर्श जारी किये

Posted On: 11 JUN 2020 2:59PM by PIB Delhi

     विदेशी (एक्सोटिक) जीवित प्रजातियां, पशु या पौधों की उन प्रजातियों को कहा जाता है, जिन्हें अपने मूल स्थान से नए स्थान पर ले जाया जाता है। इन प्रजातियों को अक्सर लोगों द्वारा नए स्थान पर ले जाया जाता है। देश के बहुत से नागरिकों ने सीआईटीईएस (संकटग्रस्त प्रजाति अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन) को अपने पास रखा है, जिसमे विदेशी पशु प्रजातियों को सूचीबद्ध किया गया है। लेकिन राज्य/केंद्र स्तर पर ऐसी प्रजातियों के स्टॉक से सम्बंधित कोई एकीकृत सूचना प्रणाली उपलब्ध नहीं है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अगले छह महीनों में स्वैच्छिक जानकारी देने के माध्यम से ऐसी प्रजातियों के धारकों से स्टॉक जानकारी एकत्र करने का निर्णय लिया है।

     पंजीकरण, पशुओं व नए शावकों के स्टॉक साथ-साथ आयात और विनिमय के लिए किया जाएगा। इससे प्रजातियों के बेहतर प्रबंधन में मदद मिलेगी और यह धारकों को उचित पशु चिकित्सा देखभाल, आवास और प्रजातियों की भलाई के अन्य पहलुओं के बारे में मार्गदर्शन करेगा। विदेशी पशुओं के डेटाबेस से पशु-रोगों के नियंत्रण और प्रबंधन में मदद मिलेगी। जानवरों और मनुष्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर मार्गदर्शन भी उपलब्ध होगा।

     घोषणाकर्ता को विदेशी जीवित प्रजातियों के संबंध में किसी भी दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी, यदि परामर्श जारी करने की तारीख के छह महीने के भीतर घोषणा की जाती है। 6 महीने के बाद की गई किसी भी घोषणा के लिए, घोषणाकर्ता को मौजूदा कानूनों और नियमों के तहत दस्तावेज की आवश्यकता के नियम का पालन करना होगा।

     ऐसी प्रजातियों के धारकों को वेबसाइट www.parivesh.nic.in पर जाना होगा और स्टॉक पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आवश्यक फॉर्म भरने होंगे।

     एडवाइजरी के पूर्ण विवरण के लिए यहाँ क्लिक करें

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